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शासन व्यवस्था

जन शिक्षण संस्थान

  • 23 Aug 2021
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये 

जन शिक्षण संस्थान, गैर-सरकारी संगठन 

मेन्स के लिये

जन शिक्षण संस्थान का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जन शिक्षण संस्थान (JSS) ने केरल के नीलांबुर जंगल क्षेत्र के भीतर कुछ दूर-दराज़ की आदिवासी बस्तियों में हाई-स्पीड इंटरनेट की व्यवस्था की है।

प्रमुख बिंदु

परिचय:

  • JSS की योजना को पूर्व में श्रमिक विद्यापीठ के नाम से जाना जाता था, यह भारत सरकार की एक अनूठी योजना थी और इसे वर्ष 1967 से देश में गैर-सरकारी संगठनों (NGO) के माध्यम से लागू किया गया था।
    • वर्ष 2000 में इस योजना का नाम बदलकर जन शिक्षण संस्थान (JSS) कर दिया गया।
  • इसे जुलाई 2018 में शिक्षा मंत्रालय (तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय) से कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।
  • JSS न्यूनतम लागत और बुनियादी ढाँचे के साथ लाभार्थियों को उनके दरवाज़े पर व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान कर लाभान्वित कर रहे हैं।
  • JSS इस अर्थ में अद्वितीय हैं कि वे न केवल व्यावसायिक कौशल प्रदान करते हैं बल्कि इसमी जीवन कौशल को भी शामिल करते हैं जो लाभार्थी को दैनिक जीवन में मदद कर सकता है।
  • वे अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य नहीं कर रहे हैं बल्कि विभिन्न विभागों के साथ कन्वर्जेंस प्रोग्राम भी चला रहे हैं।
    • वर्तमान में 25 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों में 233 जन शिक्षण संस्थान कार्य कर रहे हैं।
    • लाभार्थियों का वार्षिक कवरेज लगभग 4 लाख है जिसमें 85% महिलाएँ हैं।

शासनादेश:

  • गैर-साक्षर, नव-साक्षर, 8वीं तक की प्राथमिक शिक्षा और 15-45 वर्ष के आयु वर्ग में 12वीं कक्षा तक स्कूल छोड़ने वाले व्यक्तियों को अनौपचारिक मोड में व्यावसायिक कौशल प्रदान करना।
  • प्राथमिकता समूह में महिलाएँ, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और समाज के अन्य पिछड़े वर्ग शामिल हैं।

कार्यान्वयन:

  • इसे भारत सरकार के 100% अनुदान के साथ गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है। JSS सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत पंजीकृत हैं।
  • जन शिक्षण संस्थान के मामलों का प्रबंधन भारत सरकार द्वारा अनुमोदित संबंधित प्रबंधन बोर्ड द्वारा किया जाता है।

JSS का कार्य-क्षेत्र:

  • व्यावसायिक तत्त्वों, सामान्य जागरूकता और जीवन संवर्द्धन घटकों को शामिल करते हुए उपयुक्त पाठ्यक्रम एवं प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित करना।
  • JSS को प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान और महानिदेशक, रोज़गार एवं प्रशिक्षण द्वारा डिज़ाइन किये गए पाठ्यक्रमों के समकक्ष प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है।
  • प्रशिक्षण आयोजित करने के लिये संसाधन संपन्न व्यक्तियों और मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • सरल परीक्षण और पुरस्कार प्रमाण-पत्र प्रशासित करना।
  • प्रशिक्षुओं के लिये उपयुक्त प्लेसमेंट हेतु नियोक्ताओं और उद्योगों के साथ नेटवर्क स्थापित करना।

स्रोत: द हिंदू

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