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भारत का कोविड -19 आपातकालीन प्रतिक्रिया पैकेज: चरण II

  • 09 Jul 2021
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

केंद्र प्रायोजित योजनाएँ, जीनोम अनुक्रमण, ई-संजीवनी

मेन्स के लिये:  

कोविड-19 जैसी आपातकालीन स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने हेतु कानूनी प्रावधान व सरकरी प्रयास 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को बढ़ावा देने हेतु  23,123 करोड़ रुपए के  पैकेज की घोषणा की है।

  • इसमें 20,000 अतिरिक्त आईसीयू (गहन देखभाल इकाई) बिस्तरों के लिये धन और देश में कोविड -19 की संभावित तीसरी लहर से पहले सभी ज़िलों में बाल चिकित्सा इकाइयों की स्थापना शामिल है।

प्रमुख बिंदु: 

पृष्ठभूमि:

  • चरण I का पैकेज: मार्च 2020 में जब देश कोविड-19 महामारी की पहली लहर का सामना कर रहा था, तब 15,000 करोड़ रुपए की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना “भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज” ("India Covid-19 Emergency Response and Health Systems Preparedness Package) की घोषणा की गई थी।
    • इसका उद्देश्य स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) तथा राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों को गति देने एवं महामारी के प्रबंधन हेतु स्वास्थ्य प्रणाली की गतिविधियों को प्रोत्साहन देना था। 
  • फरवरी 2021 के मध्य से देश एक दूसरी लहर का अनुभव कर रहा है जो ग्रामीण, शहरों के बाहर और आदिवासी क्षेत्रों में फैल गई है।

 चरण II का पैकेज:

  • पैकेज के दूसरे चरण में केंद्रीय क्षेत्र ( Central Sector- CS) और केंद्र प्रायोजित योजनाओं  ( Centrally Sponsored Schemes- CSS) के घटक शामिल हैं।
    • केंद्र सरकार केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं को पूरी तरह से वित्तपोषित करती है, जबकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं को केंद्र और राज्यों द्वारा संयुक्त रूप से वित्तपोषित किया जाता है।
  • इसे 1 जुलाई, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक लागू किया जाएगा।

उद्देश्य:

  • इसमें सभी 736 ज़िलों में बाल चिकित्सा इकाइयों के लिये धन और 20,000 आईसीयू बिस्तरों की स्थापना शामिल है, जिनमें से 20% “हाइब्रिड” यानी वयस्कों और बच्चों दोनों हेतु होंगे।
    • कोविड-19 की तीसरी लहर से बच्चों के पहले से ज़्यादा प्रभावित होने की आशंका है।
  • इसका उद्देश्य ऑक्सीजन के परिवहन की सुविधाओं और दवाओं की कमी सहित दूसरी लहर के दौरान देखी गई समस्याओं को दुबारा होने से रोकना है।
  • केंद्र अपने अस्पतालों, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों और राष्ट्रीय महत्त्व के अन्य संस्थानों को कोविड-19 प्रबंधन के लिये 6,688 बिस्तरों के पुनर्निमाण हेतु सहायता प्रदान करेगा।
  • राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (National Centre for Disease Control) को जीनोम अनुक्रमण (Genome sequencing) मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी।
  • यह पैकेज राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म और ई-संजीवनी के विस्तार के लिये भी प्रदान किया जाएगा, जिसमे  दैनिक परामर्श को वर्तमान के 50,000 से बढ़ाकर 5 लाख कर कर दिया जाएगा।
  • राज्यों को एक दिन में कम-से-कम 21.5 लाख परीक्षण करने और 8,800 एम्बुलेंस जोड़ने के लिये सहायता प्रदान की जाएगी।

स्रोत: पी.आई.बी.

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