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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

‘उदय’ का बढ़ता दायरा

  • 21 Nov 2017
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

उज्‍जवल डिस्‍कॉम एश्‍योरेंस योजना (उदय) के अंतर्गत दूसरी वर्षगाँठ पर सरकार द्वारा परिचालन संबंधी सुधार के लिये नागालैंड और संघ शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव के साथ चार समझौता ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर किये गए। इस योजना के अंतर्गत ये राज्‍य/संघ-शासित प्रदेश केवल परिचालन संबंधी सुधार करेंगे। ये वित्‍तीय पुनर्गठन/बॉण्ड के मुद्दे को नहीं उठाएंगे।

  • इन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने के साथ ही ‘उदय’ के अंतर्गत शामिल राज्यों की संख्‍या बढ़कर 27 (राज्‍य और चार संघ शासित प्रदेश) हो गई है।

प्रमुख बिंदु

  • इस समझौत ज्ञापन से राज्‍य/संघ-शासित प्रदेशों के विद्युत विभागों/वितरण कंपनियों की संचालन कार्य क्षमता में सुधार का मार्ग प्रशस्‍त होगा। 
  • अनिवार्य वितरण के ज़रिये ट्रांसफॉर्मर मीटरिंग, उपभोक्‍ता इंडेक्सिंग और नुकसान की जीआईएस मैपिंग, ट्रॉसफॉर्मर/मीटर आदि के उन्‍नयन/परिवर्तन, उच्‍च क्‍वालिटी के उत्‍पादों की चाहत रखने वाले उपभोक्‍तओं की स्‍मार्ट मीटरिंग, फीडर ऑडिट आदि के ज़रिये एटी एंड सी (Aggregate Technical and Commercial) नुकसान और ट्रॉसमिशन नुकसान को कम किया जा सकेगा। 
  • साथ ही बिजली की आपूर्ति की लागत और वसूली के बीच के अंतर को भी समाप्‍त किया जा सकेगा।
  • हालाँकि राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा अपनी संचालन संबंधी कार्य क्षमता में सुधार और बिजली की आपूर्ति की लागत कम करने के प्रयास किये जाएंगे। 
  • केन्‍द्र सरकार ऊर्जा के बुनियादी ढाँचे में सुधार और बिजली की लागत कम करने के लिये राज्‍य/संघ शासित प्रदेश को प्रोत्‍साहन देगी।
  •  केन्‍द्रीय योजनाएँ जैसे- दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), समन्वित विद्युत विकास योजना (आईपीडीएस), बिजली क्षेत्र विकास कोष अथवा बिजली मंत्रालय और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की अन्‍य योजनाएँ विद्युत बुनियादी ढाँचे में सुधार के लिये पहले से ही धनराशि प्रदान कर रही हैं। 
  • इन योजनाओं के अंतर्गत अतिरिक्‍त/प्राथमिकता के रूप में धनराशि देने के बारे में विचार किया जाएगा, यदि राज्‍य/संघ शासित प्रदेश योजना में दी गई संचालन संबंधी उपलब्धियों को पूरा करते हों।
  • उदय में ऊर्जा कार्य दक्ष एलईडी बल्‍बों के इस्‍तेमाल, कृषि पम्‍पों, पंखों और एयरकंडीशनर तथा पीएटी (परिणत, हासिल करना, व्‍यापार) के जरिये दक्ष औद्योगिक उपकरण, बिजली की अधिक मांग वाले समय में लोड को कम करने में मदद करेंगे, जिससे राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों में ऊर्जा के उपभोग को कम करने में मदद मिलेगी।
  • एटी एंड सी नुकसान का स्‍तर कम होने का अर्थ है कि उपभोक्‍ताओं को बिजली की प्रति इकाई कम कीमत अदा करनी पड़ेगी। साथ ही वितरण कंपनी/विद्युत विभाग अधिक बिजली की आपूर्ति करने की स्थिति में होगा। 
  • इससे उन स्‍थानों पर तेज़ी से सस्‍ती बिजली उपलब्‍ध हो सकेगी, जहाँ आज भी बिजली नहीं है। 
  • 24 घंटे बिजली की उपलब्‍धता से अर्थव्‍यवस्‍था आगे बढ़ेगी, उद्योग/पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही इन राज्‍य/संघ शासित प्रदेशों के लोगों को रोज़गार के और अधिक अवसर मिलेंगे। 

क्या है उदय (UDAY)?

  • उदय अर्थात् उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (Ujwal DISCOM Assurance Yojana)। डिस्कॉम अर्थात् डिस्ट्रीब्यूसन  कंपनीज़। 
  • इस योजना का लक्ष्य देश की विद्युत वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार एवं उनका पुनरुद्धार करना तथा उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान सुनिश्चित करना है।  
  • विद्युत मंत्रालय द्वारा यह योजना उज्ज्वल डिस्‍कॉम एश्‍योरेंस योजना या उदय नाम से प्रारंभ की गई है।  

उदय से लाभ  

  • सभी के लिये सातों दिन चौबीसों घंटे बिजली। 
  • सभी गाँवों के लिये विद्युतीकरण। 
  • सक्षम उर्जा सुरक्षा। 
  • रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिये बिजली क्षेत्र में निवेश को पुनर्जीवित करना। 
  • लगभग सभी विद्युत वितरण कंपनियों को लाभदायक स्थिति में लाना। 
  • उदय दक्षता में सुधार कर वार्षिक 1.8 लाख करोड़ की बचत करना।
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