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भारतीय अर्थव्यवस्था

भारत अवसंरचना परियोजना विकास वित्तपोषण

  • 19 Jun 2023
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस सेक्रेटेरियट (IFS), IIPDF, पीपीपी, बजट 2023-24, पीएम गति शक्ति, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन

मेन्स के लिये:

भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर में निजी निवेश को बढ़ावा देना

चर्चा में क्यों? 

डिजिटल इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिये वित्त मंत्रालय के तहत IFS ने भारत अवसंरचना परियोजना विकास वित्तपोषण (India Infrastructure Project Development Fund- IIPDF) पोर्टल लॉन्च किया है।

  • यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म IIPDF योजना के तहत आवेदन जमा करने, प्रसंस्करण समय को कम करने, कागज़ी कार्रवाई और समय पर अनुमोदन की सुविधा प्रदान करने की अनुमति देता है।

IIPDF योजना: 

  • पृष्ठभूमि:  
    • IIPDF को आर्थिक मामलों के विभाग (DEA), वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के प्रारंभिक कोष के साथ बनाया गया था। सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) परियोजनाओं के विकास का समर्थन करने के लिये 100 करोड़ रुपए के कोष के साथ एक परिक्रामी निधि की स्थापना।
  • परिचय: 
    • DEA ने वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक तीन साल की अवधि के लिये 150 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में मौजूदा फंड IIPDF का पुनर्गठन किया है।
    • यह परियोजना विकास लागत को पूरा करने के लिये PPP परियोजनाओं के प्रायोजक प्राधिकरणों के लिये उपलब्ध है।
      • PPP परियोजना विकास गतिविधियों को शुरू करने और बड़े नीति एवं नियामक मुद्दों को संबोधित करने के लिये PPP सेल का निर्माण तथा उन्हें सशक्त बनाने हेतु प्रायोजक प्राधिकरण के लिये यह आवश्यक होगी।
  • उद्देश्य: 
    • इसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण परियोजना विकास गतिविधियों के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
  • महत्त्व: 
    • PPP लेन-देन के खर्च के एक हिस्से को कवर करने के लिये धन जुटाकर, प्रायोजक प्राधिकरण अपने बजट पर खरीद-संबंधी लागतों के बोझ को कम करने में सक्षम होंगे।
  • वित्तीय परिव्यय: 
    • IIPDF ब्याज मुक्त ऋण के रूप में प्रायोजक प्राधिकरण को परियोजना विकास व्यय का 75% तक योगदान देगा। शेष 25% प्रायोजक प्राधिकरण द्वारा सह-वित्तपोषित किया जाएगा।
    • बोली/बिडिंग (Bidding) प्रक्रिया के सफल समापन पर सफल बिडर (Bidder) से परियोजना विकास व्यय की मांग की जाएगी।
      • हालाँकि असफल बिडिंग की स्थिति में ऋण को अनुदान में परिवर्तित कर दिया जाएगा।
    • यदि किसी कारण से प्रायोजक प्राधिकरण द्वारा बोली प्रक्रिया समाप्त नहीं की जाती है, तो योगदान की गई पूरी राशि IIPDF को वापस कर दी जाएगी।
  • अनुमोदन समिति (Approval Committee- AC): 
    • IIPDF योजना का प्रशासन अनुमोदन समिति द्वारा किया जाता है। अनुमोदन समिति की संरचना इस प्रकार है:: 
      • आर्थिक कार्य विभाग का संयुक्त सचिव- अध्यक्ष
      • नीति आयोग के प्रतिनिधि
      • उप सचिव/निजी निवेश इकाई, आर्थिक कार्य विभाग- सदस्य सचिव

भारत में अवसंरचना क्षेत्र की स्थिति: 

  • परिचय: 
    • भारत की विकास यात्रा में अवसंरचना क्षेत्र के विकास की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, यह विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक विकास हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।
    • भारत सरकार ने मज़बूत बुनियादी ढाँचे/अवसंरचना के महत्त्व की पहचान करते हुए  विकास को नई गति प्रदान करने के लिये कई पहलें और निवेश प्रक्रियाएँ शुरू की हैं। 
  • बाज़ार का वर्तमान आकार और आउटलुक: 
    • भारत के बुनियादी ढाँचा क्षेत्र का वर्ष 2027 तक 8.2% की CAGR से बढ़ना आपेक्षित है।
    • केंद्रीय बजट 2023-24 में बुनियादी ढाँचे के लिये पूंजी निवेश परिव्यय को 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ (122 बिलियन अमेरिकी डॉलर) रुपए किया गया है जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% है। 
    • CII (भारतीय उद्योग परिसंघ) के अनुमान के अनुसार, वर्ष 2047 तक भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने की उम्मीद है जो वर्ष 2022 में लगभग 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर थी तथा वर्ष 2010 के बाद से लगभग 2 गुना बढ़ गई है। 
    • इसके अतिरिक्त देश के औद्योगिक उत्पादन में वर्ष 2010 के बाद 56% की वृद्धि हुई है जिसने शहरीकरण की गति को पूरक बनाया है तथा वर्ष 2047 तक इसके और तेज़ होने की उम्मीद है।
  • सरकारी पहल:

आगे की राह 

  • भारत को वर्ष 2025 के 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आर्थिक विकास लक्ष्य तक पहुँचने के लिये अपने बुनियादी ढाँचे को बढ़ाना होगा। भारत की जनसंख्या वृद्धि और आर्थिक विकास के लिये सड़कों, रेलवे एवं विमानन, नौवहन तथा अंतर्देशीय जलमार्गों में निवेश सहित बेहतर परिवहन बुनियादी ढाँचे की आवश्यकता है।
  • सरकार ने रेलवे के बुनियादी ढाँचे को सुदृढ़ करने हेतु 750 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश का भी सुझाव दिया है और मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 की कल्पना की है, इससे  भारतीय बंदरगाहों पर विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचे के विकास में भारी निवेश का अनुमान है।
  • ऐसा अनुमान है कि भारत को तेज़ी से बढ़ती आबादी की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये अगले 15 वर्षों में शहरी बुनियादी ढाँचे में 840 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की आवश्यकता है। यदि हम अपने भवनों, पुलों, बंदरगाहों एवं हवाई अड्डों के टिकाऊ, दीर्घकालिक रखरखाव तथा मज़बूती पर अतिरिक्त ध्यान देंगे तो यह निवेश और अधिक तर्कसंगत होगा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न: 'राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढाँचा कोष' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)

  1. यह नीति आयोग का अंग है। 
  2. वर्तमान में इसके पास 4,00,000 करोड़ रुपए का कोष है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढाँचा कोष (National Investment and Infrastructure Fund- NIIF) का नियमन वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के निवेश प्रभाग द्वारा किया जाता  है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • NIIF वर्तमान में तीन फंडों का प्रबंधन कर रहा है जो सेबी विनियमों के तहत वैकल्पिक निवेश कोष (Alternative Investment Funds- AIF) के रूप में पंजीकृत हैं। वे तीन फंड- मास्टर फंड, स्ट्रैटेजिक फंड और फंड ऑफ फंड्स हैं, साथ ही NIIF का प्रस्तावित कोष 40,000 करोड़ रुपए है, न कि 4,00,000 करोड़ रुपए। अतः कथन 2 सही नहीं है।

अतः विकल्प (d) सही है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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