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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 जुलाई, 2020

  • 18 Jul 2020
  • 8 min read

यू तिरोट सिंग सियाम

17 जुलाई, 2020 को मेघालय में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजाने वाले पहले खासी शासक और स्वतंत्रता सेनानी यू तिरोट सिंग सियाम (U Tirot Sing Syiem) की 185वीं पुण्यतिथि पर शिलांग में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। ‘यू तिरोट सिंग सियाम’ न केवल मेघालय के, बल्कि संपूर्ण भारत के महान स्‍वतंत्रता सेनानियों में से एक हैं। ध्यातव्य है कि यू तिरोट सिंग सियाम एक खासी प्रमुख और देश के महानतम स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। वे नोंगखलाव (Nongkhlaw) के शासक थे, जो कि मेघालय की खासी पहाड़ियों में एक क्षेत्र है। वर्ष 1829 में ब्रिटिश सरकार ने यू तिरोट सिंग सियाम से खासी पहाड़ियों में सड़क निर्माण के संबंध में अनुमति मांगी और इसके बदले में उन्हें क्षेत्र में मुक्त व्यापार जैसी कई सुविधाएँ प्रदान करने का वादा किया गया, किंतु ब्रिटिश सरकार ने अपने कुछ वादे पूरे नहीं किये, जिसके परिणामस्वरूप यू तिरोट सिंग सियाम ने ब्रिटिश अधिकारियों को इस क्षेत्र से वापस चले जाने का आदेश दे दिया, पर जब ब्रिटिश अधिकारियों ने उनकी बात पर गौर नहीं किया तो अंततः 4 अप्रैल, 1829 को यू तिरोट सिंग सियाम के नेतृत्त्व में खासी सेना ने ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला बोल दिया, जिसमें दो ब्रिटिश अधिकारी मारे गए। ब्रिटिश सरकार ने तुरंत जवाबी करवाई की और यू तिरोट सिंग सियाम की सेना ब्रिटिश सेना की आधुनिक सैन्य क्षमता के समक्ष ज़्यादा समय तक टिक नहीं सकी, किंतु इसके बावजूद यू तिरोट सिंग सियाम और उनके सैनिकों ने लगभग चार वर्ष तक ब्रिटिश सेना के साथ गुरिल्ला युद्ध जारी रखा। जनवरी 1833 में यू तिरोट सिंग सियाम को ब्रिटिश सेना द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया और सुनवाई के बाद उन्हें ढाका (बांग्लादेश) की जेल भेज दिया गया, जहाँ 17 जुलाई, 1835 को उनकी मृत्यु हो गई।

पीएम स्‍वनिधि एप

रेहड़ी-पटरी तथा फेरी लगाने वाले दुकानदारों को आसानी से लघु ऋण की सुविधा देने हेतु प्रधानमंत्री स्‍ट्रीट वेंडर्स आत्‍मनिर्भर निधि (पीएम स्‍वनिधि) योजना का मोबाइल एप जारी किया गया है। पीएम स्‍वनिधि मोबाइल एप का उद्देश्‍य छोटे दुकानदारों के लिये ऋण आवेदन की प्रक्रिया को आसान बनाना और संबंधित संस्‍थानों तक सरल पहुँच प्रदान करना है। इस मोबाइल एप के माध्यम से योजना को बेहतर तरीके से लागू करने में मदद मिलेगी और लघु ऋण तक छोटे दुकानदारों की पहुँच आसान होगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) की शुरुआत छोटे दुकानदारों और फेरीवालों (Street Venders) को आर्थिक रूप से सहयोग प्रदान करने हेतु की गई थी। इस योजना के तहत छोटे दुकानदार 10,000 रुपए तक के ऋण के लिये आवेदन कर सकते हैं। ऋण प्राप्त करने के लिये आवेदकों को किसी प्रकार की ज़मानत या कोलैट्रल (Collateral) की आवश्यकता नहीं होगी। इस योजना के तहत प्राप्त हुई पूंजी को चुकाने के लिये एक वर्ष का समय दिया जाएगा, विक्रेता इस अवधि के दौरान मासिक किश्तों के माध्यम से ऋण का भुगतान कर सकेंगे। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अनुसार, योजना की शुरुआत से अब तक कुल 154,000 से अधिक छोटे दुकानदार कार्यशील पूंजी ऋण के लिये आवेदन कर चुके हैं। इनमें से 48 हज़ार से अधिक दुकानदारों का ऋण मंज़ूर हो चुका है।

जयगाँव-पसाखा व्यापार मार्ग 

हाल ही में भारत और भूटान द्वारा पश्चिम बंगाल में जयगाँव (भारत) और भूटान के पासाखा के बीच एक नया व्यापार मार्ग खोला गया। यह नया व्यापार मार्ग मौजूदा COVID-19 महामारी के दौर में दोनों देशों के संबंधों खास तौर पर व्यापार संबंधों को मज़बूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही इस नए मार्ग के खुलने से पहले से मौजूदा मार्ग पर वाहनों के दबाव को कम किया जा सकेगा। गौरतलब है कि भारत और भूटान के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत वर्ष 1968 में थिम्पू (Thimphu) में भारत के प्रतिनिधि की नियुक्ति के साथ हुई थी, हालाँकि वर्ष 1949 में ही दोनों देशों के मध्य मित्रता और सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किये गए थे। भारत-भूटान व्यापार और पारगमन समझौता, 1972 (India-Bhutan Trade and Transit Agreement,1972) दोनों देशों के मध्य मुक्त-व्यापार प्रणाली की स्थापना करता है, इस समझौते को अंतिम बार वर्ष 2016 में नवीनीकृत किया गया था। ध्यातव्य है कि भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। वर्ष 2018 में दोनों देशों के बीच कुल 9228 करोड़ रुपए का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था, जिसमें भारत से भूटान को होने वाला निर्यात 6011 करोड़ रुपए तथा भूटान से भारत को होने वाला निर्यात 3217 करोड़ रुपए दर्ज किया गया था।

Bhutan

साइबर सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिये भारत-इज़राइल समझौता

हाल ही में भारत और इज़राइल ने कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के कारण तेज़ी से हो रहे  डिजिटलीकरण के बीच साइबर खतरों से निपटने में सहयोग के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। यह समझौता दोनों पक्षों के बीच साइबर सुरक्षा को लेकर सहयोग को मज़बूत करने और साइबर खतरों से संबंधित सूचना के आदान-प्रदान के दायरे को विस्तृत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस समझौते के अंतर्गत साइबर सुरक्षा पर वार्ता, क्षमता निर्माण में सहयोग और साइबर सुरक्षा से संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के लिये एक रूपरेखा निर्धारित की गई है। गौरतलब है कि जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इज़राइल यात्रा के दौरान साइबर सुरक्षा को सहयोग के एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया गया था और अगले वर्ष इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की भारत यात्रा के दौरान दोनों पक्षों के बीच इस विषय को लेकर एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किये गए थे। वर्ष 2018 के समझौते को दोनों देशों के साइबर सुरक्षा संबंधों का आधार माना जाता है, जबकि हालिया समझौता इस दिशा में दूसरा महत्त्वपूर्ण कदम है।

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