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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-बांग्लादेश वाणिज्यिक रेलवे लिंक की बहाली

  • 03 Aug 2021
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये 

 बांग्लादेश मुक्ति युद्ध, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन

मेन्स के लिये 

भारत-बांग्लादेश वाणिज्यिक रेलवे लिंक का महत्त्व, भारत-बांग्लादेश संबंध

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत और बांग्लादेश के बीच 50 वर्षों से अधिक समय से बंद पड़े हल्दीबाड़ी - चिलाहाटी रेलवे मार्ग की बहाली के माध्यम से मालगाड़ियों का नियमित संचालन शुरू किया गया, जो दोनों देशों के बीच रेलवे संपर्क और द्विपक्षीय व्यापार को मज़बूत करेगा।

  • हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल लिंक एक ऐसा मार्ग है जो वर्ष 1965 तक संचालन में  था।
  • वर्ष 2021 के समाप्ति तक अगरतला-अखौरा के बीच एक और रेल लिंक का संचालन किया जाएगा।

Indo-Bangla-Border

प्रमुख बिंदु 

पृष्ठभूमि:

  • 1947 में विभाजन के बाद 1965 तक भारत और बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान) के मध्य सात रेलवे लिंक संचालित थे।
  • वर्तमान में बांग्लादेश और भारत के बीच पाँच रेलवे लिंक संचालित हैं।
  • ये हैं- पेट्रापोल (भारत) – बेनापोल (बांग्लादेश), गेदे (भारत) – दर्शन (बांग्लादेश), सिंहाबाद (भारत) -रोहनपुर (बांग्लादेश), राधिकापुर (भारत) – बिरोल (बांग्लादेश), हल्दीबाड़ी (भारत) -चिलाहाटी (बांग्लादेश)। 

महत्त्व :

  • हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी मार्ग से बांग्लादेश से असम और पश्चिम बंगाल की कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलने की अपेक्षा  है।
  • यह क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिये क्षेत्रीय व्यापार में वृद्धि का समर्थन करने हेतु मुख्य बंदरगाहों एवं शुष्क बंदरगाहों तक रेल नेटवर्क पहुँच को बढ़ाएगा।
  •  इस रूट पर पैसेंजर ट्रेनों की योजना बनने से दोनों देशों के आम लोग और कारोबारी  वस्तु और यात्री यातायात दोनों का लाभ उठा सकेंगे।
  • इस नए रेल लिंक से इन दक्षिण एशियाई देशों की आर्थिक गतिविधियों (पर्यटक गतिविधियों सहित) को भी लाभ होगा।
  • 75 किलोमीटर लंबा ट्रैक देश के बाकी हिस्सों को सिलीगुड़ी कॉरिडोर के साथ बेहतर ढंग से एकीकृत करने में मदद करेगा, जिसे 'चिकन नेक'(Chicken's Neck) भी कहा जाता है।
    •  यह कोरिडोर भारत को उत्तर-पूर्वी राज्यों से जोड़ता है, जहाँ हाल ही में चीन के एक अन्य पड़ोसी देश के साथ संघर्ष देखा गया।

भारत-बांग्लादेश संबंध

ऐतिहासिक संबंध:

  • 50 साल पूर्व वर्ष 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध ने भारत की जीत का समर्थन किया था क्योंकि एक नए राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश के गठन का भारत द्वारा नेतृत्व किया गया था।

रक्षा सहयोग:

  • संयुक्त अभ्यास:
    • टेबल टॉप (वायु सेना)
    • सम्प्रीति (थल सेना)
    • इन-बीएन कॉर्पोरेट (वायु सेना)
    • बोंगोसागर (नौसेना)
    • संवेदना-बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात के साथ बहुराष्ट्रीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभ्यास।
  • सीमा प्रबंधन: भारत और बांग्लादेश कुल 4096.7 किमी. लंबी सीमा साझा करते हैं, यह सबसे लंबी भूमि सीमा है जिसे भारत अपने किसी पड़ोसी के साथ साझा करता है।

आर्थिक संबंध:

  • बांग्लादेश उपमहाद्वीप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश है। वर्ष 2019-20 में दोनों देशों के मध्य कुल द्विपक्षीय व्यापार 9.5 बिलियन डॉलर का रहा है, जो वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में 10 बिलियन डॉलर से अधिक रहा।
  • भारत द्वारा बांग्लादेश को होने वाला कुल निर्यात द्विपक्षीय व्यापार का 85% से अधिक है।
  • दिसंबर 2020 में द्विपक्षीय व्यापार सहयोग को और बढ़ावा देने के लिये  भारत-बांग्लादेश सीईओ फोरम (India-Bangladesh CEO’s Forum) को शुरू किया गया।
  • बांग्लादेश ने वर्ष 2011 से दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA) के तहत भारत द्वारा बांग्लादेशी निर्यात को दिये गए शुल्क-मुक्त और कोटा मुक्त पहुंँच की सराहना की है।

कनेक्टिविटी में सहयोग:

बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग:

अन्य विकास:

  • लाइन ऑफ क्रेडिट:
    • भारत ने सड़क, रेलवे, शिपिंग और बंदरगाहों सहित विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे के विकास हेतु पिछले 8 वर्षों में बांग्लादेश को 3 लाइन ऑफ क्रेडिट्स (LOCs) प्रदान किये हैं, जिसकी राशि 8 बिलियन डॉलर है।
  • कोविड-19:
    • बांग्लादेश भारत में निर्मित कोविड-19 वैक्सीन खुराक का सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता (कुल आपूर्ति का 16%) है।
    • भारत द्वारा चिकित्सा विज्ञान तथा वैक्सीन उत्पादन के क्षेत्र में भी सहयोग की पेशकश की गई है।

उभरते मुद्दे:

  • बांग्लादेश द्वारा पहले ही असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC), असम में रहने वाले वास्तविक भारतीय नागरिकों की पहचान करने और अवैध बांग्लादेशियों को बाहर निकालने के लिये एक अभ्यास, को लागू करने पर चिंता व्यक्त की गई है।
  • वर्तमान में बांग्लादेश बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का एक सक्रिय भागीदार है, जिस पर दिल्ली ने हस्ताक्षर नहीं किये हैं।
  • सुरक्षा क्षेत्र में बांग्लादेश पनडुब्बियों सहित चीनी सैन्य हथियारों का एक प्रमुख प्राप्तकर्त्ता है।

आगे की राह:

  • पानी के बँटवारे से संबंधित लंबित मुद्दों को सुलझाने के प्रयास होने चाहिये, साथ ही बंगाल की खाड़ी में महाद्वीपीय शेल्फ मुद्दों को हल करने, सीमा पर होने वाली घटनाओं को शून्य स्तर पर लाने और मीडिया का प्रबंधन करने पर दोनों देशों को ध्यान देना चाहिये।
  • संस्कृति, संगीत, खेल, फिल्म जैसे क्षेत्रों के आधार पर युवा उद्यमियों और नागरिक समाज के बीच नियमित आदान-प्रदान एवं सतत् विकास, मानव पूंजी विकास, लैंगिक समानता तथा अन्य क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की आवश्यकता है।
  • दोनों ओर से चुनिंदा सीमावर्ती स्थानों पर पर्यटकों के आवागमन को बढ़ाना और सीमा पर एक साझा मनोरंजन क्षेत्र के निर्माण के माध्यम से आदान-प्रदान की व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने से सौहार्द को मज़बूत करने में मदद मिल सकती है।
  • साझा सीमाओं पर सुरक्षा के नए प्रतिमान की दिशा में संयुक्त रूप से काम करने की आवश्यकता है। एक ऐसा प्रतिमान जो सीमाओं को न केवल मात्र रेखा के रूप में राष्ट्रीय सीमाओं का सीमांकन करता है बल्कि समावेशी विकास और समृद्धि के लिये "कनेक्टर ज़ोंन" के तौर पर कार्य करता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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