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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

राजस्थान जल निकायों पर ध्यान केंद्रित करेगा

  • 22 Jun 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

नीति आयोग ने जल प्रबंधन सूचकांक में राजस्थान को बेहतर रैंकिंग प्रदान की है जिससे उत्साहित होकर राज्य तीन प्रमुख नदियों को जोड़ने वाली महत्त्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के कार्य में तेज़ी लाने के अलावा जल निकायों की सिंचाई क्षमता और पारंपरिक जलस्रोतों के पुनरुद्धार की बहाली पर ज़ोर दे रहा है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु 

  • चिन्हित जल निकायों की 80 प्रतिशत सिंचाई क्षमता को बहाल करके बड़े पैमाने पर समुदाय-प्रबंधित तालाबों और टैंकों के माध्यम से राजस्थान ने नीति अयोग के समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (CWMI) में अपनी रैंकिंग में सुधार किया है।
  • 17 गैर-हिमालयी राज्यों में राजस्थान आधार वर्ष (वित्तीय वर्ष 2015-16) में  13वें स्थान पर था जबकि  2016-17 में यह 10वें स्थान पर पहुँच गया।
  • MJSA एक बहु-हितधारी परियोजना है  जिसका उद्देश्य जल निकायों को पुनर्जीवित कर  भूजल स्तर में वृद्धि और स्वच्छ पेयजल प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना है तथा गाँवों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है।
  • राजस्थान के एकीकृत सिंचाई समाधान योजना के तहत, राज्य सरकार ने नर्मदा नदी के लिये व्यापक पैकेज लागू किया है और किसानों के लिये सूक्ष्म सिंचाई प्रौद्योगिकी को अनिवार्य रूप से अपनाने के लिये गंभीर प्रयास  किये हैं।
  • यह सुधार सतही जल निकायों, वाटरशेड विकास गतिविधियों और ग्रामीण जल आपूर्ति प्रावधानों की बहाली के लिये किये गए कार्यों की वज़ह से है।

जल सूचकांक संकेतक

  • जल सूचकांक में संकेतकों को नौ व्यापक विषयों में बाँटा गया था, जिसमें स्रोत संवर्द्धन तथा जल निकायों का पुनरुद्धार, वृहद् और मध्यम सिंचाई आपूर्ति प्रबंधन, ग्रामीण पेयजल व्यवस्था, शहरी जल आपूर्ति और स्वच्छता आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। राजस्थान इनमें से कुछ मानकों में शीर्ष स्थान पर रहा।
  • राजस्थान नदी बेसिन और जल संसाधन योजना प्राधिकरण के मुताबिक 2016 में जल क्षेत्र में शुरू किये गए जल स्वावलंबन अभियान ने समुदाय द्वारा प्रबंधित तालाबों और टैंकों के माध्यम से पहचान किये गए अधिकांश जल निकायों की सिंचाई क्षमता को बहाल करने में मदद की थी।
  • नीति आयोग ने समग्र जल क्षेत्र परिदृश्य के लिये किये गए अपने तरह के पहले मूल्यांकन और विश्लेषण के आधार पर राज्यों को रैंकिंग दी जिसके लिये पिछले दो साल से आँकड़े एकत्र किये गए थे। इस संबंध में व्यापक दस्तावेज़ पिछले महीने प्रकाशित किया गया था।
  • कुल तीन चरणों में जल स्वावलंबन अभियान के साथ 12,000 गाँवों को कवर किया गया था, जबकि चौथे चरण के लिये सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो गया है।
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