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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-कनाडा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग

  • 26 May 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारत-कनाडा संबंध।

मेन्स के लिये:

द्विपक्षीय समूह और समझौते।

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में 7वीं भारत-कनाडा संयुक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग समिति (JSTCC) की बैठक में दो समझौता ज्ञापनों (MoUs) का नवीनीकरण किया गया।

  • वर्ष 2005 के वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग समझौते के तहत भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कनाडा के प्राकृतिक विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान परिषद (NSERC) तथा  राष्ट्रीय अनुसंधान परिषद कनाडा (NRC) के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये थे।
  • इससे पहले भारत और कनाडा ने व्यापार एवं निवेश (MDTI) पर पाँचवीं मंत्रिस्तरीय वार्ता आयोजित की, जिसमें मंत्रियों ने औपचारिक रूप से भारत-कनाडा व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के लिये वार्ता को फिर से शुरू करने और एक अंतरिम समझौते या प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौते (EPTA) पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की, जो दोनों देशों को वाणिज्यिक लाभ प्रदान कर सकता है।

Canada

बैठक की मुख्य विशेषताएँ:

  • सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में राष्ट्रीय मिशन, क्वांटम कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और  साइबर-फिज़िकल प्रणाली शामिल हैं।
    • कनाडा के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले बड़ी संख्या में भारतीय छात्र इस सहयोग से लाभान्वित होंगे।
  • भारत और कनाडा मज़बूत द्विपक्षीय संबंधों से लाभान्वित होते हैं तथा संबंधों को और मज़बूत करने के लिये प्रतिबद्ध हैं, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार दोनों देशों के मध्य स्थापित संबंधों के प्रमुख स्तंभ हैं।
  • वर्ष 2005 में किये गए समझौते की शर्तों के तहत कनाडा और भारत के शोधकर्त्ताओं एवं नवोन्मेषकों के बीच चल रहे सहयोग की समीक्षा करने के लिये प्रत्येक 2 साल में बैठक आयोजित की जाती है और कृषि, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य विज्ञान तथा संबंधित प्रौद्योगिकियाँ, स्वच्छ प्रौद्योगिकियाँ व पर्यावरण अनुसंधान, समुद्री एवं ध्रुवीय अनुसंधान, क्वांटम और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा मानव क्षमता विकास व रिसर्च मॉबिलिटी जैसे विभिन्न नए क्षेत्रों में अगली अवधि के लिये प्राथमिकताएँ निर्धारित की जाती हैं।
  • दोनों देश वर्ष 2022-2024 के लिये द्विपक्षीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (STI) सहयोग को लेकर मुख्य प्राथमिकताओं की प्रगति की निगरानी ज़ारी रखने पर सहमत हुए।
  • भारत अन्य देशों के साथ अकादमिक और वैज्ञानिक संबंधों को सुगम बनाकर वैश्विक प्रौद्योगिकी अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र में सक्रिय भूमिका निभाता है।

विभिन्न क्षेत्रों में भारत-कनाडा सहयोग: 

  • राजनीतिक: 
    • भारत और कनाडा संसदीय ढांँचे एवं प्रक्रियाओं में समानताएँ साझा करते हैं। अक्तूबर 2019 में आम चुनाव के बाद हाउस ऑफ कॉमन के सांसद राज सैनी को कनाडा-भारत संसदीय संघ के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।
    • वर्ष 2020 तक कनाडाई संसद में हाउस ऑफ कॉमन (कुल संख्या 338) में भारतीय मूल के 22 सदस्य हैं। 
    • भारत में कनाडा का प्रतिनिधित्व नई दिल्ली में कनाडा के उच्चायोग द्वारा किया जाता है। कनाडा के बंगलूरू, चंडीगढ़ और मुंबई में महावाणिज्य दूतावास हैं, साथ ही अहमदाबाद, चेन्नई, हैदराबाद व कोलकाता में व्यापार कार्यालय भी हैं
    • कनाडा में भारत का प्रतिनिधित्व ओटावा में एक उच्चायोग और टोरंटो तथा वैंकूवर में वाणिज्य दूतावासों द्वारा किया जाता है।
  • आर्थिक:
    • भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार 5 अरब अमेरिकी डॉलर का है।
    • भारत में 400 से अधिक कनाडाई कंपनियों की उपस्थिति है और 1,000 से अधिक कंपनियांँ भारतीय बाज़ार में सक्रिय रूप से कारोबार कर रही हैं।
    • कनाडा में भारतीय कंपनियांँ सूचना प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर, स्टील, प्राकृतिक संसाधन और बैंकिंग क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
    • कनाडा को भारत फार्मा, लोहा एवं इस्पात, रसायन, रत्न एवं गहने, परमाणु रिएक्टर और बॉयलर निर्यात करता हैं।
    • चूंँकि कनाडा ऊर्जा महाशक्ति' है जिसके पास यूरेनियम, प्राकृतिक गैस, तेल, कोयला, खनिज, और उन्नत जलविद्युत प्रौद्योगिकी, खनन, नवीकरणीय ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा जैसे विश्व के बड़े संसाधन है, इसलिये भारत कनाडा के साथ ऊर्जा के क्षेत्र को प्राथमिकता प्रदान करता है।
  • विज्ञान और तकनीक:
    • IC-IMPACTS कार्यक्रम के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग स्वास्थ्य देखभाल, कृषि-बायोटेक और अपशिष्ट प्रबंधन में संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं को लागू करता है।
      • IC-IMPACTS (भारत-कनाडा सेंटर फॉर इनोवेटिव मल्टीडिसिप्लिनरी पार्टनरशिप्स टू एक्सीलरेट कम्युनिटी ट्रांसफॉर्मेशन एंड सस्टेनेबिलिटी) पहला और एकमात्र, कनाडा-इंडिया रिसर्च सेंटर ऑफ एक्सीलेंस है, जिसे कनाडा के नेटवर्क ऑफ सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस (NCE) के माध्यम से समर्पित केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है। इससे कनाडा और भारत के बीच अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
    • पृथ्वी विज्ञान विभाग और ध्रुवीय कनाडा ने शीत जलवायु (आर्कटिक) अध्ययन पर ज्ञान एवं वैज्ञानिक अनुसंधान के आदान-प्रदान के लिये एक कार्यक्रम शुरू किया है।
  • अंतरिक्ष: 
    • भारत और कनाडा 1990 के दशक से मुख्य रूप से अंतरिक्ष विज्ञान, पृथ्वी अवलोकन, उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं और अंतरिक्ष मिशनों हेतु ज़मीनी समर्थन प्रदान कर अंतरिक्ष के क्षेत्र में सफल सहकारी व वाणिज्यिक संबंधों का अनुसरण कर रहे हैं।
    • इसरो और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी ने बाहरी अंतरिक्ष की खोज एवं उपयोग के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
    • ISRO की वाणिज्यिक शाखा एंट्रिक्स की सहायता से कनाडा के कई नैनो उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया है।
    • इसरो ने वर्ष 2018 में लॉन्च किये गए अपने 100वें सैटेलाइट पीएसएलवी में श्रीहरिकोटा से कनाडा का पहला LEO (लो अर्थ ऑर्बिट) सैटेलाइट भी लॉन्च किया।
  • रक्षा क्षेत्र: 
    • भारत और कनाडा अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र, राष्ट्रमंडल और जी-20 के माध्यम से घनिष्ठ सहयोग करते हैं।
    • वर्ष 2015 में डीआरडीओ और कनाडा की रक्षा अनुसंधान एवं विकास परिषद के बीच सहयोग पर एक आशय के वक्तव्य पर हस्ताक्षर किये गए।
    • वर्ष 2018 में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा एवं खुफिया सलाहकार द्वारा आतंकवाद तथा हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करने हेतु भारत व कनाडा के बीच सहयोग ढाँचे के साथ सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिये एक समझौता हस्ताक्षरित किया गया था।
    • आतंकवाद के मुद्दों, विशेष रूप से आतंकवाद का मुकाबला करने पर संयुक्त कार्य समूह के ढाँचे के माध्यम से पर्याप्त भागीदारी की गई है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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