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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

इज़रायल के लिये कुशल श्रमिकों की भर्ती

  • 24 Jan 2024
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय कौशल विकास निगम, इज़रायल, उत्प्रवास, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, ट्रेड यूनियन

मेन्स के लिये:

प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के लिये अंतर्राष्ट्रीय अभ्यास, युद्धग्रस्त क्षेत्रों में कार्य करने वाले भारतीयों से संबंधित चिंताएँ

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (National Skill Development Corporation- NSDC) के सहयोग से, मुख्य रूप से विनिर्माण गतिविधियों के लिये, लगभग 10,000 श्रमिकों को इज़रायल भेजने के लिये बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान शुरू किया है।

  • NSDC द्वारा इस प्रयास को "पासपोर्ट टू ड्रीम्स अब्रॉड" के रूप में सराहनीय माना गया है किंतु  उत्प्रवास नियमों के उल्लंघन से संबंधित चिंताओं का हवाला देते हुए मुख्य रूप से ट्रेड यूनियनों ने इसका विरोध किया है।

इज़रायल में रोज़गार के अवसर तथा संबंधित चिंताएँ क्या हैं? 

  • इज़रायल में आकर्षक अवसर: इज़रायल में पलस्तर श्रमिक, सिरेमिक टाइल श्रमिक, आयरन बेंडिंग तथा फ्रेम श्रमिक हेतु रिक्तियाँ मौजूद हैं।
    • भारत से चयनित उम्मीदवारों को लगभग ₹1.37 लाख (6,100 इज़रायली शेकेल) का मासिक वेतन देने का वादा किया गया है।
    • फरवरी 2023 के आँकड़ों अनुसार इज़रायल में भारतीय नागरिकों की संख्या लगभग 18,000 थी जो स्वास्थ्य देखभाल, हीरा व्यापार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं शिक्षा जैसे विभिन्न व्यवसायों में कार्यरत थे।
  • ट्रेड यूनियनों द्वारा उठाई गई चिंताएँ: ट्रेड यूनियन उत्प्रवास अधिनियम के उल्लंघन का हवाला देते हुए इस रोज़गार अभियान को चुनौती दे रहे हैं।
    • इज़रायल में वर्तमान स्थिति, विशेष रूप से हमास के साथ संघर्ष के कारण, प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के बारे में चिंताएँ बढ़ गई हैं।
    • उनका तर्क है कि यह कदम संघर्ष क्षेत्रों से नागरिकों को वापस लाने के लोकाचार के खिलाफ है और सरकार पर राजनीतिक लाभ के लिये बेरोज़गारी जैसे मुद्दों का उपयोग करने का आरोप लगाते हैं।
      • उत्प्रवास नियमों के अनुसार, संघर्ष क्षेत्रों में जाने वाले श्रमिकों को विदेश मंत्रालय के 'ई-माइग्रेट' पोर्टल पर पंजीकरण कराना आवश्यक है। हालाँकि इज़रायल इस पोर्टल की सूची में नहीं है।

नोट: संघर्ष क्षेत्रों या पर्याप्त श्रम सुरक्षा के बिना कार्यस्थलों पर जाने वाले श्रमिकों को विदेश मंत्रालय के 'ई-माइग्रेट' पोर्टल पर पंजीकरण कराना आवश्यक है।

  • इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड' (ECR) स्कीम के तहत जारी किये गए पासपोर्ट अफगानिस्तान, बहरीन, इंडोनेशिया, इराक, जॉर्डन, सऊदी अरब, कुवैत, लेबनान, लीबिया, मलेशिया, ओमान, कतर, दक्षिण सूडान, सीरिया, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और यमन सहित 18 देशों की यात्रा करने वाले श्रमिकों को कवर करते हैं। इज़राइल इस सूची में शामिल नहीं है
  • प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रथाएँ:
    • प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा हेतु अंतर्राष्ट्रीय प्रथाएँ अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के दो सम्मेलनों द्वारा शासित होती हैं: रोज़गार के लिये प्रवासन सम्मेलन (संशोधित), 1949 और प्रवासी श्रमिक (अनुपूरक प्रावधान) सम्मेलन, 1975।
      • जबकि भारत ने दोनों सम्मेलनों का अनुमोदन नहीं किया है इज़राइल ने वर्ष 1953 में 1949 के सम्मेलन की पुष्टि की थी।
      • 1949 के सम्मेलन में उत्प्रवास (Emigration) और आप्रवासन (Immigration) से संबंधित भ्रामक प्रचार के विरुद्ध किये गए उपायों पर ज़ोर दिया गया।
  • अतिरिक्त विचार: ILO को वर्ष 2024 में बेरोज़गारी में वैश्विक वृद्धि का पूर्वानुमान है। यह रिपोर्ट देशों से बढ़ती बेरोज़गारी चिंताओं को दूर करने के लिये संवेदनशील प्रवासन नीतियों और कौशल विकास पहल को डिज़ाइन करने का आग्रह करती है।
    • वर्ष 2019 में एक संसदीय समिति ने भारतीय प्रवासियों के कल्याण के लिये उन्नत संस्थागत व्यवस्था की आवश्यकता पर बल देते हुए एक प्रवासन नीति का मसौदा तैयार करने की सिफारिश की।

नोट: विदेशों में काम करने का एक अनौपचारिक तरीका, डंकी फ्लाइट (Donkey Flight), हाल ही में समाचारों में आया। यह संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में प्रवेश करने के लिये उपयोग की जाने वाली एक अवैध आप्रवासन विधि है।

  • इसमें गैरकानूनी तौर पर विभिन्न देशों में ठहरना और सीमा पार करना शामिल है, जो अक्सर मानव तस्करों तथा एजेंटों पर निर्भर होता है।

आगे की राह

  • श्रमिक वर्ग की चिंताएँ: श्रमिक वर्ग (Trade unions) की चिंताओं को दूर करने और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये उनके साथ रचनात्मक बातचीत में संलग्न रहें।
  • सुरक्षा उपाय बढ़ाना: विशेष रूप से इज़राइल में भू-राजनीतिक चुनौतियों पर विचार करते हुए, मज़बूत सुरक्षा प्रोटोकॉल और आकस्मिक योजनाएँ स्थापित करके भर्ती किये गए श्रमिकों की सुरक्षा एवं उनके हित को प्राथमिकता दें।
  • व्यापक प्रवास नीति विकसित करना: लंबे समय में भारतीय प्रवासियों के कल्याण और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिये संसदीय समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक प्रवासन नीति का मसौदा तैयार करने तथा लागू करने की दिशा में काम करें।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. दक्षिण-पश्चिम एशिया का निम्नलिखित में से कौन-सा एक देश भूमध्यसागर तक फैला नहीं है? (2015) 

(a) सीरिया
(b) जॉर्डन
(c) लेबनान
(d) इज़रायल 

उत्तर: (b)


मेन्स:

प्रश्न. “भारत के इज़रायल के साथ संबंधों ने हाल ही में एक ऐसी गहराई और विविधता हासिल की है, जिसकी पुनर्वापसी नहीं की जा सकती है।” विवेचना कीजिये। (मुख्य परीक्षा- 2018)

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