इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


भारतीय अर्थव्यवस्था

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हेतु PLI योजना

  • 06 Apr 2021
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10900 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना "खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हेतु उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना" (PLISFPI) को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु:

PLI योजना:

  • घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और आयात बिलों में कटौती करने के लिये केंद्र सरकार ने मार्च 2020 में एक PLI योजना पेश की जिसका उद्देश्य घरेलू इकाइयों में निर्मित उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिये कंपनियों को प्रोत्साहन देना है।
  • भारत में वाणिज्यिक प्रतिष्ठान स्थापित करने के लिये विदेशी कंपनियों को आमंत्रित करने के अलावा इस योजना का उद्देश्य स्थानीय कंपनियों को विनिर्माण इकाई स्थापना या विस्तार के लिये प्रोत्साहित करना है।
  • PLI योजना को ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, IT हार्डवेयर जैसे-लैपटॉप, मोबाइल फोन और दूरसंचार उपकरण, बड़े घरेलू उपकरण, रासायनिक सेल और वस्त्र इत्यादि जैसे क्षेत्रों में भी मंज़ूरी दी गई है

PLISFPI का उद्देश्य:

  • वैश्विक खाद्य विनिर्माण की सर्वोत्तम इकाइयों के निर्माण का समर्थन।
  • वैश्विक परिदृश्य और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में व्यापक स्वीकृति हेतु चुनिंदा खाद्य उत्पादों के भारतीय ब्रांड को मज़बूती प्रदान करना।
  • गैर-कृषि रोज़गार के अवसर बढ़ाना।
  • कृषि उपज का लाभकारी मूल्य और किसानों की अधिक आय सुनिश्चित करना।

PLISFPI की विशेषताएँ:

  • कवरेज:
    • उन खाद्य विनिर्माण संस्थाओ को प्रोत्साहन देना जो निर्धारित न्यूनतम बिक्री के साथ मज़बूत भारतीय ब्रांडों को प्रोत्साहित करने के लिये प्रसंस्करण क्षमता के विस्तार और विदेशों में ब्रांडिंग हेतु निवेश करने के इच्छुक हैं।
    • पहला घटक चार प्रमुख खाद्य उत्पाद खंडों के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने से संबंधित है-  
      • रेडी टू कुक/रेडी टू ईट (RTC/RTE) खाद्य पदार्थ, 
      • प्रसंस्कृत फल और सब्जियाँ, 
      • समुद्री उत्पाद, 
      • मौजेरेला चीज़।
    • दूसरा घटक ब्रांडिंग और विपणन के लिये विदेशों से समर्थन प्राप्त करने से संबंधित है।
  • अवधि: यह योजना वर्ष 2021-22 से 2026-27 तक छह वर्ष की अवधि के लिये लागू की जाएगी।

अनुमानित लाभ:

  • 33,494 करोड़ रुपए का प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादन करने के लिये प्रसंस्करण क्षमता का विस्तार।
  • वर्ष 2026-27 तक लगभग 2.5 लाख व्यक्तियों हेतु रोज़गार का सृजन करना।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से संबंधित अन्य योजना:

स्रोत- पीआईबी

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2