दृष्टि आईएएस अब इंदौर में भी! अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें |   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 08 मार्च, 2018

  • 08 Mar 2018
  • 11 min read

पूर्ण कंप्यूटरीकृत वाहन चालक प्रशिक्षण सुविधा योजना

केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जल्द ही देश में भारी वाहनों के चालकों को लाइसेंस देने की पूरी प्रक्रिया पूर्ण रूप से कंप्यूटरीकृत करने की घोषणा की गई है। इस पूरी प्रक्रिया में मानव हस्तक्षेप नहीं होगा। इससे जाली लाइसेंसों की संख्या में कमी आएगी तथा इसके परिणामस्वरूप सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी कमी आएगी।

विशेषताएँ

  • इस एप की एक मुख्य विशेषता यह है कि यात्री किसी दुर्घटना, सड़क की गुणवत्ता तथा किसी गड्डे की जानकारी एप पर अपलोड कर सकेंगे।
  • इसके अंतर्गत यात्रियों को टोल प्लाज़ा पर लगने वाले समय की भी जानकारी दी जाएगी।
  • इसके अतिरिक्त राजमार्ग नेस्ट/नेस्ट मिनी की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस एप की सहायता से उपयोगकर्त्ता फास्टटैग भी खरीद सकेंगे।
  • इस सेवा को एम्बुलेंस तथा खराब व दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को ले जाने वाली सेवा के साथ भी जोड़ा गया है।
  • यह सेवा कई भाषाओं में उपलब्ध है। इस सेवा में उपयोगकर्त्ता की अवस्थिति की जानकारी स्वतः उपलब्ध होगी, इसलिये उन्हें त्वरित और सटीक सहायता मिलेगी।
  • राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के प्रत्येक ज़िले में कम-से-कम एक आदर्श वाहन प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किया जाएगा। इसके लिये मंत्रालय द्वारा एक करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

उद्देश्य

  • इस योजना का उद्देश्य रोज़गार सृजित करने के साथ-साथ देश के भारी व हल्के वाहन चालकों की ज़रूरतों को पूरा करना है। जो चालक खतरनाक/जोखिम वाले वाहन चलाते हैं उन्हें भी प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है।

वित्त प्रबंधन

  • इस योजना के तहत पाँच लाख रुपए की सहायता राशि उन स्वयंसेवी संस्थाओं/ट्रस्टों/सहकारी समितियों को दी जाएगी, जो सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करेंगी।
  • प्रत्येक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में पाँच लाख रुपए, दो लाख रुपए तथा एक लाख रुपए के तीन पुरस्कार भी प्रदान किये जाएंगे।
  • इसके साथ-साथ एक मोबाइल एप तथा राजमार्ग पर यात्रा करने वालों के लिये टोल फ्री आपात फोन नंबर का भी शुभारंभ किया गया है।

स्‍वतंत्रता सैनिक सम्‍मान योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 12वीं पंचवर्षीय योजना के बाद भी 2017-2020 के दौरान स्‍वतंत्रता सैनिक सम्‍मान योजना (Swatantra Sainik Samman Yojana -SSSY) को जारी रखने की मंज़ूरी दी गई है। 12वीं पंचवर्षीय योजना की अवधि 31 मार्च, 2017 को समाप्‍त हो चुकी है।

  • इस योजना को मंज़ूरी मिलने से सम्‍मान के प्रतीक के रूप में देश के स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानियों को उनके योगदान के लिये, उनकी मृत्‍यु होने पर उनके जीवन साथी और उसके बाद उनके पात्र आश्रितों यानी अविवाहित तथा बेरोज़गार लड़कियों एवं आश्रित माता-पिता को निर्धारित योग्‍यता नियमों और प्रक्रिया के अनुसार मासिक सम्‍मान पेंशन प्रदान की जाएगी।

पृष्‍ठभूमि 

  • भारत सरकार द्वारा 1969 में ‘अंडमान के पूर्व राजनीतिक कैदियों के लिये पेंशन योजना’ शुरू की गई थी। यह योजना उन स्‍वाधीनता सेनानियों के सम्‍मान में शुरू की गई थी, जिन्‍हें पोर्ट ब्‍लेयर की सेल्‍यूलर जेल में कैद कर दिया गया था।
  • वर्ष 1972 में आज़ादी की 25वीं वर्षगाँठ के अवसर पर स्‍वाधीनता सैनानियों को नियमित पेंशन देने की योजना शुरू की गई। इसके बाद 1 अगस्त, 1980 में एक उदार योजना लागू की गई, जिसे ‘स्‍वतंत्रता सैनिक सम्‍मान पेंशन योजना, 1980’ नाम दिया गया।
  • वित्त वर्ष 2017-18 से इस योजना का नाम बदलकर ‘स्‍वतंत्रता सैनिक सम्‍मान योजना’ कर दिया गया है।
  • आरंभ में पेंशन की राशि 200 रुपए प्रतिमाह थी, समय-समय पर इसमें वृद्धि की गई है। 15 अगस्त, 2016 से पेंशनरों की सभी श्रेणियों के लिये इस राशि को बढ़ा दिया गया है।
  • अभी तक स्‍वाधीनता सेनानी पेंशनरों पर लागू औद्योगिक कर्मचारियों की अखिल भारतीय उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक पर आधारित मंहगाई राहत योजना को बंद कर दिया गया और इसके स्‍थान पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू वर्ष में दो बार दिया जाने वाला महंगाई भत्‍ता लागू कर दिया गया।
  • पेंशनरों को दिये जाने वाले भत्‍ते को ‘महंगाई राहत’ नाम दिया गया।

महिला उद्यमिता प्लेटफॉर्म

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नीति आयोग द्वारा 8 मार्च, 2018 को महिला उद्यमिता प्लेटफॉर्म (Women Entrepreneurship Platform -WEP) का शुभारंभ किया गया। नीति आयोग, नीति निर्माण और परामर्श प्रदान करने के क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी संस्था है। 

विशेषताएँ

  • महिला उद्यमिता प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूईपी), उद्यमिता का एक ऐसा इको सिस्टम प्रदान करेगा, जहाँ महिलाओं को लिंग आधारित भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।
  • डब्ल्यूईपी महिलाओं को अवसर प्रदान करेगा, जिसके तहत वे अपनी उद्यमिता आधारित इच्छाओं को पूरा कर सकेंगी, नवोन्मेष से जुड़ी गतिविधियों को पूरा कर पाएंगी तथा अपने व्यापार के लिये सतत् पोषणीय और दीर्घ अवधि की रणनीतियों को तैयार कर सकेंगी।

उद्देश्य

  • सहयोगी संस्थाओं की सहायता से महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देना।
  • महिला उद्यमियों के व्यापार को उद्योग जगत से जोड़ना। वर्तमान में लागू सरकारी व गैर-सरकारी योजनाओं, कार्यक्रमों व सेवाओं में बढ़ोतरी करना।
  • व्यापार से जुड़ी समस्याओं की पहचान करना तथा उन्हें दूर करने का प्रयास करना।
  • महिला उद्यमियों के पंजीकरण के लिये एक केंद्रीकृत पोर्टल का निर्माण करना और राष्ट्रीय स्तर पर आँकड़ों को इकट्ठा करना।
  • बेहतर उद्यमिता इको सिस्टम के लिये साक्ष्य आधारित नीतियों की अनुशंसा करना।

राष्‍ट्रीय पोषण मिशन

8 मार्च, 2018 को प्रधानमंत्री द्वारा झुंझुनू से एक असाधारण पहल राष्‍ट्रीय पोषण मिशन (एनएनएम) का राष्‍ट्रीय स्‍तर पर शुभारंभ किया गया।

  • भारत सरकार द्वारा तीन वर्ष के लिये 9046.17 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान करते हुए वित्तीय वर्ष 2017-18 से शुरू होने वाले राष्ट्रीय पोषण मिशन (National Nutrition Mission-NNM) की शुरुआत की  गई है।

रणनीति एवं लक्ष्य

  • एनएनएम एक शीर्षस्थ निकाय के रूप में मंत्रालयों के पोषण संबंधी हस्तक्षेपों की निगरानी, पर्यवेक्षण, लक्ष्य निर्धारित करने तथा मार्गदर्शन का काम करेगा।
  • राष्ट्रीय पोषण मिशन का लक्ष्य ठिगनापन, अल्पपोषण, रक्ताल्पता (छोटे बच्चों, महिलाओं एवं किशोरियों में) को कम करना तथा प्रतिवर्ष अल्प वज़नी बच्चों में क्रमश: 2%, 2%, 3% तथा 2% की कमी लाना है।

इसमें क्या-क्या शामिल है?

  • कुपोषण का समाधान करने हेतु विभिन्न योजनाओं के योगदान का प्रतिचित्रण।
  • अत्यधिक मज़बूत अभिसरण तंत्र (Convergence Mechanism) प्रारंभ करना।
  • सूचना प्रौद्योगिकी आधारित वास्तविक समय (Real Time) निगरानी प्रणाली।
  • लक्ष्यों को प्राप्त करने वाले राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को प्रोत्साहित करना। 
  • आईटी आधारित उपकरणों के प्रयोग के लिये आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों को प्रोत्साहित करना।
  • आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों द्वारा रजिस्टरों के प्रयोग को समाप्त करना।
  • आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों का कद मापन प्रारंभ करना।

उपरोक्त के अलावा इसके अंतर्गत लोगों को जन आंदोलन के ज़रिये पोषण पर विभिन्न गतिविधियों आदि के माध्यम से शामिल करना, पोषण संसाधन केंद्रों की स्थापना करना इत्यादि शामिल है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow