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पद्मनाभस्वामी मंदिर

  • 05 Jul 2017
  • 4 min read

संदर्भ
सर्वोच्च  न्यायालय ने अपने एमीकस क्यूरी (Amicus Curiae) एवं वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमनियम को सलाह दी है कि वे केरल स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के तिजोरी को खोलने की चर्चा करें, ताकि मंदिर की संपत्तियों की सूची पूरी की  जा सके।  

मुख्य घटनाक्रम 

  • भारत के मुख्य  न्यायाधीश जे. एस. केहर की अध्यक्षता वाली  पीठ  का यह मानना है कि इस मंदिर के प्रबंधन में सर्वोच्च  न्यायालय के हस्तक्षेप का मुख्य उद्देश्य शुचिता एवं  पारदर्शिता को बनाए रखना है।  मंदिर की संपत्तियों की सूची को पूरा करने के लिये उसके तहखाने (कालरा बी) को खोलना किसी भी तरह से किसी के भावनाओं का उल्लंघन नहीं है। 
  • मुख्य न्यायाधीश की यह टिप्पणी उस समय आई है जब त्रावनकोर के राजघराने के वकील एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णन वेणुगोपाल ने अदालत को बताया कि किसी तांत्रिक की रिपोर्ट में कहा गया है कि तहखाना-बी को खोला नहीं जाना चाहिये, क्योंकि यह आस्था का विषय है।  
  • गौरतलब है कि पूर्व नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक विनोद राय ने, जिन्हें सर्वोच्च  न्यायालय द्वारा मंदिर की पैसों एवं रिकार्डों के ऑडिट की ज़िम्मेदारी सौपी गई थी, अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस तिजोरी को बीते समय में नौ बार खोला गया था। 

पद्मनाभस्वामी मंदिर

  • पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित भगवान श्री विष्णु का प्रसिद्ध मंदिर है। भारत के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में शामिल यह ऐतिहासिक मंदिर तिरुवनंतपुरम के अनेक पर्यटन स्थलों में से एक है। 
  • मान्यता है कि तिरुवनंतपुरम नाम भगवान विष्णु के 'अनंत' नामक नाग के नाम पर ही रखा गया है। यहाँ पर भगवान विष्णु की विश्राम अवस्था को 'पद्मनाभ' कहा जाता है और इस रूप में विराजित भगवान यहाँ पर पद्मनाभस्वामी के नाम से विख्यात हैं।

स्थापत्य 

  • पद्मनाभस्वामी मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला का अदभुत उदाहरण है। इसका निर्माण राजा मार्तण्ड द्वारा करवाया गया था। 
  • मंदिर के निर्माण में द्रविड़ एवं केरल शैली का मिला-जुला प्रयोग देखा जा सकता है।
  • इस मंदिर का गोपुरम द्रविड़ शैली में बना हुआ है। गोपुरम को कलाकृतियों से सुसज्जित किया गया है। 
  • इसका परिसर बहुत विशाल है, जो कि सात मंजिला ऊँचा है।  
  • मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति विराजमान है। इस प्रतिमा में भगवान विष्णु शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान हैं। 
  • मंदिर के पास ही एक सरोवर भी है, जो 'पद्मतीर्थ कुलम' के नाम से जाना जाता है।
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