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भारतीय अर्थव्यवस्था

स्टार्टअप इंडिया के अंतर्गत पूंजी आवंटन के लक्ष्य में कमी

  • 24 Jun 2019
  • 5 min read

संदर्भ:

भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (Small Industries Development Bank of India-SIDBI) के अनुसार, वर्ष 2016 में आरंभ हुए स्टार्टअप इंडिया फंड के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 3,300-3,500 करोड़ रुपए तक का आवंटन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, परंतु इस अवधि के दौरान केवल 2265 करोड़ रुपए का आवंटन हुआ है।

मुख्य बिंदु :

  • हाल ही में संसद को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था कि भारत सरकार वर्ष 2024 तक लगभग 50000 स्टार्टअप आरंभ करना चाहती है।
  • पूर्व NDA सरकार में स्टार्टअप को अर्थव्यवस्था के महत्त्वपूर्ण हिस्से के रूप में परिभाषित किया गया था।
  • स्टार्टअप को आरंभिक चरण में वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये सरकार ने एक कोष लॉन्च किया था। कोष द्वारा प्रत्यक्ष रूप से स्टार्टअप में निवेश न करके वह राशि उद्यम पूंजी कोष (Venture Capital Funds) को आवंटित की जाती है और फिर वे उद्यम पूंजी कोष, स्टार्टअप में उस राशि का दोगुना निवेश करते हैं।
  • लेकिन जब बड़ी संख्या में नए उद्यमियों द्वारा कर अधिकारियों के उत्पीडन और ‘एंजेल कर (Angel Tax)’ नोटिस भेजने के ख़िलाफ़ शिकायत की गई, तब लोगों ने इस योजना की आलोचना की।

एंजेल कर (Angel Tax)

स्टार्ट-अप्स कंपनियों द्वारा बिजनेस में वृद्धि हेतु फंड जुटाया जाता है जिसके लिये पैसे देने वाली कंपनी या किसी संस्था को शेयर जारी किये जाते हैं। इस प्रकार शेयर बेचने से प्राप्त हुई अतिरिक्त राशि को इनकम मानते हुए उस पर जो टैक्स लगाया जाता है, उसे एंजेल टैक्स कहा जाता है। 2012 में शुरू किये गए इस एंजेल टैक्स का उद्देश्य धन शोधन को रोकना था। कोई छोटी स्टार्ट अप कंपनी जिसके पास पूंजी की बेहद कमी होती है, में धन निवेश करने वाला एंजेल निवेशक कहलाता है। ये कंपनी के संस्थापकों के साथ-साथ उनके व्यापार की अवधारणा में विकास करते हुए कंपनी को स्थापित करने के लिये आवश्यक पूंजी बतौर कर्ज देते हैं।

    • कुछ अनुमानों के अनुसार सरकार अगले बजट में कर्मचारी स्टॉक विकल्प कार्यक्रम (Employee Stock Option Programme - ESOP) के संदर्भ में स्टार्टअप को कर से रियायत देने पर भी विचार कर रही है।
    • आमतौर पर एक उद्यम पूंजीपति को स्टार्टअप कोष से राशि प्राप्त करने में 4 से 5 महीनों का समय लगता है, लेकिन अब SIDBI इस अवधि को कम करने का प्रयास कर रही है ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसके प्रति आकर्षित किया जा सके।
    • उद्यम पूंजी फर्मों से बिना किसी हस्तक्षेप के ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने के लिये भी एक प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है जो कुछ ही समय में अपना कार्य आरंभ कर देगा।
    • केई कैपिटल (Kae Capital), साहा फंड (Saha Fund), इंडिया कोशेंट (India Quotient) , अर्था वेंचर फंड (Artha Venture Fund), स्टेलारिस वेंचर पार्टनर्स (Stellaris Venture Partners) आदि कुछ ऐसे ही उद्यम पूंजी कोष हैं जिन्हें स्टार्टअप इंडिया के तहत निवेश करने के लिये पूंजी प्राप्त हुई है।

    क्या है स्टार्टअप इंडिया?

    स्टार्टअप इंडिया वर्ष 2016 में देशव्यापी स्तर पर लागू किया गया सरकार का एक बहुत ही महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम है।

    इसका मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप को बढ़ावा देते हुए अर्थव्यवस्था में अधिक रोज़गार का सृजन करना है।

    वर्तमान आँकड़ों के अनुसार, देश की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या कार्यशील है और उन्हें काम देना सरकार की ज़िम्मेदारी है।

    सरकार ने इस कार्य के लिये 2500 करोड़ रुपए का आरंभिक कोष बनाया है, जिसे भविष्य में चार चरणों के माध्यम से 10,000 करोड़ करने की योजना है।

    कर के बोझ को कम करने के लिये स्टार्टअप को शुरू के तीन साल में कर से छूट प्रदान की गई है।

    स्रोत: टाइम्स ऑफ़ इंडिया

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