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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

चार्टेड एकाउंटेंट से संबंधित नियमों में संशोधन की आवश्यकता

  • 31 Jul 2017
  • 4 min read

संदर्भ
गौरतलब है कि भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (Institute of Chartered Accountants of India - ICAI) के कथनानुसार, इस साल 30 जून तक सी.ए. (चार्टेड एकाउंटेंटों) के खिलाफ 4,445 शिकायतें दर्ज़ की गई हैं| साथ ही मार्च 2017 तक तकरीबन 402 मामलों में सज़ा भी सुनाई गई है|

  • इस संदर्भ में, सी.ए. नियामक (CA regulator) ने अपना मत रखते हुए स्पष्ट किया है कि यह समस्त वाक्या न केवल चार्टेड एकाउंटेंटों की भर्ती के संबंध में संशोधन के लिये ज़ोर दे रहा है बल्कि इस पेशे में भर्ती हुए गलत लोगों के खिलाफ कार्रवाई में तेज़ी लाने के लिये मानदंडों में परिवर्तन करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दे रहा है|

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • ध्यातव्य है कि उक्त संदर्भ में कार्रवाई का मुख्य कारण हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा विमुद्रीकरण के मद्देनज़र काले धन को वैध बनाने के साथ-साथ शैल कंपनियों में शामिल लोगों के संबंध में सख्त कार्रवाई करने का संकेत देना है|
  • इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री द्वारा आई.सी.ए.आई. को कर चोरी करने वाले लोगों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई करने को भी कहा गया है| 
  • विदित हो कि आई.सी.ए.आई. कॉर्पोरेट मामलों के प्रशासनिक मंत्रालय के नियन्त्रण में कार्य करता है|

संशोधन का प्रावधान

  • ध्यातव्य है कि सी.ए. अधिनियम में संशोधन करने हेतु संसद की अनुमति की आवश्यकता होगी| इसका कारण यह है कि सी.ए. अधिनियम में सुधार करने, परिवर्तन करने एवं इसकी शक्तियों में बढ़ोतरी करने के साथ-साथ सी.ए. अधिनियम में वर्णित अनुशासनात्मक नियमों में परिवर्तन करने संबंधी सभी अधिकार केंद्र के पास हैं|  

कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय

  • इस मंत्रालय का कार्य मुख्य रूप से कंपनी अधिनियम, 2013, कंपनी अधिनियम 1956, सीमित देयता भागीदारी फर्म अधिनियम, 2008 एवं उनके तहत बनाए गए अन्य संबद्ध कानूनों, नियमों एवं विनियमों से संबंधित उन कार्यों को देखना है, जिनका उद्देश्य मुख्य रूप से कॉर्पोरेट क्षेत्र की कार्यप्रणाली का कानून के अनुसार नियमन करना है|
  • यह मंत्रालय प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के तहत गठित आयोग के माध्यम से प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली प्रथाओं को रोकने, बाज़ारी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने एवं उसे बनाए रखने तथा उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा संबंधी कार्य भी देखता है|
  • इसके अलावा यह तीन व्यवसायिक संस्थाओं भारतीय चार्टेड एकाउंटेंट संस्थान, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान एवं भारतीय लागत लेखाकार संस्थान का भी पर्यवेक्षण करता है|
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