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भारतीय अर्थव्यवस्था

भारत में इस वर्ष 22 अरब डॉलर का एफडीआई प्रवाह : संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट

  • 17 Oct 2018
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) द्वारा जारी की गई 'इंवेस्टमेंट ट्रेंड मॉनीटर'  नामक रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशिया में भारत ने 22 अरब डॉलर के एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) प्रवाह को आकर्षित किया, जिससे इस वर्ष की पहली छमाही में दक्षिण एशिया क्षेत्र में एफडीआई में 13 फीसदी की वृद्धि देखी गई।

प्रमुख बिंदु

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि 22 अरब डॉलर के एफडीआई के साथ भारत इस अवधि के दौरान सबसे ज़्यादा एफडीआई प्राप्त करने वाली शीर्ष 10 सर्वाधिक आकर्षक अर्थव्यवस्थाओं में पहुँचने में कामयाब रहा।
  • हालाँकि चीन एफडीआई का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है, जिसने वर्ष 2018 की पहली छमाही में अनुमानतः 70 अरब डॉलर के एफडीआई अंतर्वाह को आकर्षित किया।
  • इसके बाद ब्रिटेन ने 65.5 अरब डॉलर, अमेरिका ने 46.5 अरब डॉलर, नीदरलैंड ने 44.8 अरब डॉलर, ऑस्ट्रेलिया ने 36.1 अरब डॉलर, सिंगापुर ने 34.7 अरब डॉलर और ब्राजील ने 25.5 अरब डॉलर का अंतर्वाह प्राप्त किया।
  • संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन द्वारा जारी कर सुधारों के चलते मूल अमेरिकी कंपनियों द्वारा उनकी सहयोगियों से विदेशों में एकत्रित घरेलू आय की बड़ी राशि को अपने देश में वापस मँगाए जाने के कारण वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इसी अवधि में 41 प्रतिशत घटकर 470 अरब डॉलर हो गया है। जो कि 2017 की इसी अवधि में 794 अरब डॉलर था।
  • अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विदेशी लाभ के इस वर्ष के "प्रत्यावर्तन में भारी अंतर" में अन्य कारकों ने योगदान दिया है। इनमें कर सुधार के विस्तार और प्रभाव की अनिश्चितता तथा अनसुलझे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विवादों के संभावित प्रभाव; जैसे कि अमेरिका और चीन द्वारा एक दूसरे पर लगाए गए टैरिफ आदि शामिल हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी निवेश में कुल गिरावट के विपरीत तथाकथित "ग्रीनफील्ड" परियोजनाओं में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 42 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 454 अरब डॉलर का निवेश दर्ज किया गया।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में आई यह गिरावट मुख्य रूप से समृद्ध देशों में देखी गई, जिसमें आयरलैंड (81 अरब डॉलर की कमी) और स्विट्जरलैंड (77 अरब डॉलर की कमी) प्रमुख रूप से शामिल हैं ।
  • विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 2017 के मुकाबले इस वर्ष की पहली छमाही में एफडीआई प्रवाह में चार फीसदी की "नाममात्र की गिरावट" आई और इस दौरान उनका अंतर्वाह कुल 310 अरब डॉलर का रहा।
  • रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील एशिया में इस वर्ष की पहली छमाही में चार प्रतिशत की गिरावट के साथ 220 अरब डॉलर का अंतर्वाह हुआ है जो कि इसी अवधि में मुख्यतः पूर्वी एशिया में निवेश में 16 फीसदी की गिरावट से प्रेरित है।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों में निवेश में छः फीसदी की गिरावट देखी गई, जहाँ आगामी चुनावों के कारण अनिश्चितता को वस्तुओं की उच्च कीमतों के द्वारा आंशिक रूप से प्रतिसंतुलित किया गया था।

अंकटाड (UNCTAD)

  • 30 दिसंबर, 1964 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के अंतर्गत एक स्थायी अंतर-सरकारी संस्था के रूप में अंकटाड (United Nations Conference on Trade and Development – UNCTAD) की स्थापना की गई थी।
  • यह संयुक्त राष्ट्र सचिवालय का एक भाग है। इसके अतिरिक्त यह संयुक्त राष्ट्र विकास समूह का भी हिस्सा है। इसका मुख्यालय जेनेवा में है।

अंकटाड के प्रमुख उद्देश्य

  • अल्पविकसित देशों के त्वरित आर्थिक विकास हेतु अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहित करना तथा व्यापार एवं विकास नीतियों का निर्माण और उनका क्रियान्वयन करना।
  • व्यापार एवं विकास के संबंध में यू.एन. की विभिन्न संस्थाओं के मध्य समन्वय स्थापित करते हुए समीक्षा व संवर्द्धन संबंधी कार्य करना।

विभिन्न सरकारों एवं क्षेत्रीय आर्थिक समूहों के मध्य व्यापार व विकास संबंधी नीतियों के विषय में सामंजस्य स्थापित करना।

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