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भारतीय अर्थव्यवस्था

नेशनल हाउसिंग बैंक

  • 06 Mar 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) के लिये पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio-CAR) को मार्च 2022 तक चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर 15% करने का प्रस्ताव किया है।

प्रमुख बिंदु

  • हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिये वर्तमान अनुपात 12% है जिसे अगले तीन वर्षों में प्रतिवर्ष 1 प्रतिशत की दर से बढ़ाया जायेगा।
  • वित्तीय संस्थाएँ होने के नाते हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को किसी भी अन्य वित्तीय क्षेत्र में विफलताओं से उत्पन्न जोखिमों, तरलता और सॉल्वेंसी से संबंधित जोखिमों तथा अन्य धन संबंधी जोखिम से अवगत कराया जाता है। इसीलिये हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के नियामक ढाँचे की समीक्षा की गई।
  • HFCs ने इस कदम का स्वागत किया है क्योंकि मुद्रा की तरलता समय की ज़रूरत है। नियामकों को मज़बूत बैलेंस शीट के साथ HFC के लिये पूंजी की आसान पहुँच बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि तरलता की कमी आवास बाज़ार के समग्र विकास में एक बड़ी बाधा के रूप में काम कर रही है।
  • पूंजी की उपलब्धता एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, खासकर यदि हमें 2022 तक आवास के संदर्भ में सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करना है। 
  • विनियामक परिवर्तन द्वारा बड़े हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों जिनकी पूंजी 15% से अधिक है, जैसे कि हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC), रेपको होम फाइनेंस (RHF), इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस (IHF) और दीवान हाउसिंग फाइनेंस (DHF) को कुछ खास प्रभावित किये जाने की संभावना नहीं है ।
  • प्रणालीगत स्तर पर किया गया यह परिवर्तन लाभ के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिये एक अच्छा प्रयास है। साथ ही HFC को दिशा-निर्देशों को पूरा करने के लिये तीन साल का रोडमैप भी प्रदान करता है।

पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio-CAR)

  • नेशनल हाउसिंग बैंक ने तरलता जोखिम के खिलाफ एहतियाती उपाय के रूप में हाउसिंग फाइनेंसिंग कंपनियों (HFC) की पूंजी पर्याप्तता अनुपात को 15% तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है।
  • CAR, बैंक की उपलब्ध पूंजी का एक माप है जिसे बैंक के जोखिम-भारित क्रेडिट एक्सपोज़र के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है।
  • पूंजी पर्याप्तता अनुपात को पूंजी-से-जोखिम भारित संपत्ति अनुपात (capital-to-risk Weighted Assets Ratio-CRAR) के रूप में भी जाना जाता है। इसका उपयोग जमाकर्त्ताओं की सुरक्षा और विश्व में वित्तीय प्रणालियों की स्थिरता और दक्षता को बढ़ावा देने के लिये किया जाता है।

स्रोत – लाइव मिंट

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