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पंजाब राइट टू बिज़नेस बिल, 2020

  • 20 Jan 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

पंजाब राइट टू बिज़नेस बिल, 2020

मेन्स के लिये:

पंजाब राइट टू बिज़नेस बिल, 2020 का महत्व।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पंजाब मंत्रिमंडल द्वारा पंजाब राइट टू बिज़नेस बिल, 2020 (Punjab Right to Business Bill, 2020) को मंज़ूरी दे दी गई है।

मुख्य बिंदु:

  • इस बिल का मुख्य उद्देश्य माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजे़ज़ (Micro, Small and Medium Enterprises-MSME) क्षेत्र के लिये व्यापार में आसानी सुनिश्चित करना है।
  • नए कानून के तहत, उद्योग निदेशक के नेतृत्व में राज्य नोडल एजेंसी के मार्गदर्शन में काम करने के लिये उपायुक्त (Deputy Commissioner) की अध्यक्षता में ज़िला ब्यूरो ऑफ एंटरप्राइज़ से ‘इन-प्रिंसिपल’(In-Principle) की मंज़ूरी के बाद ही कोई MSME इकाई स्थापित की जा सकती है।

इन-प्रिंसिपल:

  • यह उन व्यक्तियों के लिये एक त्वरित व्यापार ऋण पोर्टल है जो अपने मौजूदा व्यवसाय का विस्तार करना चाहते हैं।
  • इन-प्रिंसिपल के तहत MSME इकाइयाँ 1 लाख से 5 करोड़ रुपए तक का ऋण सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) से 59 मिनटों में प्राप्त कर सकती हैं।
  • स्वीकृत औद्योगिक पार्कों में इकाइयों को स्थापित करने के लिये तीन कार्य दिवसों में मंज़ूरी दे दी जाएगी।
  • अनुमोदित औद्योगिक पार्कों के बाहर नए उद्यमों को स्थापित करने के लिये इन-प्रिंसिपल अप्रूवल (In-Principle Approval) प्रमाण पत्र पर निर्णय ज़िला स्तरीय नोडल एजेंसी द्वारा 15 कार्य दिवसों के भीतर जाँच समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया जाएगा।

नए उद्यम स्थापित करने हेतु यूनिट मालिकों के लिये समय-सीमा एवं दिशा-निर्देश:

  • यूनिट स्थापित करने के बाद यूनिट मालिकों को साढ़े तीन साल की अवधि में तीन विभागों से सात अनुमोदन प्राप्त करने होगें, जिनमें शामिल हैं-

1. निर्माण योजनाओं की मंज़ूरी प्राप्त करना।
2. इमारतों के लिये पूर्णता/व्यवसाय प्रमाण पत्र जारी कराना।
3. पंजाब नगर अधिनियम, 1911 और पंजाब नगर निगम अधिनियम, 1976 के तहत नये व्यापार लाइसेंसों का पंजीकरण कराना।
4. पंजाब क्षेत्रीय और नगर नियोजन तथा विकास अधिनियम, 1995 के तहत भूमि उपयोग में परिवर्तन।
5. पंजाब अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा अधिनियम, 2004 के तहत अनापत्ति प्रमाण-पत्र के लिये आवेदन करना।
6. पंजाब कारखाना नियम, 1952 के तहत कारखाना निर्माण योजना के लिये अनुमोदन प्राप्त करना।
7. पंजाब दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1958 के तहत दुकानों/प्रतिष्ठानों का पंजीकरण कराना।

  • खतरनाक प्रक्रियाओं को शामिल करने वाले उद्योगों को यूनिट स्थापित करने से पहले अग्नि शमन विभाग से अनुमति पत्र प्राप्त करना होगा तथा कारखाना निर्माण योजना के लिये भी अनुमोदन प्राप्त करना होगा।
  • सभी औद्योगिक इकाइयों को यूनिट स्थापित करने से पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पर्यावरणीय मंज़ूरी प्राप्त करनी होगी।

कार्यकारी आदेश के बजाय कानून की आवश्यकता क्यों ?

पंजाब सरकार के अनुसार, इस अधिनियम से विभिन्न विभागों के विभिन्न अधिनियमों पर अधिकार प्राप्त हो सकेंगे, जो छोटी और मध्यम इकाइयों की स्थापना से पहले अनुमोदन के लिये आवश्यक होते हैं तथा जिन्हें कार्यकारी आदेश द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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