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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 29 दिसंबर, 2017

  • 29 Dec 2017
  • 12 min read

इंटरनेशनल एक्ज़ीबिशन-कम-कन्वेंशन सेंटर एवं इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट
International Exhibition-cum-Convention Centre (IECC) & Integrated Transit Corridor Development Project

हाल ही में उप-राष्‍ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू द्वारा आई.ई.सी.सी. (International Exhibition-cum-Convention Centre – IECC) और इं‍टीग्रेटिड ट्रांजिट कॉरिडोर डेवलपमेंट योजना (Integrated Transit Corridor Development Project) की आधारशिला की पट्टिकाओं का अनावरण किया गया।

  • प्रगति मैदान स्थित आई.ई.सी.सी. को एक उत्‍कृष्‍ट विश्‍वस्‍तरीय परिसर के रूप में विकसित किया जाएगा। यह परियोजना भारत के भीतर कारोबार की जड़ों को मज़बूती प्रदान करने में मदद करेगी।

प्रमुख बिंदु

  • आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs) ने इं‍टीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर डेवलपमेंट योजना (Integrated Transit Corridor Development Project) के वित्त पोषण में अहम् भूमिका निभाई है। 
  • इस योजना से प्रगति मैदान के आस-पास के क्षेत्र की यातयात संबंधी बाधाएँ दूर होंगी।
  • भैरों मंदिर मार्ग के विकल्‍प के तौर पर 27 मीटर चौड़ी छह लेन वाली एक सुरंग बनाई जाएगी, जो प्रगति मैदान के नीचे से होते हुए पुराना किला रोड और रिंग रोड को आपस में जोड़ेगी।
  • इसका एक लाभ यह होगा कि इससे मथुरा रोड सिग्‍नल मुक्‍त हो जाएगी। इससे आस-पास का क्षेत्र तो सुंदर बनेगा ही साथ ही साथ यह क्षेत्र लोगों के लिये विशेष आकर्षण का केंद्र भी बन जाएगा।
  • वस्तुतः इसका मुख्य उद्देश्य आधारभूत ढाँचे के विकास पर बल देने के साथ-साथ समावेशी प्रगति और विकास के विशाल लक्ष्‍य को प्राप्‍त करना है।
  • यह परिसर दिल्‍ली में एक नए लैंडमार्क के रूप में साबित होगा, जो नव भारत विज़न का एक अनोखा प्रतीक बनेगा।

सीखो और कमाओ

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित युवाओं के कौशल विकास हेतु कई विशेष योजनाएँ प्रारंभ की गई हैं। 

  • “सीखो और कमाओ” नियोजन से जुड़े अल्पसंख्यकों हेतु लाई गई कौशल विकास योजना है जिसका उद्देश्य विभिन्न आधुनिक/परंपरागत कौशलों में अल्पसंख्यक युवाओं को उन्नयित करना है जो उनकी अर्हता, मौजुदा आर्थिक प्रवाह तथा बाज़ार संभावनाओं पर निर्भर करते हैं।
  • इसका उद्देश्य इन युवाओं को उपयुक्त रोज़गार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ स्वरोज़गार के लिये अच्छी तरह कुशल बनना है। 
  • इस योजना के तहत कम से कम 75 प्रतिशत प्रशिक्षुओं का नियोजन सुनिश्चित किया गया है, जिसमें से कम से कम 50 प्रतिशत नियोजन संगठित क्षेत्र में होगा। 
  • देश भर में इस योजना का कार्यान्वयन चुनिंदा परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (पीआईएज) के माध्यम से किया जा रहा है।

उस्ताद योजना

केंद्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों में पारंपरिक कला और समुदाय से संबंधित हस्तकला को बढ़ावा देने के लिये 14 मई 2015 को कौशल विकास तथा प्रशिक्षण योजना ‘उस्ताद’ की शुरुआत की गई। इस योजना का उद्देश्य विकासोन्मुख क्षेत्रों से जुड़े अल्पसंख्यक कामगारों को बड़े बाज़ार नेटवर्क का हिस्सा बनाना है। कौशल विकास, शिक्षा, कर्ज़ की उपलब्धता की इस रणनीति में महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी।

उद्देश्य

  • मास्टर शिल्पियों/कर्मकारों के परंपरागत कौशलों को अद्यतन बनाना तथा क्षमता निर्माण करना। 
  • अल्पसंख्यकों की चिन्हित परंपरागत कलाओं/शिल्पों का प्रलेखन करना। 
  • परंपरागत कौशलों के मानक निर्धारित करना।
  • मास्टर शिल्पियों के माध्यम से विभिन्न परंपरागत कलाओं/शिल्पों में अल्पसंख्यक युवाओं को प्रशिक्षण देना। 
  • राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार संपर्क बढ़ाना है।
  • प्रमुख विशेषताएँ
  • पारंपरिक कलाओं/शिल्पों में विकास के लिये कैशल और प्रशिक्षण का उन्नयन करना।
  • मास्टर शिल्पकारों/दस्तकारों का क्षमता निर्माण और पारंपरिक कौशल को अद्यतन बनाना। 
  • पारंपरिक कलाओं के लिये मानकों का निर्धारण करना ।
  • डिज़ाइन विकास और प्रलेखन। 
  • मास्टर शिल्पकारों/दस्तकारों के माध्यम से युवा पीढ़ी को प्रशिक्षित करना। 
  • पारंपरिक कलाओं/शिल्पों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार के साथ जोड़ना। 
  • अल्पसंख्यक दस्तकारों/शिल्पकारों को सहायता के साथ ई-पोर्टल प्रदान करना। 
  • पारंपरिक दस्तकारों/शिल्पकारों को आजीविका के बेहतर साधन उपलब्ध कराने में सक्षम बनाना।

प्रमुख बिंदु

  • पीआईए द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके साथ-साथ बहुत से अन्य कार्यकलाप भी चलाए जाते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परंपरागत कला/शिल्प के संरक्षण के लिये वांछित उपलब्धि प्राप्त हो, बाज़ार संपर्क स्थापित हो तथा नई पीढ़ी में परंपरागत कलाओं और शिल्पों को एक पेशे के रूप में अपनाने की रुचि जागृत हो।

नई मंज़िल

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा इस योजना को 8 अगस्त 2015 को शुरू किया गया। इस योजना का उद्देश्य उन अल्पसंख्यक युवाओं को लाभ पहुँचाना है, जिनके पास औपचारिक स्कूल प्रमाण-पत्र नहीं हैं अर्थात् जो स्कूल बीच में छोड़ने वालों की कोटि में हैं या मदरसों जैसे सामुदायिक शिक्षा संस्थानों में पढ़े हैं।

  • इसके अंतर्गत ऐसे युवाओं को औपचारिक शिक्षा तथा कौशल प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जो न केवल उनको संगठित क्षेत्र में बेहतर रोज़गार प्राप्त करने के योग्य बनाएँ, बल्कि उन्हें बेहतर जीवन जीने के लिये भी प्रवृत्त कर सकें।
  • यह नई योजना सामान्‍य रूप से अल्‍पसंख्‍यक समुदायों, विशेष रूप से मुसलमानों की शैक्षिक और जीविकोपार्जन की ज़रूरतों में सहायता प्रदान करेगी, क्‍यों‍कि मुसलमान शैक्षिक योग्‍यताओं में अन्‍य अल्‍पसंख्‍यक समुदायों से पीछे हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • नई मंज़िल योजना का उद्देश्‍य इसी लक्षित समूह पर है, क्‍योंकि शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास उपलब्‍ध कराने के रूप में यह एकीकृत भागीदारी है।
  • इस योजना का उद्देश्‍य प्रशिक्षुकों को ब्रिज पाठ्यक्रमों के द्वारा शैक्षिक भागीदारी उपलब्‍ध कराना है, ताकि उन्‍हें दूरस्‍थ शिक्षा के माध्‍यम से 10वीं और  12वीं कक्षा के प्रमाण-पत्र उपलब्‍ध हो सकें।   
  • इस योजना में सभी अल्‍पसंख्‍यक समुदायों के 17 से 35 वर्ष की आयु के लोगों के साथ-साथ मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को भी शामिल किया जाएगा। 
  • यह योजना सतत् उच्‍च शिक्षा के अवसर प्रदान करेगी और संगठित क्षेत्र में रोज़गार के अवसर भी उपलब्‍ध कराएगी।
  • इसके साथ-साथ उन्‍हें 4 पाठयक्रमों में ट्रेड आधार पर कौशल प्रशिक्षण भी उपलब्‍ध कराने की योजना है—

1. विनिर्माण। 
2. इंजीनियरिंग। 
3. सेवाएँ। 
4. सरल कौशल।

बालश्रम के खात्मे हेतु पेंसिल पोर्टल
Launching of Pencil Portal to Eliminate Child Labour

श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल पेंसिल (PENCIL - Platform for Effective Enforcement for No Child Labour) विकसित किया गया है, जिसे 26 सितंबर 2017 को शुरू किया गया था।

उद्देश्य

इस पोर्टल का उद्देश्य बाल एवं किशोरावस्था श्रम (निषेध और नियमन) अधिनियम [Child & Adolescent Labour (Prohibition & Regulation) Act], 1986 तथा बाल और किशोर श्रम के पुनर्वास के लिये राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना (National Child Labour Project - NCLP) दोनों के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु प्रावधानों को लागू करने के लिये एक तंत्र प्रदान करना है।

पेंसिल पोर्टल के मुख्य घटक

  • शिकायत कोने (complaint corner) 
  • बाल एवं किशोर श्रम ट्रैकिंग प्रणाली (child & adolescent labour tracking system) 
  • श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय (Ministry of Labour & Employment) से संबद्ध एन.सी.एल.पी. और राज्य संसाधन केंद्र (NCLP and State Resource Centre) की उपलब्धता सुनिश्चित करना। 

प्रमुख बिंदु

  • इसके अलावा इस पोर्टल पर प्राप्त आँकड़ों को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women & Child Development), मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource Development) और कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (Ministry of Skill Development & Entrepreneurship) के साथ साझा किया जाएगा। 
  • राज्य सरकार के स्तर पर इसकी निगरानी राज्य श्रम विभाग में स्थापित राज्य संसाधन केंद्र द्वारा की जाएगी। इसके अतिरिक्त ज़िला स्तर पर जिला नोडल अधिकारी (District Nodal Officers - DNOs) को उनसे संबंधित ज़िलों की शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिये नामित किया गया है।
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