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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-संयुक्त अरब अमीरात CEPA का एक वर्ष

  • 03 May 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

CEPA, भारत-संयुक्त अरब अमीरात CEPA, भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापार संबंध

मेन्स के लिये:

भारत और उसके पड़ोस, द्विपक्षीय समूह और समझौते, भारत-संयुक्त अरब अमीरात संबंध

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत-संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के कार्यान्वयन का एक वर्ष पूरा हो गया है।

व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA):

  • यह एक प्रकार का मुक्त व्यापार समझौता है जिसमें सेवाओं एवं निवेश के संबंध में व्यापार और आर्थिक साझेदारी के अन्य क्षेत्रों पर बातचीत करना शामिल है।
  • यह व्यापार सुविधा और सीमा शुल्क सहयोग, प्रतिस्पर्द्धा तथा बौद्धिक संपदा अधिकारों जैसे क्षेत्रों पर बातचीत किये जाने पर भी विचार करता है।
  • साझेदारी या सहयोग समझौते मुक्त व्यापार समझौतों की तुलना में अधिक व्यापक हैं।
  • CEPA व्यापार के नियामक पहलू को भी देखता है और नियामक मुद्दों को कवर करने वाले एक समझौते को शामिल करता है।

भारत और संयुक्त अरब अमीरात CEPA:

  • परिचय:
    • भारत-संयुक्त अरब अमीरात CEPA दोनों देशों के बीच एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है। इसमें वस्तुओं, सेवाओं, निवेश और आर्थिक सहयोग के अन्य क्षेत्रों में व्यापार शामिल है।
    • CEPA 1 मई, 2022 को लागू हुआ और उम्मीद है कि पाँच वर्षों के भीतर वस्तुओं के मामले में द्विपक्षीय व्यापार का कुल मूल्य 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक और सेवाओं में व्यापार 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो जाएगा।
    • CEPA पिछले एक दशक में किसी भी देश के साथ भारत द्वारा हस्ताक्षरित पहला सुदृढ़ और पूर्ण FTA है।
  • मुख्य विशेषताएँ:
    • व्यापार में सम्मिलित वस्तु:
      • CEPA भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच किये जाने वाले व्यापार से 80 प्रतिशत अधिक उत्पादों के लिये अधिमान्य बाज़ार पहुँच प्रदान करता है।
      • भारत को विशेष रूप से रत्न और आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते, खेल का सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि तथा लकड़ी के उत्पादों, इंजीनियरिंग उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों तथा ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में संयुक्त अरब अमीरात को अपने निर्यात पर टैरिफ में कमी करने या उन्मूलन से लाभ होगा।
    • व्यापार में सम्मिलित सेवाएँ:
      • CEPA में 11 व्यापक सेवा क्षेत्र और 100 से अधिक उप-क्षेत्र शामिल हैं, जैसे- व्यवसाय सेवाएँ, संचार सेवाएँ, निर्माण और इंजीनियरिंग संबंधित सेवाएँ, वितरण सेवाएँ, शैक्षिक सेवाएँ, पर्यावरण सेवाएँ, वित्तीय सेवाएँ, स्वास्थ्य संबंधी और सामाजिक सेवाएँ, पर्यटन एवं यात्रा संबंधित सेवाएँ, मनोरंजक सांस्कृतिक तथा खेल सेवाएँ और परिवहन सेवाएँ।
      • दोनों देशों ने इन क्षेत्रों में एक-दूसरे के सेवा प्रदाताओं के लिये बाज़ार तक बेहतर पहुँच की पेशकश की है।
    • निवेश:
      • CEPA भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच सीमा पार निवेश के लिये एक उदार और गैर-भेदभावपूर्ण व्यवस्था प्रदान करता है।
      • इसमें विवाद निपटान और निवेश सुविधा पर सहयोग के प्रावधान भी शामिल हैं।
    • सहयोग के कुछ अन्य क्षेत्र:

भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापार संबंध:

  • व्यापार :
    • संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार (अमेरिका, चीन के बाद) है। वर्ष 2021 में दोनों के बीच द्विपक्षीय व्यापार कारोबार 68.4 अरब अमेरिकी डॉलर का था।
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI):
    • संयुक्त अरब अमीरात अप्रैल 2000 से सितंबर 2022 तक 15,179 मिलियन अमेरिकी डॉलर के संचयी FDI प्रवाह के साथ भारत में 7वाँ सबसे बड़ा निवेशक है।
  • निर्यात:
    • संयुक्त अरब अमीरात को होने वाले प्रमुख भारतीय निर्यात में पेट्रोलियम उत्पाद, रत्न और आभूषण, मशीनरी एवं उपकरण, रसायन, लोहा तथा इस्पात, कपड़ा व वस्त्र, अनाज, मांस और मांस उत्पाद आदि शामिल हैं।
  • आयात:
    • संयुक्त अरब अमीरात से होने वाले प्रमुख भारतीय आयात में कच्चा तेल, सोना, मोती और कीमती पत्थर, धातु अयस्क एवं धातु स्क्रैप, रसायन, विद्युत मशीनरी आदि शामिल हैं।
  • व्यापार संबंधों पर भारत-संयुक्त अरब अमीरात CEPA का प्रभाव:
    • द्विपक्षीय व्यापार:
      • वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच वाणिज्य में रिकॉर्ड वृद्धि हासिल की गई है, यह वित्त वर्ष 2022 के 72.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 84.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो कि 16% की वृद्धि है।
    • संयुक्त अरब अमीरात को भारत से निर्यात:
      • भारतीय निर्यात 28 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 31.3 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया (उपर्युक्त समान अवधि में); प्रतिशत के संदर्भ में 11.8%की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि।
      • इसी अवधि के दौरान भारत के वैश्विक निर्यात में 5.3% की वृद्धि हुई थी, यदि संयुक्त अरब अमीरात को छोड़ दिया जाए तो भारत का वैश्विक निर्यात 4.8% की दर से बढ़ा है।
    • वे क्षेत्र जिनमें निर्यात में काफी वृद्धि हुई, इस प्रकार हैं:
      • खनिज ईंधन
      • विद्युत मशीनरी (विशेष रूप से टेलीफोन उपकरण)
      • रत्न और आभूषण
      • ऑटोमोबाइल (परिवहन वाहन)
      • आवश्यक तेल/इत्र/प्रसाधन सामग्री (सौंदर्य/त्वचा देखभाल उत्पाद)
      • अन्य मशीनरी
      • अनाज (चावल)
      • कॉफी/चाय/मसाले
      • रासायनिक उत्पाद

स्रोत: पी.आई.बी.

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