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भारतीय अर्थव्यवस्था

आर्थिक सुधारों के बाद से सबसे धीमी वृद्धि दर: विश्व बैंक

  • 13 Apr 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

दक्षिण एशिया आर्थिक फोकस; आर्थिक अद्यतन, भारत में पंजीकृत क्रेडिट रेटिंग एजेंसियाँ

मेन्स के लिये:

COVID- 19 का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

चर्चा में क्यों?

विश्व बैंक के ‘दक्षिण एशिया आर्थिक फोकस’ (South Asia Economic Focus) आर्थिक अद्यतन के अनुसार, COVID- 19 महामारी के कारण वित्त वर्ष 2021 में भारत की आर्थिक विकास दर की वर्ष 1991 के उदारीकरण के बाद से सबसे खराब रहने की संभावना है।

GDP-Growth

मुख्य बिंदु:

  • विश्व बैंक के अनुसार, दक्षिण एशियाई क्षेत्र के आठ देशों की आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2020-21 में 1.8 से 2.8% रहने का अनुमान है जो छह माह पूर्व 6.3 प्रतिशत अनुमानित थी। 
  • विश्व बैंक के अनुसार, वर्ष 2019 के 5.4-4.1% आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान के विपरीत, वर्ष 2020-21 में 1.5-2.8% प्रतिशत रहने का अनुमान है।
  • वित्त वर्ष 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 1.5% बढ़कर 2.8% होने का अनुमान है।
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 (अप्रैल से मार्च तक) में भारत की विकास दर 4.8-5% तक रहने का अनुमान है।

अन्य एजेंसियों का अनुमान:

  • विश्व बैंक के समान अन्य अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने भी भारत की विकास दर कम रहने का अनुमान लगाया है।  
  • एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank- ADB) ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि में 4% तक कमी होने का अनुमान लगाया है।
  • स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (Standard & Poor's- S&P) ने विकास दर को 5.2% के अनुमान से घटाकर 3.5% कर दिया है।
  • फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) के अनुसार, भारत की विकास दर 2% रहने का अनुमान है, जबकि इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (India Ratings & Research) ने पूर्वानुमान को संशोधित कर 5.5% से कम करके 3.6% कर दिया है।
  • मूडीज (Moody’s) ने कैलंडर वर्ष (Calendar Year: जनवरी से दिसंबर) 2020 के लिये अनुमान 5.3% से घटाकर 2.5% कर दिया है। 

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी:   

  • साधारण शब्दों में क्रेडिट रेटिंग किसी भी देश, संस्था या व्यक्ति की ऋण लेने या उसे चुकाने की क्षमता का मूल्यांकन होती है।

भारत में पंजीकृत क्रेडिट रेटिंग एजेंसियाँ:

  • क्रिसिल (CRISIL)
  • इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (India Ratings and Research)
  • आईसीआरए (ICRA)
  • क्रेडिट एनालिसिस एंड रिसर्च (CARE)
  • ब्रिकवर्क रेटिंग्स इंडिया (Brickwork Ratings India)
  • समेरा रेटिंग (SMERA) 
  • इंफोमेरिक्स वैल्यूएशन और रेटिंग (Infomerics Valuation and Rating)

दुनिया की बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियाँ:

  • दुनिया के विभिन्न देशों या बड़ी संस्थाओं की रेटिंग दुनिया की तीन बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियाँ; फिच, मूडीज़ और S&P तय करती हैं। इनमें S&P सबसे पुरानी एजेंसी है।

धीमी वृद्धि दर का कारण:

  • COVID- 19 महामारी से घरेलू आपूर्ति श्रंखला प्रभावित होने तथा मांग में व्यवधान उत्पन्न होने से वित्त वर्ष 2021 (अप्रैल 2020 से मार्च 2021) में तेज़ मंदी आने की संभावना है।
  • वर्ष 2022 तक COVID- 19 महामारी का प्रभाव समाप्त होने की संभावना है तथा वित्त वर्ष 2022 में आर्थिक वृद्धि दर 5% रहने की उम्मीद है। 

उपाय:

  • वैश्विक अर्थव्यवस्था पर वायरस के प्रभाव को कम करने के लिये सही ढंग से तैयार किये गए राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज की आवश्यकता है, जिसमें वायरस के प्रसार को रोकने के लिये स्वास्थ्य व्यय को प्राथमिकता और महामारी से प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना शामिल हो।
  • सभी राष्ट्रों को कुछ तात्कालिक नीतिगत उपायों की आवश्यकता है, जो न केवल महामारी को रोकने और जीवन को बचाने की दिशा में कार्य करें बल्कि समाज में सबसे कमज़ोर व्यक्ति को आर्थिक संकट से बचाने और आर्थिक विकास तथा वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में भी सहायक हों।

दक्षिण एशिया आर्थिक फोकस

(South Asia Economic Focus):

  • यह दक्षिण एशिया में हुए हालिया आर्थिक विकास तथा निकट भविष्य के आर्थिक दृष्टिकोण को पेश करने वाला एक अर्द्धवार्षिक आर्थिक अद्यतन (Economic Update) है। 
  • इसमें दक्षिण एशिया के आठ देशों- अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, और श्रीलंका को कवर किया जाता है।
  • इस आर्थिक अद्यतन में दक्षिण एशियाई देशों की आर्थिक स्थिरता, विकास, तथा समृद्धि का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया जाता है। 

स्रोत: द हिंदू

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