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जैव विविधता और पर्यावरण

समतापमंडलीय ऐरोसोल हस्तक्षेप का वैश्विक खाद्य उत्पादन पर प्रभाव

  • 12 Oct 2023
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

समतापमंडलीय ऐरोसोल हस्तक्षेप (स्ट्रैटोस्फेरिक एरोसोल इंटरवेंशन), जियोइंजीनियरिंग तकनीक

मेन्स के लिये:

जियोइंजीनियरिंग तकनीकों का अनुप्रयोग और संबद्ध चिंताएँ, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-विकास और उनके अनुप्रयोग तथा प्रभाव, जलवायु परिवर्तन

स्रोत: डाउन टू अर्थ

चर्चा में क्यों?

नेचर फूड जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में वैश्विक खाद्य उत्पादन पर जियोइंजीनियरिंग तकनीक-समतापमंडलीय ऐरोसोल हस्तक्षेप (stratospheric aerosol intervention- SAI) के संभावित परिणामों पर प्रकाश डाला गया है।

अध्ययन के मुख्य बिंदु:

  • जलवायु हस्तक्षेप के रूप में SAI की भूमिका:
    • जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में उपयोग की जाने वाली पारंपरिक शमन रणनीतियों की विफलता की स्थिति में SAI को वैकल्पिक योजना अथवा प्लान B माना जाता है।
    • समतापमंडल (वायुमंडल की एक परत जो सतह से लगभग 10 से 50 किलोमीटर ऊपर तक फैली हुई है) में सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जित करके SAI ज्वालामुखी जैसा विस्फोट करता है। जहाँ यह ऑक्सीकरण द्वारा सल्फ्यूरिक एसिड उत्पन्न करता है, जो बाद में रिफ्लेक्टिव ऐरोसोल कण का निर्माण करता है।
      • उदाहरण के लिये, फिलीपींस में वर्ष 2001 में माउंट पिनाटुबो में हुए विस्फोट से लगभग 15 मिलियन टन सल्फर डाइऑक्साइड समताप मंडल में उत्सर्जित हुआ, जो बाद में ऐरोसोल कण बना।
      • नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के अनुसार, इस घटना के बाद अगले 15 महीनों में औसत वैश्विक तापमान में लगभग 0.6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई
  • कृषि क्षेत्र पर विविध प्रभाव:
    • SAI के कारण तापमान में कमी आने की वजह से वर्षा और सौर विकिरण जैसे कारकों के आधार पर कृषि क्षेत्र पर विभिन्न प्रकार के प्रभाव देखे जाते हैं।
      • फसल उत्पादन हेतु सूचित निर्णय लेने के लिये आदर्श वैश्विक तापमान की समझ होना  महत्त्वपूर्ण है।
    • मक्का, चावल, सोयाबीन और वसंत ऋतु में बोए जाने वाले गेहूँ जैसी फसलों पर SAI के प्रभावों का मूल्यांकन करने के लिये शोधकर्त्ताओं द्वारा कंप्यूटर मॉडल का उपयोग किया जाता हैं।
    • अनियंत्रित जलवायु परिवर्तन की स्थिति में भी कनाडा और रूस जैसे ठंडे, उच्च अक्षांश वाले क्षेत्रों में फसल उत्पादन की जाती है।
    •   मध्यम SAI स्तर उत्तरी अमेरिका और यूरेशिया जैसे मध्य अक्षांश वाले समशीतोष्ण क्षेत्रों में खाद्य उत्पादकता बढ़ा सकते हैं।
    • बड़ी मात्रा में जलवायु हस्तक्षेप के तहत, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में कृषि उत्पादन में वृद्धि देखी जा सकती है।
      • इन क्षेत्रों में मेक्सिको, मध्य अमेरिका, कैरेबियन और दक्षिण अमेरिका का ऊपरी आधा हिस्सा, अधिकांश अफ्रीका, मध्य पूर्व के कुछ हिस्से, भारत का अधिकांश, संपूर्ण दक्षिण पूर्व एशिया, अधिकांश ऑस्ट्रेलिया और ओशिनिया के अधिकांश द्वीप राष्ट्र शामिल हैं।
    • विभिन्न राष्ट्र अपनी भौगोलिक स्थिति और जलवायु स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, फसल उत्पादन को अधिकतम करने के लिये अलग-अलग SAI स्तरों का विकल्प चुन सकते हैं।
  • व्यापक प्रभाव आकलन:
    • फसल उत्पादन से परे, अध्ययन अन्य परिणामों का पता लगाने की आवश्यकता पर बल देता है, जैसे: मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव।

स्ट्रैटोस्फेरिक एरोसोल इंटरवेंशन (SAI)

  • SAI ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिये सौर जियोइंजीनियरिंग (या सौर विकिरण संशोधन) की एक प्रस्तावित विधि है। 
    • इसके तहत वैश्विक दीप्तिमंदकता (Global Dimming) और बढ़े हुए अल्बेडो के माध्यम से शीतलन प्रभाव पैदा करने के लिये समताप मंडल में एरोसोल को मुक्त किया जाएगा, जो कि ज्वालामुखी सर्दियों के दौरान  स्वाभाविक रूप से होता है।
  • हालाँकि, SAI के कुछ संभावित नुकसान यह हैं कि इसके पर्यावरण और मानव समाज के लिये अनपेक्षित परिणाम हो सकते हैं, जैसे कि ओज़ोन परत, जल विज्ञान चक्र, मानसून प्रणाली और फसल की पैदावार को प्रभावित करना।

जियोइंजीनियरिंग तकनीक

  • परिचय:
    • यह एक ऐसा शब्द है जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिते पृथ्वी की जलवायु प्रणाली में इच्छित रूप से बड़े पैमाने पर हस्तक्षेप को संदर्भित करता है।
    • ये हस्तक्षेप आम तौर पर दो श्रेणियों में आते हैं: कार्बन डाइऑक्साइड निष्कासन (Carbon Dioxide Removal- CDR) और सौर विकिरण प्रबंधन (Solar Radiation Management- SRM)।
  • कार्बन डाइऑक्साइड निष्कासन (CDR): 
    • इन तकनीकों का लक्ष्य वायुमंडल से अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड को हटाना है, जिससे ग्रीनहाउस प्रभाव कम हो सके।
    • CDR तकनीकों के उदाहरण:
      • Afforestation and Reforestation: वनरोपण और पुनर्वनीकरण:
        • पौधों द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड के प्राकृतिक अवशोषण को बढ़ाने के लिये पेड़ लगाना या वनों को बहाल करना।
      • बायोचार:
        • बायोमास को चारकोल में परिवर्तित करना और इसकी कार्बन भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिये इसे मृदा में दबा देना।
      • बायोएनर्जी विथ कार्बन कैप्चर एंड स्टोरेज (BECCS):
        • जैव ईंधन उत्पादन के लिये फसलें उगाना और दहन के दौरान उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड को एकत्र करना तथा भूतल के नीचे अथवा समुद्र में इसे संग्रहीत/इसका भंडारण करना।
      • महासागरीय निषेचन: 
        • फाइटोप्लैंकटन के विकास को प्रोत्साहित करने के लिये समुद्र में लौह अथवा नाइट्रोजन जैसे पोषक तत्त्वों का विसर्जन किया जाता है जो जल में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है तथा पोषक तत्त्वों को समुद्र के तल में स्थानांतरित करता है।
  • सौर विकिरण प्रबंधन (SRM):
    • इन तकनीकों का लक्ष्य पृथ्वी की सतह तक पहुँचने वाली सौर ऊर्जा की मात्रा को कम करना है जिससे ग्रह की ऊष्मा को संतुलित रखने में सहायता मिल सके। 
    • SRM तकनीकों के उदाहरण:
      • स्ट्रैटोस्फेरिक एरोसोल इंटरवेंशन (SAI)
      • स्पेस बेस्ड रिफ्लेक्टर (SBR):
        • सौर विकिरण को आंशिक रूप से अवरुद्ध अथवा विक्षेपित करने के लिये पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में दर्पण अथवा अन्य उपकरण स्थापित करना।
      • मरीन क्लाउड ब्राइटनिंग (MCB): 
        • मरीन क्लाउड ब्राइटनिंग एक अल्बेडो संशोधन तकनीक को संदर्भित करती है जिसका उद्देश्य कुछ बादलों की परावर्तनशीलता और संभवतः जीवनकाल को भी बढ़ाना है ताकि अधिकतम सूर्य के प्रकाश को वापस अंतरिक्ष में प्रतिबिंबित किया जा सके तथा जलवायु परिवर्तन के कुछ प्रभावों को आंशिक रूप से कम किया जा सके।
      • मेघ विरलन तकनीक (Cirrus Cloud Thinning- CCT):
        • उच्च-स्तरीय सिरस मेघों के गठन अथवा उनकी दृढ़ता को कम करना जो बर्फ के क्रिस्टल अथवा अन्य पदार्थों की सहायता से क्लाउड सीडिंग द्वारा ताप को अवशोषित करते हैं।
      • सर्फेस अल्बेडो मोडिफिकेशन (SAM):
        • इस प्रक्रिया में छतों को सफेद रंग से रंगकर, रेगिस्तानों को परावर्तक चादरों से ढककर भूमि अथवा समुद्र की सतह की परावर्तनशीलता को बदलने का प्रयास किया जाता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से किसके संदर्भ में कुछ वैज्ञानिक पक्षाभ मेघ विरलन तकनीक तथा समताप मंडल में सल्फेट वायुविलय अंतःक्षेपण के उपयोग का सुझाव देते हैं? (2019) 

(a) कुछ क्षेत्रों में कृत्रिम वर्षा करवाने के लिये
(b) उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की बारंबारता और तीव्रता को कम करने के लिये
(c) पृथ्वी पर सौर पवनों के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिये
(d) ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिये

उत्तर: (d)

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