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राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन

  • 01 Jul 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन, NEP, SERB, साइन लैंग्वेज एस्ट्रोलैब,  CSIR-NPL

मेन्स के लिये:

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Science and Technology),  भारत सरकार ने राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (National Research Foundation- NRF) विधेयक, 2023 को संसद में पेश करने की स्वीकृति दे दी।

NRF विधेयक 2023 की विशेषताएँ: 

  • NRF की स्थापना: 
    • संसद से मंज़ूरी मिलने के बाद यह विधेयक, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy- NEP) की सिफारिशों के अनुरूप देश में वैज्ञानिक अनुसंधान को उच्चस्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिये राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन नाम के एक शीर्ष निकाय की स्थापना करेगा जिसकी कुल अनुमानित लागत पाँच वर्षों की अवधि (2023-28) के दौरान 50,000 करोड़ रुपए होगी।
  • SERB का समावेशन: 
    • यह विधेयक 2008 में संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (Science and Engineering Research Board- SERB) को भी निरस्त कर देगा और इसे NRF में सम्मिलित कर देगा, जिसका एक विस्तृत दायरा है और जो SERB की गतिविधियों के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों को भी कवर करता है।
  • प्रशासन एवं शासन: 
    • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology- DST) NRF का प्रशासनिक विभाग होगा जो एक शासी बोर्ड (Governing Board) द्वारा शासित होगा। शासी बोर्ड में विभिन्न विषयों से संबंधित प्रख्यात शोधकर्त्ता और पेशेवर शामिल होंगे। 
    • प्रधानमंत्री इस बोर्ड के पदेन अध्यक्ष होंगे और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री तथा केंद्रीय शिक्षा मंत्री पदेन उपाध्यक्ष होंगे। 
    • NRF का कामकाज़ भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता में एक कार्यकारी परिषद द्वारा प्रशासित होगा।

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन क्या है? 

  • परिचय: 
    • यह एक नीतिगत ढाँचा बनाने और नियामक प्रक्रियाओं को स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा ताकि अनुसंधान एवं विकास पर उद्योग द्वारा सहयोग तथा खर्च में वृद्धि को प्रोत्साहित किया जा सके।
  • उद्देश्य: 
    • NRF का लक्ष्य वैज्ञानिक अनुसंधान में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को शामिल करना है, क्योंकि वर्तमान में भारत में लगभग 40,000 उच्च शिक्षण संस्थानों में से 1% से भी कम अनुसंधान में लगे हुए हैं
    • NRF सक्रिय शोधकर्त्ताओं को उम्र की परवाह किये बिना NRF प्रोफेसरशिप लेने और मौजूदा संकाय के साथ सहयोग करने के लिये प्रोत्साहित करके विश्वविद्यालयों में अनुसंधान क्षमता का निर्माण करने की योजना बना रहा है।
    • यह इन विश्वविद्यालयों में युवा शोधकर्त्ताओं को डॉक्टरेट और पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप प्रदान करेगा।
  • महत्त्व: 
    • नेचुरल साइंस के अलावा अन्य अनुसंधान को बढ़ावा:
      • NRF न केवल प्राकृतिक विज्ञान बल्कि मानविकी, सामाजिक विज्ञान तथा कला में भी अनुसंधान को वित्तपोषित करेगा तथा इन्हें प्रोत्साहित करेगा।
      • यह एकीकरण रचनात्मकता, आलोचनात्मक विचार और संचार कौशल को बढ़ावा देने की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।
      • वर्तमान में इन क्षेत्रों में अनुसंधान के लिये निधियन के स्रोत सीमित हैं। सामाजिक विज्ञान, भारतीय भाषाओं और ज्ञान प्रणालियों, कला एवं मानविकी के लिये निदेशालय स्थापित करना NRF के लक्ष्यों में से एक है।
    • राष्ट्रीय प्राथमिकताएँ: 
      • यह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को चिह्नित करने का लक्ष्य रखता है जहाँ विज्ञान व प्रौद्योगिकी के हस्तक्षेप स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, सतत् बुनियादी ढाँचे, बेहतर परिवहन और सुलभ एवं किफायती स्वास्थ्य सेवा जैसे राष्ट्रीय उद्देश्यों में योगदान कर सकते हैं।
    • वित्तपोषण में वृद्धि: 
      • इसका उद्देश्य भारत में सरकारी और निजी दोनों स्रोतों से वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये वित्तपोषण में वृद्धि करना है।
        • वर्तमान में अनुसंधान और विकास पर भारत का खर्च इसके सकल घरेलू उत्पाद के 0.7% से कम है, जबकि मिस्र या ब्राज़ील जैसे देश भी इससे अधिक खर्च करते हैं।
        • अमेरिका, चीन, इज़रायल, जापान और दक्षिण कोरिया वैज्ञानिक अनुसंधान पर अपने संबंधित सकल घरेलू उत्पाद का 2 से 5% के बीच खर्च करते हैं।
      • अपर्याप्त वित्तपोषण ने भारत में अनुसंधान उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया है। NRF के लिये पाँच वर्षों में 50,000 करोड़ रुपए का प्रारंभिक आवंटन पर्याप्त वृद्धि का प्रतिनिधित्व तो नहीं करता है लेकिन NRF को पहचान मिलने तथा प्रगति प्रदर्शित होने के साथ इसमें वृद्धि की उम्मीद है।

आगे की राह

  • भारत में NRF की स्थापना वैज्ञानिक अनुसंधान परिदृश्य में क्रांति लाने की अपार संभावनाएँ रखती है। सामाजिक विज्ञान सहित अनुसंधान भागीदारी को व्यापक बनाकर तथा राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ फंडिंग में वृद्धि करके NRF महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान कर सकता है, इसके साथ ही अनुसंधान आउटपुट तथा नवाचार में भी वृद्धि कर सकता है।
  • NRF's के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ भारत का वैज्ञानिक अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र महत्त्वपूर्ण सुधार के लिये तैयार है, जिसके परिणामस्वरूप देश को परिवर्तनकारी परिणाम प्राप्त होंगे।

स्रोत: पी.आई.बी.

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