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डिजिटल भारत की राह में पेटीएम का एक और कदम

  • 07 Nov 2017
  • 7 min read

चर्चा में क्यों 

मोबाइल भुगतान ब्रांड पेटीएम ने यू.पी.आई. यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (Unified Payments Interface – UPI) का समन्वय करते हुए पीयर-टू-पीयर (पी 2 पी) लेंडिंग की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पिछले कुछ समय से डिजिटल भुगतान के बाज़ार में पेटीएम सबसे व्यापक भुगतान प्रणाली बन कर उभरा है।

  • पीयर-टू-पीयर (पी 2 पी) लेंडिंग एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसके माध्यम से निवेश और क़र्ज़ लेना बहुत सरल हो जाता है। इसके तहत प्रदत्त कर्ज़ अथवा लोन का पोर्टफोलियो काफी विविधतापूर्ण होता है, जिसके कारण इसमें जोखिम भी कम होता है।
  • इतके अतिरिक्त एक अहम् बात यह है कि इसके अंतर्गत कानूनी कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर ही कर्ज़ दिया जाता है।
  • भारत में अभी इसके संबंध में कोई विशेष कानून उपस्थित नहीं है। हालाँकि, इस संबंध में आर.बी.आई. द्वारा कुछ ड्राफ्ट गाइडलाइन्स अवश्य जारी की गई है। 

प्रमुख बिंदु

  • भीम यू.पी.आई. के साथ एकीकरण होंने से पेटीएम के माध्यम से भुगतान करना सरल हो जाएगा। 
  • इसका कारण यह है कि इससे पेटीएम के अंतर्गत डिजिटल भुगतान हेतु वॉलेट खाता होने की अनिवार्यता अथवा वॉलेट के उपयोग द्वारा मुद्रा हस्तांतरित करने संबंधी बाध्यता समाप्त हो जाएंगी।
  • यू.पी.आई. के साथ एकीकरण होने का एक अन्य लाभ यह होगा कि अन्य बैंकों के उपभोक्ता भी अब मुद्रा हस्तांतरण के लिये पेटीएम का उपयोग कर सकते हैं। 
  • इसी बात को ध्यान में रखते हुए पेटीएम द्वारा अपने पी 2 पी लेनदेन में 100% वृद्धि होने की संभावना व्यक्त की गई है। 

भीम एप क्या है?

  • यह वित्तीय लेन-देन हेतु भारत सरकार के उपक्रम भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा शुरू किया गया एक मोबाइल एप है। 
  • इसका पूरा नाम (Bharat Interface For Money) है। यह नाम इसे डॉ भीमराव आंबेडकर के नाम पर किया गया है।
  • इस एप के अंतर्गत एक बायोमीट्रिक भुगतान प्रणाली का उपयोग करते हुए सीधे बैंक खाते से ई-भुगतान किया जा सकता है। यह एकीकृत भुगतान इंटरफेस पर आधारित व्यवस्था है।
  • इसे सभी स्मार्ट फोन एवं फीचर फोन के द्वारा उपयोग किया जा सकता है।
  • इसके अंतर्गत आधार गेटवे से जुड़े बैंक खाते में अँगूठे के निशान से ही भुगतान किया जा सकता है।
  • वस्तुतः इस प्रौद्योगिकी एवं डिजिटल लेन-देन के मध्यम से गरीब से गरीब व्यापारियों एवं हाशिए पर खड़े वर्गों को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।

आधार पे

  • आधार पे एईपीएस पर आधारित मॉडल है, इसे व्यापारियों के लिये शुरू किया गया है।
  • केवल मोबाइल फोन पर इस एप को इंस्टाल करके और स्कैनर पर अपने फिंगर प्रिंट को दर्ज़ कराके व्यापारी सभी आधार आधारित खातों से भुगतान शुरू कर सकते है।
  • इसके लिये किसी प्रकार के कार्ड या मोबाइल फोन अथवा पीओएस मशीन की आवश्यकता नहीं होती है।
  • इसके अंतर्गत भुगतान करने तथा इसे प्रमाणित करने के लिये केवल आधार नंबर और अँगूठे का निशान ही पर्याप्त होता है।

यू.पी.आई . पिन क्या होता है?

  • यह मोबाइल नंबर आधारित एक प्रणाली है, जो मोबाइल नंबर के जरिये यह सुनिश्चित करती है कि उपभोक्ता को उसके बैंक से जुड़ी सभी प्रकार की जानकरियाँ उसके मोबाइल नंबर पर ही उपलब्ध हो सके।
  • यू.पी.आई. भुगतान व्यवस्था के माध्यम से उपभोक्ता किसी भी बैंक खाते से मुद्रा का लेन-देन कर सकता है। इसके इस्तेमाल हेतु विभिन्न बैंकों द्वारा अपने-अपने एप शुरू किये गए हैं।

यह कैसे काम करेगा?

  • इस नई सुविधा के अंतर्गत उपयोगकर्त्ता पेटीएम एप्लिकेशन पर अपनी भीम यू.पी.आई. आई.डी. बनाने में सक्षम होंगे। यह आई.डी. पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा जारी की जाएगी।
  • इसके अतिरिक्त पेटीएम उपयोगकर्त्ता मुद्रा भेजने अथवा प्राप्त करने के लिये अपनी पेटीएम भीम यू.पी.आई. आई.डी. के साथ अपने किसी भी अन्य बचत बैंक खातों को भी लिंक कर सकते है।
  • पेटीएम भीम यू.पी.आई. के साथ उपयोगकर्त्ता अब आसानी से दो बैंक खाते के बीच सीधा और त्वरित मुद्रा हस्तांतरण कर सकते है।
  • साथ ही ऐसा करने के लिये उन्हें अपने बैंक खाते के विवरण और आई.एफ.एस.सी. (Indian Financial System Code – IFSC) को भी किसी के साथ साझा नहीं करना पड़ेगा।

मर्चेंट पार्टनर

  • इस लक्ष्य प्राप्ति को सफल बनाने के लिये पेटीएम अपने पाँच लाख व्यापारी साझेदारों को पेटीएम भीम यू.पी.आई. आई.डी. बनाने और उस के उपयोग द्वारा मुद्रा का हस्तांतरण करने संबंधी प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा। 
  • इसका लाभ यह होगा कि अब व्यापारी यू.पी.आई. के माध्यम से सीधे अपने बैंक खातों में धन स्वीकार करने में सक्षम हो सकेंगे।
  • भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India - NPCI) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक भीम यू.पी.आई. के माध्यम से उपयोगकर्त्ता प्रति दिन मात्र 1 लाख रुपए तक की ही धनराशि भेज सकते हैं, हालाँकि धन प्राप्ति के संबंध में ऐसी कोई सीमा तय नहीं की गई है।
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