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भारतीय राजनीति

अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम राज्य स्थापना दिवस

  • 22 Feb 2021
  • 9 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम के लोगों को उनके राज्य के 35वें स्थापना दिवस पर शुभकामनाएँ दीं।

  • मिज़ोरम भारतीय संविधान के 53वें संशोधन (वर्ष 1986) के साथ 20 फरवरी, 1987 को भारतीय संघ का 23वाँ राज्य बन गया।
  • इसी तरह भारतीय संविधान में 55वें संशोधन (वर्ष 1986) के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश 20 फरवरी, 1987 को भारतीय संघ का 24वाँ राज्य बना।

मिज़ोरम:

  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: मिज़ो पर्वतीय क्षेत्र स्वतंत्रता के समय असम के भीतर लुशाई हिल्स ज़िला बन गया। आगे चलकर वर्ष 1954 में इसका नाम बदलकर असम का मिज़ो हिल्स ज़िला कर दिया गया।
    • मिज़ोरम नेशनल फ्रंट (MNF) के नरमपंथियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर के बाद वर्ष 1972 में मिज़ोरम को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था।
    • केंद्र सरकार और MNF के बीच एक समझौता ज्ञापन (मिज़ोरम शांति समझौता) पर हस्ताक्षर करने के बाद वर्ष 1986 में केंद्रशासित प्रदेश मिज़ोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था।
  • भौगोलिक अवस्थिति:
    • अंतर्राष्ट्रीय सीमा: म्याँमार और बांग्लादेश।
    • राज्य सीमा: त्रिपुरा (उत्तर-पश्चिम), असम (उत्तर) और मणिपुर (उत्तर-पूर्व)।
  • जनसंख्या: मिज़ोरम देश का दूसरा सबसे कम आबादी वाला राज्य है, इसकी आबादी 4,00,309 है।
    • लिंग अनुपात: प्रति 1000 पुरुष पर 975 महिला है (राष्ट्रीय स्तर पर यह 943 है)।
    • राज्य की साक्षरता दर 91.58% है (राष्ट्रीय दर: 74.04%)।
  • जैव विविधता: भारत वन स्थिति रिपोर्ट (ISFR), 2019 के अनुसार, मिज़ोरम में वनावरण क्षेत्रफल (85.4%) देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है।
    • राजकीय पशु: सीरो (Serow)
    • राजकीय पक्षी: धारीदार पूँछ वाला तीतर या ह्यूम तीतर (Hume Bartailed Pheasant)
  • संरक्षित क्षेत्र:
    • डंपा टाइगर रिज़र्व
    • मुरलेन राष्ट्रीय उद्यान
    • फवंगपुई राष्ट्रीय उद्यान
    • नेंगेंगपुई वन्यजीव अभयारण्य
    • तवी वन्यजीव अभयारण्य
  • जनजातियाँ: भारत के अन्य सभी राज्यों की तुलना में मिज़ोरम में जनजातीय आबादी का प्रतिशत सबसे अधिक है।
    • मिज़ो समुदाय में 5 प्रमुख और 11 गौण जनजातियाँ हैं जिन्हें सामूहिक रूप से अवजिया (Awzia) कहा जाता है। इन 5 प्रमुख जनजातियों में लुशाई, रालते, ह्मार, पाइहते, पावी (अथवा पोई) शामिल हैं।
    • मिज़ो एक सामाजिक तौर पर जुड़ा हुआ समाज है जिसमें लिंग, प्रतिष्ठा या धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।
    • मिजो एक कृषिप्रधान समुदाय है, इस समुदाय के लोग झूम कृषि (Jhum Cultivation) की प्रणाली को अपनाते हैं।
  • त्योहार और नृत्य: मिज़ो समुदाय के दो मुख्य त्योहार हैं- मिम कुट, चपचार कुट।
    • चपचार कुट (Chapchar Kut): यह वसंत ऋतु का एक त्योहार है, जो "झूम कृषि के लिये जंगल की सफाई के कार्य के पूरा होने के बाद मनाया जाता है, यह मिज़ोरम का सबसे लोकप्रिय त्योहार है।
    • मिम कुट: मिम कुट अथवा मक्का त्योहार अगस्त और सितंबर के माह के दौरान मक्के की कटाई के बाद मनाया जाता है।
    • मिज़ो के सबसे रंग-बिरंगे और विशिष्ट नृत्य को चेरव कहा जाता है। इस नृत्य के लिये लंबी बाँस की सीढ़ियों का उपयोग किया जाता है, इसलिये कई लोग इसे 'बाँस नृत्य' भी कहते हैं।

अरुणाचल प्रदेश:

  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान वर्ष 1972 तक इस राज्य को नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (NEFA) के रूप में जाना जाता था।
    • 20 जनवरी, 1972 को यह केंद्रशासित प्रदेश बना और इसका नाम अरुणाचल प्रदेश रखा गया।
  • भौगोलिक अवस्थिति: अरुणाचल प्रदेश का गठन वर्ष 1987 में असम से अलग एक पूर्ण राज्य के रूप में किया गया था।
    • पश्चिम में अरुणाचल प्रदेश की सीमा भूटान से लगती है और इसके उत्तर में चीन का तिब्बती क्षेत्र पड़ता है।
    • इसके दक्षिण-पूर्वी भाग में नगालैंड और म्याँमार पड़ता है, जबकि दक्षिण-पश्चिमी भाग में असम पड़ता है।
  • आबादी: अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर है।
    • राज्य की कुल साक्षरता दर (वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार) 65.38% है, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 72.55% और महिला साक्षरता दर 57.70% है।
    • राज्य का लैंगिक अनुपात प्रति 1000 पुरुष पर 938 महिलाएँ है (राष्ट्रीय लैंगिक अनुपात: 943)।
    • इस राज्य में 26 प्रमुख जनजातियांँ निवास करती हैं, इसमें लगभग 100 से अधिक उप-जनजातियांँ हैं, जिनमें से कई जनजातियों की पहचान नहीं की गई है। इस राज्य की लगभग 65% जनसंख्या आदिवासी है।
  • व्यवसाय: इस राज्य की अधिकांश आबादी अपनी आजीविका के लिये कृषि (मुख्य रूप से झूम खेती) पर निर्भर करती है।
    • अन्य नकदी फसलों जैसे- आलू आदि की खेती भी की जाती है।
    • बागवानी फसलें जैसे- अनानास, सेब, संतरा इत्यादि की खेती भी की जाती है।
  • जैव विविधता:
    • राजकीय पशु: मिथुन (जिसे गयाल के नाम से भी जाना जाता है)।
    • राजकीय पक्षी: हॉर्नबिल।
    • दिहांग दिबांग बायोस्फियर रिज़र्व भी इसी राज्य में स्थित है।
  • संरक्षित क्षेत्र:
    • नमदफा राष्ट्रीय उद्यान
    • मौलिंग नेशनल पार्क
    • सेसा ऑर्किड अभयारण्य
    • दिबांग वन्यजीव अभयारण्य
    • पक्के बाघ अभयारण्य
  • अरुणाचल के आदिवासी: अरुणाचल प्रदेश की महत्त्वपूर्ण जनजातीय समूहों में मोनपा, निशि, अपतानी, नोक्टे और शेरडुकपेन शामिल हैं।
    • मोन्पा: इन्हें पूर्वोत्तर की एकमात्र खानाबदोश जनजाति माना जाता है, जो पश्चिम कामेंग और तवांग ज़िलों में निवास करते हैं, ये मुख्य रूप से बौद्ध हैं जो महायान संप्रदाय का अनुशरण करते हैं।
    • अपतानी: ये पूर्व-आर्य मान्यताओं को मानते हैं, जैसा कि उनके द्वारा की जाने वाली पेड़, चट्टानों और पौधों आदि की पूजा से स्पष्ट है। वे मुख्य रूप से बाँस की खेती करते हैं।
    • नोक्टे: ये अरुणाचल प्रदेश के तिरप ज़िले में निवास करते हैं तथा थेरवाद बौद्ध धर्म और जीववाद का पालन करते हैं।
    • शेरडुकपेन: यह एक छोटा आदिवासी समूह है, यह समूह अरुणाचल प्रदेश के सबसे प्रगतिशील जनजातियों में से एक है। ये लोग कृषि, मछली पालन और पशु पालन का कार्य करते हैं। हालाँकि इन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया है, लेकिन इनकी अधिकांश प्रथाएँ अभी भी पूर्व-बौद्ध धर्म और अधिक जीववादी हैं।
    • निशि: यह अरुणाचल प्रदेश की सबसे अधिक आबादी वाली जनजाति है, ये लोग मुख्य रूप से झूम खेती में शामिल हैं और चावल, बाजरा, ककड़ी, आदि का उत्पादन करते हैं।

स्रोत: द हिंदू

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