इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


सामाजिक न्याय

सरकारी योजनाओं में शामिल हों यौन पीड़ित बच्चे

  • 26 Jul 2018
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि बलात्कार पीड़ितों के लिये संचालित सरकारी योजनाओं में यौन उत्पीड़न के शिकार हुए बच्चों को भी शामिल किया जाना चाहिये। 

प्रमुख बिंदु

  • न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और दीपक गुप्ता की एक खंडपीठ ने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित महिला पीड़ितों/यौन उत्पीड़ितों/अन्य अपराध-2018  के लिये मुआवज़ा योजना में बाल पीड़ित शामिल हों। 
  • वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह, जिन्होंने बलात्कार पीड़ितों के लिये समान मुआवज़े के मामले में अपनी विशेष सेवाएँ प्रदान की है और निष्क्रिय निर्भया निधि के बारे में चिंता व्यक्त की, ने कहा कि यह योजना न्यायालयी कार्रवाई के दौरान यौन अपराधों और एसिड हमलों के पीड़ितों के लिये वित्तीय समाधान का स्रोत होनी चाहिये। 
  • सुश्री जयसिंह दो हफ्तों में इस योजना के तहत बच्चों को शामिल करने के न्यायालय के सुझाव पर एक समग्र नोट दाखिल करने पर सहमत हुईं। उन्होंने कहा कि वह भारतीय दंड संहिता की धारा 228-A से संबंधित पहलू को भी संबोधित करेंगी, जो यौन अपराध पीड़ितों की पहचान के प्रकटीकरण से संबंधित है। 
  • यह योजना देश के किसी भी हिस्से में सामूहिक बलात्कार के पीड़ितों के लिये 5 लाख रुपए के एक समान भुगतान से लेकर अधिकतम 10 लाख रुपए तक का प्रस्ताव करती है। इसी तरह, बलात्कार और अप्राकृतिक यौन हमलों के मामले में पीड़ित को न्यूनतम 4 लाख रुपए और अधिकतम 7 लाख रुपए प्राप्त होंगे।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2