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राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर

  • 29 May 2023
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, जनगणना, मकान सूचीकरण, नागरिकता अधिनियम 1955, NRC, नागरिकता

मेन्स के लिये:

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर। 

चर्चा में क्यों? 

जनगणना 2021 के लिये सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अनिवार्य कर दिया है, जो उन नागरिकों को स्वयं गणना करने की अनुमति देता है, जो सरकारी प्रगणकों पर विश्वास करने के बजाय स्वयं जनगणना फॉर्म भरना पसंद करते हैं।  

  • स्वयं गणना का तात्पर्य स्वयं उत्तरदाताओं द्वारा जनगणना सर्वेक्षण प्रश्नावली को पूरा करने से है। स्वयं गणना सुविधा केवल उन्हीं परिवारों को प्रदान की जाएगी जिन्होंने NPR को ऑनलाइन अपडेट किया है।
  • स्वयं गणना के दौरान आधार या मोबाइल नंबर का होना अनिवार्य है। 

अगली जनगणना हेतु प्रश्नावली का अंतिम रूप:

  • आगामी जनगणना पहली बार डिजिटल होगी, जिससे उत्तरदाता अपने घरों से प्रश्नावली को पूरा कर सकेंगे।
  • मकान सूचीकरण और आवास अनुसूची चरण के लिये प्रश्रावली को अंतिम रूप दे दिया गया है, जबकि जनसंख्या गणना चरण के प्रश्नों को अधिसूचित किया जाना बाकी है।
    • वर्ष 2011 की जनगणना की तुलना में अगली जनगणना में यात्रा के लिये मेट्रो रेल के उपयोग पर भी प्रश्नावली में प्रश्न शामिल हैं।
  • दिव्यांगों की प्रश्नावली सूची प्रश्न में एसिड अटैक, बौद्धिक अक्षमता, पुरानी तंत्रिका संबंधी बीमारी और रक्त विकार जैसी अतिरिक्त श्रेणियाँ शामिल हैं।
  • अगली जनगणना इस बात की भी जानकारी एकत्र करेगी कि किराये के मकान में रहने वाले व्यक्तियों के पास कहीं और आवासीय संपत्ति है या नहीं
  • आवासीय परिसर से विशिष्ट दूरी के अंदर पेयजल की उपलब्धता पर भी प्रश्न शामिल हैं।

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर:

  • परिचय: 
    • NPR, एक ऐसा डेटाबेस है जिसमें देश के सभी सामान्य निवासियों की जानकारी होती है।
      • NPR के प्रयोजन के लिये एक सामान्य निवासी वह व्यक्ति है जो किसी स्थान पर छह महीने या उससे अधिक समय से रह रहा है और वहाँ छह महीने या उससे अधिक समय तक रहने के लिये प्रतिबद्ध है।
    • इसका उद्देश्य देश में रहने वाले लोगों का एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है।
      • यह जनगणना के "हाउस-लिस्टिंग" चरण के दौरान घर-घर जाकर जनगणना के माध्यम से किया जाता है।
    • NPR पहली बार वर्ष 2010 में एकत्र किया गया था। इसे वर्ष 2015 में अपडेट किया गया था तथा इसमें 119 करोड़ निवासियों का विवरण पहले से ही सूचीबद्ध है।
      • मार्च 2020 में गृह मंत्रालय (MHA) ने वर्ष 1990 में बनाए गए जनगणना नियमों में संशोधन किया ताकि जनगणना के आँकड़ों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रदर्शित और एकत्रित किया जा सके तथा उत्तरदाताओं को स्व-गणना में सक्षम बनाया जा सके।
  • कानूनी समर्थन : 
    • NPR, नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003 के प्रावधानों के अंतर्गत तैयार किया गया है।
    • "भारत के प्रत्येक सामान्य निवासी" को NPR में पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
  • महत्त्व: 
    • यह विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर निवासियों के डेटा को सुव्यवस्थित करेगा।
      • उदाहरण के लिये अलग-अलग सरकारी दस्तावेज़ों पर किसी व्यक्ति की जन्मतिथि अलग-अलग होना सामान्य बात है। NPR इसका समाधान करने में सहायता करेगा।
    • यह सरकार को अपनी नीतियों को बेहतर तरीके से तैयार करने और राष्ट्रीय सुरक्षा में भी सहायता करेगा।
    • यह सरकारी लाभार्थियों को बेहतर तरीके से लक्षित करेगा तथा आधार के साथ ही कागज़ी कार्रवाई और लालफीताशाही को कम करेगा।
    • यह सरकार द्वारा हाल ही में जारी किये गए 'एक पहचान पत्र' के विचार को लागू करने में  सहायता करेगा। 
      • 'वन आइडेंटिटी कार्ड'-आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बैंकिंग कार्ड, पासपोर्ट और अन्य के डुप्लीकेट और त्रुटिपूर्ण दस्तावेज़ों को बदलने का प्रयास करता है।
  • NPR और NRC: 
    • नागरिकता नियम 2003 के अनुसार, NPR एक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के संकलन की दिशा में पहला कदम है। निवासियों की सूची (यानी NPR) बनने के बाद एक राष्ट्रव्यापी NRC उस सूची से नागरिकों को सत्यापित करने के लिये जा सकता है।
    • हालाँकि NRC के विपरीत NPR एक नागरिकता गणना अभियान नहीं है क्योंकि यह एक विदेशी को छह महीने से अधिक समय तक किसी इलाके में रहने का रिकॉर्ड प्रदान करता है।
      • NRC प्रत्येक गाँव के संबंध में वर्ष 1951 की जनगणना के संचालन के बाद तैयार किया गया एक रजिस्टर है, जिसमें घरों या जोतों को एक क्रम में दिखाया गया है और प्रत्येक घर के सामने या उसमें रहने वाले व्यक्तियों की संख्या तथा नाम का संकेत दिया गया है।

NPR और जनगणना में अंतर: 

  • उद्देश्य: 
    • जनगणना में एक विस्तृत प्रश्नावली शामिल है, वर्ष 2011 की जनगणना में 29 मद भरे जाने थे, जिसका उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति के आयु, लिंग, वैवाहिक स्थिति, बच्चों, व्यवसाय, जन्मस्थान, मातृभाषा, धर्म, अक्षमता सहित विवरणों को प्राप्त करना था। चाहे वे किसी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के हों।
    • इसके अतिरिक्त NPR बुनियादी जनसांख्यिकीय डेटा और बायोमेट्रिक विवरण एकत्र करता है।
  • कानूनी आधार: 
    • जनगणना कानूनी रूप से जनगणना अधिनियम, 1948 द्वारा समर्थित है।
    • NPR, नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत बनाए गए नियमों के एक समूह में उल्लिखित एक तंत्र है।
  • व्यापक पहचान डेटाबेस: 
    • NPR, जनगणना के विपरीत देश में प्रत्येक "सामान्य निवासी" का एक व्यापक पहचान डेटाबेस है और परिवार के स्तर पर एकत्र किये जाने वाले प्रस्तावित डेटा को राज्यों तथा अन्य सरकारी विभागों के साथ साझा किया जा सकता है।
    • हालाँकि जनगणना में भी इसी तरह की जानकारी एकत्र की जाती है, 1948 का जनगणना अधिनियम किसी भी व्यक्ति के डेटा को राज्य या केंद्र के साथ साझा करने पर रोक लगाता है और केवल प्रशासनिक स्तर पर संपूर्ण डेटा जारी किया जा सकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2009)

  1. 1951 की जनगणना और 2001 की जनगणना के बीच भारत के जनसंख्या घनत्व में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। 
  2. 1951 की जनगणना और 2001 की जनगणना के बीच भारत की जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि दर (घातीय) तीन गुना हो गई है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)

व्याख्या: 

  • जनसंख्या की सघनता के महत्त्वपूर्ण संकेतकों में से एक जनसंख्या का घनत्व है। इसे प्रति वर्ग किलोमीटर पर व्यक्तियों की संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है।
  • वर्ष 2001 में भारत का जनसंख्या घनत्व 324 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था और 1951 में यह 117 था। इस प्रकार घनत्व में दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई, न कि तीन गुना। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • बीसवीं सदी की शुरुआत यानी वर्ष 1901 में भारत का जनसंख्या घनत्व 77 था और यह लगातार एक दशक से बढ़कर वर्ष 2001 में 324 तक पहुँच गया।
  • वर्ष 2001 में औसत वार्षिक वृद्धि दर 1.93 थी, जबकि 1951 में यह 1.25 थी। इस प्रकार इसमें वृद्धि तो हुई लेकिन यह वृद्धि दोगुनी नहीं थी। अतः कथन 2 सही नहीं है। 

अतः  विकल्प (d) सही है।


प्रश्न: सरकार की दो समांतर चलाई जा रही योजनाओं, यथा ‘आधार कार्ड’ और ‘राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर’ (एन.पी.आर.), एक स्वैच्छिक और दूसरी अनिवार्य, ने राष्ट्रीय स्तरों पर वाद-विवादों और मुकदमों को जन्म दिया है। गुणों-अवगुणों के आधार पर चर्चा कीजिये कि क्या दोनों योजनाओं को साथ-साथ चलाना आवश्यक है या नहीं है? इन योजनाओं की विकासात्मक लाभों और न्यायोचित संवृद्धि को प्राप्त करने की संभाव्यता का विश्लेषण कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2014)

स्रोत: द हिंदू

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