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भारत और इज़रायल ने द्विपक्षीय निवेश समझौते (BIA) पर हस्ताक्षर किये

  • 10 Sep 2025
  • 52 min read

स्रोत: पी. आई.बी.

चर्चा में क्यों?

भारत और इज़रायल ने एक नई द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर किये हैं, जिससे इज़रायल भारत के नए निवेश संधि मॉडल को अपनाने वाला पहला OECD देश बन गया है।

  • यह भारत और इज़राइल के बीच 1996 में हस्ताक्षरित पुराने द्विपक्षीय निवेश समझौते (BIT) का स्थान लेता है, जिसे वर्ष 2017 में समाप्त कर दिया गया था 

द्विपक्षीय निवेश समझौता (BIA) क्या है? 

  • परिचय: द्विपक्षीय निवेश समझौता (BIA) दो देशों के बीच एक-दूसरे के क्षेत्रों में विदेशी निजी निवेश को बढ़ावा देने एवं उसकी सुरक्षा करने के लिये कानूनी समझौते हैं। 
    • BIT निवेशकों को अधिकार प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें निवेशक-राज्य विवाद निपटान (ISDS) तंत्र के माध्यम से, या गृह राज्यों को राज्य-दर-राज्य विवाद निपटान के माध्यम से उपाय प्राप्त करने की अनुमति मिलती है। 
    • अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अनुच्छेद 38(1)(a) के तहत अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के प्राथमिक स्रोत के रूप में मान्यता प्राप्त है। 
  • भारत का BIT विकास: पुराने मॉडल BIT (1993) को नए मॉडल BIT (2015) द्वारा प्रतिस्थापित किया गया और हाल ही में उज़्बेकिस्तान (2024), UAE (2024) और किर्गिज़स्तान (2025) के साथ BIT पर हस्ताक्षर किये गए। 
  • भारत-इज़राइल BIT की मुख्य विशेषताएँ: 
    • निवेश में वृद्धि: यह समझौता वर्तमान में लगभग 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के द्विपक्षीय निवेश को और बढ़ाने की संभावना रखता है। 
    • संतुलित निवेशक संरक्षण: यह समझौता निवेशकों को सरकार द्वारा उनकी संपत्तियों के अधिग्रहण (Expropriation) या राष्ट्रीयकरण (Nationalization) के जोखिम से सुरक्षा प्रदान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि यदि ऐसी कोई कार्रवाई की जाती है, तो निवेशकों को न्यायसंगत और शीघ्र मुआवजा दिया जाए। 
    • विवाद समाधान: इसमें विवादों के निपटारे के लिये मध्यस्थता आधारित प्रणाली (Arbitration-Based Mechanism) शामिल है, जो एक स्थिर और विश्वसनीय निवेश माहौल को बढ़ावा देती है। 
    • पारदर्शिता और पूर्वानुमान: सरकारों को स्पष्ट और पूर्वानुमान योग्य निवेश नीतियाँ व विनियम बनाए रखने की आवश्यकता होती है, जिससे अनिश्चितता में कमी आती है और निवेशकों का विश्वास मज़बूत होता है।

मॉडल BIT 2015 

  • परिभाषा और संरक्षण: यह समझौता निवेश को उस उद्यम के रूप में परिभाषित करता है जिसे निवेशक द्वारा मेज़बान देश के घरेलू कानूनों के अनुसार ईमानदारी से स्थापित, संगठित और संचालित किया गया हो। 
    • प्रत्येक पक्ष को निवेश और निवेशकों को पूर्ण संरक्षण तथा सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता है। 
    • यह सुनिश्चित करता है कि विदेशी निवेशकों को घरेलू कंपनियों के समान व्यवहार दिया जाए। 
    • यह मेज़बान देश की विदेशी निवेश पर नियंत्रण रखने की क्षमता को सीमित करता है। 
  • अपवर्जन खंड (Exclusions Clause): यह सरकारी खरीद, कराधान, सब्सिडी, अनिवार्य लाइसेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों को द्विपक्षीय निवेश समझौते (BIT) की बाध्यताओं से बाहर रखता है। 
  • ISDS प्रणाली: इसके तहत विदेशी निवेशकों को अंतर्राष्ट्रीय निवेश विवाद समाधान (ISDS) प्रक्रिया अपनाने से पहले कम-से-कम 5 वर्षों तक स्थानीय उपायों (Local Remedies) को पूरी तरह उपयोग करना अनिवार्य है।

समय के साथ भारत और इज़रायल के बीच द्विपक्षीय संबंध कैसे विकसित हुए हैं? 

  • राजनयिक संबंध: यद्यपि भारत ने वर्ष 1950 में इज़रायल को आधिकारिक तौर पर मान्यता दे दी थी, लेकिन दोनों देशों ने 29 जनवरी, 1992 को ही पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किये। 
  • आर्थिक संबंध: भारत और इज़रायल के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 6.53 बिलियन अमेरिकी डॉलर (रक्षा को छोड़कर) तक पहुँच गया, जिसमें भारत व्यापार अधिशेष बनाए रखेगा। 
  • नवाचार और प्रौद्योगिकी: भारत-इज़राइल औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास तथा नवाचार निधि (I4F) (2023-2027) जैसी पहलों का उद्देश्य संयुक्त अनुसंधान तथा तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देना है। 
  • क्षेत्रीय सहयोग: भारत, इज़राइल, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका को शामिल करते हुए I2U2 साझेदारी ने क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत करने के लिये  वर्ष 2022 में अपना पहला शिखर सम्मेलन आयोजित किया। 
  • रक्षा सहयोग: भारत इज़रायल से हथियारों का सबसे बड़ा आयातक देशों में से एक है, जो इज़रायल की वार्षिक हथियार निर्यात का लगभग 40% का योगदान देता है। 
    • दोनों देशों ने बराक-8 मिसाइल प्रणाली का संयुक्त विकास किया है, और भारत नियमित रूप से इज़रायल के हाइफा बंदरगाह पर रुकता है। 
  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम: सहयोग सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों, स्वास्थ्य और चिकित्सा सहयोग तथा कृषि एवं जल संसाधन प्रबंधन पर समझौता ज्ञापनों तक विस्तारित है।

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भारत के BIT ढाँचे के सामने प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं, तथा उनके समाधान के लिये उपाय सुझाइये?

चुनौतियाँ 

सुझाए गए उपाय 

"निवेश" और प्रचलित अंतर्राष्ट्रीय कानून (Customary International Law - CIL) जैसे शब्दों में अस्पष्टता के कारण विवाद उत्पन्न होते हैं। 

"निवेश" और "प्रचलित अंतर्राष्ट्रीय कानून (CIL)" जैसे शब्दों को स्पष्ट तथा सटीक रूप से परिभाषित करना चाहिये, ताकि कानूनी अस्पष्टताओं को कम किया जा सके। 

स्थानीय उपायों को पूर्ण रूप से अपनाने की अनिवार्यता के कारण विवाद समाधान में देरी होती है। 

निवेशकों को प्रारंभ में ही स्थानीय न्यायालयों या अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता में से किसी एक का चयन करने की अनुमति दी जानी चाहिये। 

सर्वाधिक वरीयता प्राप्त राष्ट्र (MFN) और निष्पक्ष एवं समतामूलक व्यवहार (FET) को बाहर रखने से निवेशकों का विश्वास कम हो जाता है। 

MFN और FET प्रावधानों को ऐसे सुरक्षा उपायों के साथ शामिल किया जाए, जो संधि दुरुपयोग (Treaty Shopping) को रोकें, जबकि गैर-भेदभाव (Non-Discrimination) सुनिश्चित किया जा सके। 

ICSID कन्वेंशन से बहिष्कृत किये जाने से विदेशी निवेशकों के लिये प्रवर्तन विकल्प सीमित हो जाते हैं। 

ICSID (अंतर्राष्ट्रीय निवेश विवाद निपटान केंद्र) का हस्ताक्षरकर्ता बनना चाहिये ताकि निवेशकों के विश्वास को बढ़ाया जा सके और एक वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद समाधान प्रणाली प्रदान की जा सके। 

निष्कर्ष: 

इज़राइल के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित द्विपक्षीय निवेश समझौता (BIT) भारत की बदलती रणनीति को रेखांकित करता है, क्योंकि इज़राइल पहला OECD देश बन गया है जिसने भारत के नए संधि मॉडल को अपनाया है। यह समझौता व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है, जिससे निवेशकों को अधिक स्पष्टता तथा सुरक्षा मिले, साथ ही भारत का विनियमन का अधिकार भी बना रहे। 

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs) 

प्रिलिम्स

प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में उल्लिखित पद "टू-स्टेट सोल्यूशन" किसकी गतिविधियों के संदर्भ में आता है? (2018)

(a) चीन 

(b) इज़राइल 

(c) इराक 

(d) यमन

उत्तर: (b)


मेन्स

प्रश्न. “भारत के इज़रायल के साथ संबंधों ने हाल ही में एक ऐसी गहराई और विविधता हासिल की है, जिसकी पुनर्वापसी नहीं की जा सकती है।” विवेचना कीजिये। (मुख्य परीक्षा- 2018) 

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