इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


भारतीय अर्थव्यवस्था

भारत का आउटवार्ड और इनवार्ड इन्वेस्टमेंट रुझान

  • 18 Sep 2023
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

आउटवार्ड डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (ODI), प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, टैक्स हेवन्स

मेन्स के लिये:

भारत का आउटवार्ड और इनवार्ड इन्वेस्टमेंट रुझान और इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा की गई गणना के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023 में भारत में भारतीय कंपनियों द्वारा इनवार्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि के साथ-साथ आउटवार्ड डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (ODI) में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment- FDI):

  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) किसी देश के एक फर्म या व्यक्ति द्वारा दूसरे देश में स्थित व्यावसायिक गतिविधियों में किया गया निवेश है।
  • यह विभिन्न प्रकार का हो सकता है, जैसे शेयर खरीदना, सहायक कंपनी अथवा संयुक्त उद्यम स्थापित करना या ऋण प्रदान करना अथवा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण करना।
    • FDI को आर्थिक विकास का एक प्रमुख चालक माना जाता है, क्योंकि यह मेज़बान देश में पूंजी, प्रौद्योगिकी, कौशल, बाज़ार तक पहुँच और रोज़गार के अवसर प्रदान कर सकता है।

आउटवर्ड डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (ODI):

  • ODI एक व्यावसायिक रणनीति है जिसमें एक घरेलू फर्म अपने परिचालन का विस्तार किसी विदेशी देश में करती है।
  • यदि उनके घरेलू बाज़ार संतृप्त हो जाते हैं और विदेशों में बेहतर व्यावसायिक अवसर उपलब्ध होते हैं, तो ODI को नियोजित करना कंपनियों के लिये एक स्वाभाविक प्रगति है।
  • अमेरिकी, यूरोपीय और जापानी कंपनियों ने लंबे समय से अपने घरेलू बाज़ारों के बाहर व्यापक निवेश किया है।
    • चीन हाल के वर्षों में एक बड़े ODI प्रतिभागी के रूप में उभरा है।

आउटवर्ड डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट रुझानों की मुख्य विशेषताएँ:

  • ODI में सिंगापुर सबसे आगे: 
    • वित्त वर्ष 2023 में सिंगापुर भारतीय ODI के सबसे बड़े लाभार्थी के रूप में उभरा, जिसने 2.03 लाख करोड़ रुपए प्राप्त किये, जो कुल ODI का 22.3% है, जो सिंगापुर के बाज़ार में भारतीय कंपनियों की बढ़ती रुचि को दर्शाता है।
    • सिंगापुर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने वाले भारतीय व्यवसायों के लिये एक महत्त्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करता है।
    • वित्त वर्ष 2013 के दौरान निवेश किये गए कुल 9.1 लाख करोड़ रुपए का 60% प्राप्त करने वाले सिंगापुर, अमेरिका, यूके और नीदरलैंड शीर्ष गंतव्यों में से थे।
  • समग्र ODI विकास: 
    • भारतीय कंपनियों का कुल ODI 19.46% की प्रगतिशील वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2023 में 9.11 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया, जबकि यह वित्त वर्ष 2022 में 7.62 लाख करोड़ रुपए था।

  • टैक्स हेवेन:
    • बरमूडा, जर्सी और साइप्रस तीन क्षेत्राधिकार हैं जो कर लाभ के लिये जाने जाते हैं और भारतीय ODI प्राप्त करने वाले शीर्ष दस देशों में हैं।
      • बरमूडा, विशेष रूप से अपनी अनुकूल कर नीतियों के लिये प्रसिद्ध है, जिसमें लाभ, आय, लाभांश या पूंजीगत लाभ पर कोई कर नहीं शामिल है।

आवक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश रुझानों की मुख्य विशेषताएँ:

  • कुल FDI वृद्धि:
    • भारत में FDI प्रवाह में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, वित्त वर्ष 2023 में कुल FDI प्रवाह 49.93 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया, जबकि वर्ष 2022 में यह 46.72 लाख करोड़ रुपए था।
  • आवक FDI में अमेरिका शीर्ष पर:
    • संयुक्त राज्य अमेरिका FY2023 में भारत में आवक FDI का सबसे बड़ा स्रोत था, जिससे 8.58 लाख करोड़ रुपए की आवक हुई, जो कुल हिस्सेदारी का 17.2% था।
  • अन्य प्रमुख FDI योगदानकर्ता:
    • भारत के FDI में योगदान देने के मामले में मॉरीशस, ब्रिटेन और सिंगापुर ने अमेरिका का अनुसरण किया। शीर्ष दस देशों का कुल FDI प्रवाह में 90% से अधिक का योगदान था।

बढ़ते ODI और FDI का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: 

  • ODI और FDI में वृद्धि भारतीय कंपनियों की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति एवं विदेशों में निवेश तथा परिचालन का विस्तार करने की इच्छा को इंगित करती है, जो आर्थिक विकास और विविधीकरण में योगदान देती है।
  • विभिन्न देशों और क्षेत्रों में निवेश करने से भारतीय कंपनियों को जोखिमों में विविधता, नए बाज़ारों, प्रौद्योगिकी और संसाधनों तक पहुँच प्राप्त करने और प्रतिस्पर्द्धात्मकता में सुधार करने की अनुमति मिलती है।
  • यदि भारत विभिन्न देशों से महत्त्वपूर्ण FDI आकर्षित करना जारी रखता है, तो निवेश गंतव्य के रूप में इसकी अपील और आर्थिक विकास एवं रोज़गार सृजन की संभावना बढ़ जाएगी।

https://www.youtube.com/watch?v=ScyDy5UZx5Y 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रश्न . भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में एफ.डी.आई की आवश्यकता की पुष्टि कीजिये। हस्ताक्षरित समझौता-ज्ञापनों तथा वास्तविक एफ. डी.आई के बीच अंतर क्यों है? भारत में वास्तविक एफ.डी.आई को बढ़ाने के लिये सुधारात्मक कदम सुझाइये। (2016)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2