अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-ओमान द्विपक्षीय बैठक
- 19 Dec 2023
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प्रिलिम्स के लिये:भारत-ओमान द्विपक्षीय बैठक, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR), भारत-ओमान संयुक्त दृष्टिकोण- भविष्य के लिये साझेदारी, व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) मेन्स के लिये:भारत-ओमान द्विपक्षीय बैठक, द्विपक्षीय, भारत से जुड़े या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समूह और समझौते, क्षेत्रीय तथा वैश्विक समूह।  | 
स्रोत:इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और ओमान द्वारा ‘भारत-ओमान संयुक्त दृष्टिकोण- भविष्य के लिये साझेदारी’ को अपनाया गया, जो द्विपक्षीय सहयोग के लिये मंच तैयार कर रहा है एवं दोनों देशों के बीच भविष्य में सहयोग के लिये मार्ग तैयार कर रहा है।
- यह विज़न विशेष तौर पर 8 से 10 क्षेत्रों में साझेदारी स्थापित करने पर केंद्रित है जिनमें समुद्री सहयोग तथा कनेक्टिविटी, ऊर्जा सुरक्षा, अंतरिक्ष, डिजिटल भुगतान, स्वास्थ्य, पर्यटन, आतिथ्य, कृषि और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
 
द्विपक्षीय बैठक के प्रमुख बिंदु क्या हैं?
- द्विपक्षीय समझौते:
- दोनों देशों द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी, संस्कृति, वित्तीय अपराधों से निपटने तथा ओमान में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) की हिंदी पीठ की स्थापना करने जैसे क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
 
 - व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA): 
- दोनों देशों के बीच CEPA को अंतिम रूप देने को लेकर वार्ता चल रही है। दोनों पक्षों के नेताओं ने आर्थिक संबंधों को प्रोत्साहन देने के लिये इस समझौते को जल्द-से-जल्द संपन्न करने पर ज़ोर दिया।
 
 - ओमान-भारत निवेश फंड:
- दोनों पक्षों ने 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ओमान-भारत निवेश फंड के तीसरे चरण की घोषणा की, जिसका उपयोग भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे तेज़ी से बढ़ते क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिये किया जाएगा।
 - इस निधि को SBI तथा ओमान निवेश प्राधिकरण के बीच समान हिस्सेदारी वाले संयुक्त सहयोग के रूप में शुरू किया गया था, जिसमें पहले चरण में 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर तथा उसके बाद 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आवंटन हुआ।
 
 - डिजिटल भुगतान तथा व्यापार:
- ओमानी प्लेटफॉर्म के सहयोग से भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का उपयोग करने की संभावना पर चर्चा हुई।
 - इसके अतिरिक्त, रुपए में व्यापार करने की संभावना पर भी विचार किया गया, हालाँकि यह अभी भी चर्चा के चरण में है।
 
 - क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे:
- दोनों देशों के नेताओं ने हमास तथा इज़रायल के बीच चल रहे संघर्ष सहित क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया।
 - उन्होंने आतंकवाद की चुनौती पर चर्चा की और फिलिस्तीन मुद्दे के समाधान के लिए दो-राज्य समाधान की वकालत की।
 
 
भारत-ओमान रिश्ते कैसे रहे हैं?
- पृष्ठभूमि:
- अरब सागर के पार के दोनों देश भूगोल, इतिहास तथा संस्कृति से जुड़े हुए हैं तथा उनके बीच मधुर एवं सौहार्दपूर्ण संबंध हैं, जिसका श्रेय ऐतिहासिक समुद्री व्यापार संबंधों को दिया जाता है।
 - ओमान सल्तनत, खाड़ी में भारत का एक सामरिक साझेदार है तथा खाड़ी सहयोग परिषद (GCC), अरब लीग और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) मंच पर एक महत्त्वपूर्ण वार्ताकार रहा है।
 - गांधी शांति पुरस्कार 2019 स्वर्गीय एच.एम. सुल्तान कबूस को भारत और ओमान के बीच संबंधों को मज़बूत करने में उनके नेतृत्त्व और खाड़ी क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के लिये मान्यता प्रदान की गयी है।
 
 - रक्षा संबंध:
- संयुक्त सैन्य सहयोग समिति (JMCC):
- JMCC रक्षा के क्षेत्र में भारत और ओमान के बीच जुड़ाव का सर्वोच्च मंच है।
 - इसकी वार्षिक बैठक होने की संभावना है, वर्ष 2018 में जब 9वीं JMCC की बैठक ओमान में आयोजित की गई थी तब से इसका आयोजन नहीं किया जा सका है।
 
 - सैन्य अभ्यास:
- सैन्य अभ्यास: अल नजाह
 - वायु सेना अभ्यास: ईस्टर्न ब्रिज़
 - नौसैनिक अभ्यास: नसीम अल बह्र
 
 
 - संयुक्त सैन्य सहयोग समिति (JMCC):
 - आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंध:
- संयुक्त आयोग बैठक (JCM) और संयुक्त व्यापार परिषद (JBC) जैसे संस्थागत तंत्र भारत और ओमान के बीच आर्थिक सहयोग की देखरेख करते हैं।
 - भारत ओमान के शीर्ष व्यापारिक भागीदारों में से एक है।
- वर्ष 2022 के लिये ओमान के कच्चे तेल निर्यात के लिये चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार है।
 - भारत वर्ष 2022 के लिये ओमान के गैर-तेल निर्यात के लिये संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सऊदी अरब के बाद चौथा सबसे बड़ा बाज़ार है और संयुक्त अरब अमीरात के बाद इसके आयात का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है।
 
 - भारतीय कंपनियों ने ओमान में लोहा और इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, कपड़ा आदि क्षेत्रों में निवेश किया है।
 - भारत-ओमान संयुक्त निवेश कोष (OIJIF) भारतीय स्टेट बैंक और ओमान के राज्य जनरल रिज़र्व फंड (SGRF) के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जो भारत में निवेश करने के लिये एक विशेष प्रयोजन वाहन है।
 
 - ओमान में भारतीय समुदाय:
- ओमान में लगभग 6.2 लाख भारतीय हैं, जिनमें से लगभग 4.8 लाख श्रमिक और पेशेवर हैं। ओमान में 150-200 वर्षों से भी अधिक समय से भारतीय परिवार रह रहे हैं।
 
 
भारत के लिये ओमान का सामरिक महत्त्व क्या है?
- ओमान होर्मुज़ जलडमरूमध्य के प्रवेश द्वार पर है जिसके माध्यम से भारत अपने तेल आयात का पाँचवाँ हिस्सा आयात करता है।
 - रक्षा सहयोग मज़बूत भारत-ओमान रणनीतिक साझेदारी के लिये एक प्रमुख स्तंभ के रूप में उभरा है। रक्षा आदान-प्रदान एक फ्रेमवर्क एमओयू द्वारा निर्देशित होते हैं जिसे हाल ही में 2021 में नवीनीकृत किया गया था।
 - खाड़ी क्षेत्र में ओमान एकमात्र देश है जिसके साथ भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेवाएँ नियमित द्विपक्षीय अभ्यास और स्टाफ वार्ता आयोजित करती हैं, जिससे पेशेवर स्तर पर घनिष्ठ सहयोग तथा विश्वास संभव होता है।
 - ओमान हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) में भी सक्रिय रूप से भाग लेता है।
 - हिंद महासागर क्षेत्र में अपने पदचिह्न का विस्तार करने के लिये एक रणनीतिक कदम में भारत ने सैन्य उपयोग और रसद सहायता के लिये ओमान में डुक्म (Duqm) के प्रमुख बंदरगाह तक पहुँच हासिल कर ली है। यह क्षेत्र चीनी प्रभाव और गतिविधियों का मुकाबला करने के लिये भारत की समुद्री रणनीति का हिस्सा है।
- डुक्म बंदरगाह ओमान के दक्षिणपूर्वी समुद्री तट पर अरब सागर और हिंद महासागर की ओर स्थित है।
 - यह रणनीतिक रूप से ईरान में चाबहार बंदरगाह के नज़दीक स्थित है। सेशेल्स में विकसित किये जा रहे असेम्प्शन द्वीप और मॉरीशस में अगालेगा के साथ डुक्म भारत के सक्रिय समुद्री सुरक्षा रोडमैप के अनुरूप है।
 
 
ओमान के बारे में मुख्य तथ्य:
- सीमावर्ती देश: 
- उत्तर पश्चिम में संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
 - पश्चिम और दक्षिणपश्चिम में सऊदी अरब
 - दक्षिण पश्चिम में यमन
 
 - मरुस्थल:
- ओमान में सबसे बड़ा मरुस्थल रब अल खली या “एम्प्टी क्वार्टर” है, जो विश्व के सबसे बड़े अविरल रेतीले मरुस्थलों में से एक है।
 
 - नदी:
- ओमान में बारहमासी नदियाँ नहीं हैं; हालाँकि, मौसमी बारिश के दौरान, वादियाँ (मौसमी नदी तल) जल के साथ प्रवाहित होती हैं।
 - सबसे उल्लेखनीय वादी बानी खालिद है, जो अपने प्राकृतिक तालाबों और आश्चर्यजनक दृश्यों के लिये प्रसिद्ध है।
 
 - सबसे ऊँचा पर्वत:
- अल हजर पर्वत शृंखलाओं में स्थित जेबेल शम्स, ओमान का सबसे ऊँचा पर्वत है।
 
 - भूगोल:
- ओमान अरब प्रायद्वीप के दक्षिणपूर्वी तट पर स्थित है, जो अरब सागर, ओमान की खाड़ी और फारस की खाड़ी से घिरा हुआ है।
 
 
आगे की राह
- भारत के पास अपनी वर्तमान या भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये पर्याप्त ऊर्जा संसाधन नहीं हैं। तेज़ी से बढ़ती ऊर्जा मांग ने ओमान जैसे देशों के साथ दीर्घकालिक ऊर्जा साझेदारी की आवश्यकता में योगदान दिया है।
 - ओमान का दुकम बंदरगाह पूर्व को पश्चिम एशिया से जोड़ने वाले अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग लेन के मध्य में स्थित है।
 - भारत को ओमान के साथ जुड़ने और दुकम बंदरगाह औद्योगिक शहर से उत्पन्न अवसरों का उपयोग करने के लिये पहल करने की आवश्यकता है।
 - भारत को क्षेत्र में रणनीतिक संबंध बढ़ाने और हिंद महासागर के पश्चिमी व दक्षिणी हिस्से में अपने इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिये ओमान के साथ मिलकर काम करना चाहिये।
 
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न 1. निम्नलिखित में से कौन ‘खाड़ी सहयोग परिषद’ का सदस्य नहीं है? (2016) (a) ईरान उत्तर: A व्याख्या: 
 अत: विकल्प A सही उत्तर है। मेन्स:प्रश्न 1. मध्य एशिया, जो भारत के लिये एक हित क्षेत्र है, में अनेक बाह्य शक्तियों ने अपने-आप को संस्थापित कर लिया है। इस संदर्भ में, भारत द्वारा अश्गाबात करार, वर्ष 2018 में शामिल होने के निहितार्थों पर चर्चा कीजिये। (2018) प्रश्न 2. भारत की ऊर्जा सुरक्षा का प्रश्न भारत की आर्थिक प्रगति का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भाग है। पश्चिम एशियाई देशों के साथ भारत के ऊर्जा नीति सहयोग का विश्लेषण कीजिये। (2017)  | 
            