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सामाजिक न्याय

ताजा जल की कमी पर बढ़ती चिंताएँ

  • 16 Mar 2023
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर, केंद्रीय भूजल बोर्ड, राष्ट्रीय जल नीति, 2012, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, जल शक्ति अभियान- कैच द रेन कैंपेन, अटल भूजल योजना।

मेन्स के लिये:

भारत में ताजा जल की कमी की स्थिति, भारत में जल संसाधनों से संबंधित मुद्दे।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सर्किल ऑफ ब्लू एवं वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) द्वारा जारी एक वैश्विक अध्ययन में 31 देशों के लगभग 30,000 लोगों का सर्वेक्षण कर ताजा जल की कमी की स्थिति का विश्लेषण किया गया।

  • अर्जेंटीना, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, कोलंबिया, जर्मनी और पेरू के लोगों ने पिछले कुछ वर्षों में जल की कमी में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है। 

प्रमुख बिंदु

  • 30% लोग ताजा जल की कमी के कारण अत्यधिक प्रभावित हैं।
  • 17 देशों में ताजा जल की कमी संबंधी चिंताएँ वर्ष 2014 के 49% से बढ़कर 2022 में 61% हो गई हैं।
  • ग्रामीण (28%) या कस्बों और उपनगरीय क्षेत्रों (26%) की तुलना में शहरी क्षेत्रों (32%) के ताजा जल की कमी से बहुत अधिक प्रभावित होने की संभावना है।
  • 38% लोगों का कहना है कि वे जलवायु परिवर्तन से व्यक्तिगत रूप से "काफी" प्रभावित हुए हैं।
    • जिन लोगों ने जलवायु परिवर्तन से व्यक्तिगत रूप से प्रभावित होने का दावा किया, उन्होंने सूखे को इसके सबसे चिंताजनक प्रभाव के रूप में अनुभव किया है।

भारत में ताजा जल की कमी की स्थिति?  

  • परिचय:  
    • भारत में हमेशा से ही ताजा जल का संकट रहा है। हालाँकि भारत में विश्व की जनसंख्या का 16% हिस्सा है, लेकिन देश के पास विश्व के ताजा जल संसाधनों का केवल 4% हिस्सा है।
    • नीति आयोग के अनुसार, बड़ी संख्या में भारतीय अत्यधिक जल संकट का सामना करते हैं।
    • उत्तर भारत, देश का सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र है जहाँ वर्ष 2060 तक गंभीर अपरिवर्तनीय ताजा जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण महत्त्वपूर्ण संसाधन की उपलब्धता में कमी आ सकती है।
  • मुद्दे:  
    • जल प्रदूषण में निरंतर वृद्धि: बड़ी मात्रा में घरेलू, औद्योगिक और खनन अपशिष्ट जल निकायों में प्रवाहित किये जाते हैं, जिससे जलजनित बीमारियाँ हो सकती हैं।
      • इसके अलावा जल प्रदूषण से सुपोषण (यूट्रोफिकेशन) की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो जलीय पारिस्थितिक तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
    • भूजल का अत्यधिक दोहन: केंद्रीय भूजल बोर्ड (2017) के अनुसार, भारत के 700 ज़िलों में से 256 में गंभीर या अतिदोहित भूजल स्तर की सूचना है।
      • कुएँ, तालाब और टैंक सूख रहे हैं क्योंकि अत्यधिक निर्भरता और अस्थिर खपत के कारण भूजल संसाधनों पर दबाब बढ़ रहा है। इससे जल संकट गहरा गया है।
    • संभावित ग्रामीण-शहरी संघर्ष: तीव्र शहरीकरण के परिणामस्वरूप शहरों का तेज़ी से विस्तार हो रहा है और ग्रामीण क्षेत्रों से वृहत् स्तर पर प्रवासियों के प्रवासन के कारण शहरों में जल के प्रति व्यक्ति उपयोग में वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप जल संकट को दूर करने के लिये ग्रामीण जलाशयों से शहरी क्षेत्रों में पानी स्थानांतरित किया जा रहा है। 
      • शहरी जल स्तर में गिरावट की प्रवृत्ति को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि भविष्य में शहर मीठे पानी की उपलब्धता के लिये बड़े पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्रों पर निर्भर होंगे, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच संघर्ष हो सकता है।

जल प्रबंधन से संबंधित सरकार की पहलें: 

आगे की राह 

  • सतत् भूजल प्रबंधन: भूजल के कृत्रिम पुनर्भरण और घरेलू स्तर पर वर्षा जल संचयन, सतही जल और भूजल के संयुक्त उपयोग तथा जलाशयों के नियमन के लिये एक उचित तंत्र एवं ग्रामीण-शहरी एकीकृत परियोजनाओं को विकसित करने की आवश्यकता है।
  • जल संरक्षण क्षेत्र: जल संरक्षण क्षेत्र स्थापित करने और क्षेत्रीय, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर जल निकायों की स्थिति का आकलन करने के लिये प्रभावी जल शासन तथा बेहतर डेटा अनुशासन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • आधुनिक जल प्रबंधन तकनीकों का लाभ उठाना: सूचना प्रौद्योगिकी को जल संबंधी डेटा प्रणालियों से जोड़ा जा सकता है। साथ ही हाल के वर्षों में हुए अनुसंधान और प्रौद्योगिकी सफलताओं से उस जल को उपयोगी बनाना संभव बना दिया है जिसे उपभोग के लिये अनुपयुक्त माना जाता था।
    • सबसे अधिक उपयोग में लाई जाने वाली कुछ तकनीकों में इलेक्ट्रोडायलिसिस रिवर्सल (EDR), डिसैलिनाइज़ेशन, नैनोफिल्ट्रेशन और सौर तथा अल्ट्रा वॉयलेट फिल्ट्रेशन शामिल हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा प्राचीन नगर अपने उन्नत जल संचयन और प्रबंधन प्रणाली के लिये सुप्रसिद्ध है, जहाँ बाँधों की एक शृंखला का निर्माण किया गया था और संबंद्ध जलाशयों में नहर के माध्यम से जल को प्रवाहित किया जाता था? (2021)

(a) धौलावीरा
(b) कालीबंगन
(c) राखीगढ़ी
(d) रोपड़

उत्तर: (a) 


प्रश्न. वॉटर क्रेडिट' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)

  1. यह जल एवं स्वच्छता क्षेत्र में कार्य के लिये सूक्ष्म वित्त साधनों (माइक्रोफाइनेंस टूल्स) को लागू करता है।
  2. यह एक वैश्विक पहल है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक के तत्त्वावधान में प्रारंभ किया गया है। 
  3. इसका उद्देश्य निर्धन व्यक्तियों को सहायिकी के बिना अपनी जल-संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये समर्थ बनाना है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c) 


मेन्स:

प्रश्न.1 जल संरक्षण एवं जल सुरक्षा हेतु भारत सरकार द्वारा प्रवर्तित जल शक्ति अभियान की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं? (2020) 

प्रश्न.2 रिक्तीकरण परिदृश्य में विवेकी जल उपयोग के लिये भंडारण और सिंचाई प्रणाली में सुधार के उपायों को सुझाइये। (2020) 

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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