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एम. एस. स्वामीनाथन शताब्दी सम्मेलन

  • 08 Aug 2025
  • 8 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

भारत के प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में एम. एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया, स्वामीनाथन को ‘‘भारत में हरित क्रांति का जनक’’ माना जाता है।

  • विषय: सदाबहार क्रांति, जैव-खुशहाली का मार्ग। यह खाद्य सुरक्षा, स्थिरता और समावेशी विकास पर केंद्रित है।
  • एम. एस. स्वामीनाथन का योगदान: उन्होंने उच्च उपज वाली फसलों की शुरुआत की, जिससे भारत की खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिला और उन्होंने नॉर्मन बोरलॉग (विश्व में हरित क्रांति के जनक) के साथ मिलकर अर्द्ध-बौने गेहूँ पर सहयोग किया, जिससे गेहूँ के उत्पादन में वृद्धि हुई।
    • वह मैंग्रोव पुनरुद्धार और सतत् कृषि के क्षेत्र में भी अग्रणी थे तथा उन्होंने पर्यावरण अनुकूल कृषि विकास के लिये सदाबहार क्रांति को बढ़ावा दिया।
  • मान्यता और विरासत: उन्हें वर्ष 2024 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया और कृषि को स्थायी पारिस्थितिक प्रथाओं से जोड़ने के लिये UNEP द्वारा आर्थिक पारिस्थितिकी के जनक के रूप में सम्मानित किया गया।

MS_Swaminathan

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