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जैव विविधता और पर्यावरण

हंटिंगटन रोग

  • 21 Mar 2020
  • 3 min read

प्रीलिम्स के लिये:

हंटिंगटन रोग

मेन्स के लिये:

आनुवंशिक रोग 

चर्चा में क्यों?

राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र (National Centre for Cell Science- NCCS) पुणे के वैज्ञानिकों की एक टीम ने फ्रूट फ्लाई (Fruit Flies) पर किये अध्ययन में पाया कि हंटिंगटन (Huntingtin- HTT) नामक जीन में उत्परिवर्तन के कारण न केवल हंटिंगटन प्रोटीन मे कमी होती है अपितु यह उत्परिवर्तन समग्र प्रोटीन उत्पादन में कमी का कारण बनता है। 

हंटिंगटन रोग (Huntington Disease- HD): 

  • यह मस्तिष्क को प्रभावित करने वाला आनुवंशिक विकार है। 

रोग का कारण:

  • यह रोग HTT नामक जीन में उत्परिवर्तन के कारण होता है। HTT जीन हंटिंगटन नामक प्रोटीन के निर्माण में भाग लेते हैं।  HTT जीनों का कार्य प्रोटीन निर्माण के लिये निर्देश देना हैं।
  • HTT जीन में उत्परिवर्तित होने के कारण इन जीनों की निर्देश देने की क्षमता मे बाधा उत्पन्न होती है तथा इससे त्रुटिपूर्ण प्रोटीन का निर्माण होता है। 
  • त्रुटिपूर्ण प्रोटीन जिन्हे क्लंपस (Clumps) भी कहा जाता है, मस्तिष्क की कोशिकाओं के सामान्य कामकाज को बाधित करते हैं। अंततः मस्तिष्क की न्यूरॉन्स मृत हो जाती है तथा ये त्रुटिपूर्ण प्रोटीन हंटिंगटन रोग का कारण बनते हैं।

रोग का प्रभाव:

  • इस रोग के कारण शरीर पर नियंत्रण नहीं रहता है तथा संज्ञानात्मक क्षमता में गिरावट आती है।  
  • इससे अलावा ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, स्मृति विलोप, मूड स्विंग, व्यक्तित्व में बदलाव आदि के लक्षण देखे जाते हैं।

शोध का महत्त्व:

  • अब तक वैज्ञानिक समुदाय यह नहीं जान पाए थे कि त्रुटिपूर्ण क्लंपस हंटिंगटन प्रोटीन निर्माण के अलावा अन्य प्रोटीन के निर्माण को भी प्रभावित करते हैं या नहीं।
  • इस शोध में वैज्ञानिकों ने HTT जीन के अध्ययन में पाया कि रोगजनक हंटिंगटन प्रोटीन कोशिकाओं के ‘समग्र प्रोटीन उत्पादन’ में कमी का कारण बनता है। 
  • अध्ययन के माध्यम से प्राप्त अंतर्दृष्टि मानव में हंटिंगटन रोग को समझने में मदद करेगा। 

स्रोत: PIB

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