इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


जैव विविधता और पर्यावरण

हीट इंडेक्स

  • 30 Mar 2023
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), हीट इंडेक्स,  नगरीय ऊष्मा द्वीप प्रभाव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)।

मेन्स के लिये:

भारत में हीट वेव से संबंधित मुद्दे।

चर्चा में क्यों?

भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department- IMD) दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में 'हीट इंडेक्स/ताप सूचकांक' चेतावनी प्रणाली शुरू करने की योजना बना रहा है।

IMD के हालिया अध्ययन:  

  • IMD ने हीट वेव पर मौसम संबंधी कारकों के प्रभाव और देश के "हीट वेव आपदा क्षेत्र" पर एक अध्ययन किया है।
  • "हॉट वेदर एनालिसिस ओवर इंडिया" के अनुसार, IMD ने विश्लेषण किया कि जिस तंत्र से गर्मी मानव को प्रभावित करती है, वह जटिल है। यह तापमान, विकिरण, वायु और आर्द्रता के बीच परस्पर क्रियाओं का परिणाम है।
    • इस बात के मज़बूत प्रायोगिक प्रमाण हैं कि यदि आर्द्रता अधिक है तो उच्च तापमान से मानसिक तनाव अधिक होता है। 

प्रस्तावित हीट इंडेक्स:

  • परिचय:  
    • हीट इंडेक्स तापमान के साथ-साथ आर्द्रता के स्तर की गणना करेगा ताकि इसकी उष्णता का अधिक सटीक अनुमान प्रदान किया जा सके।
    • अमेरिका में हीट इंडेक्स के प्रभाव के आधार पर चेतावनी प्रदान करने हेतु इसे कलर-कोडेड किया गया है।
      • IMD भारत में एक समान कलर-कोडेड चेतावनी प्रणाली (Similar Color-coded Warning System) शुरू करने की योजना बना रहा है।
  • महत्त्व: 
    • हीट इंडेक्स मानव स्वास्थ्य के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं।
      • शरीर के बहुत अधिक गर्म होने पर पशीना निकलता है जिसके माध्यम से  शरीर स्वयं के तापमान को नियंत्रित करता है। यदि पसीना वाष्पित नहीं हो पाता है, तो शरीर अपने तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता है। वाष्पीकरण एक शीतलन प्रक्रिया है। जब पसीना शरीर से वाष्पित हो जाता है, तो यह प्रभावी रूप से शरीर के तापमान को कम कर देता है।
      • जब वायुमंडलीय नमी की मात्रा (अर्थात् सापेक्ष आर्द्रता) अधिक होती है, तो शरीर से वाष्पीकरण की दर कम हो जाती है। मानव शरीर नम परिस्थितियों में गर्म महसूस करता है। इसके विपरीत सत्य यह है कि तब सापेक्ष आर्द्रता घट जाती है क्योंकि पसीने की दर बढ़ जाती है। शरीर वास्तव में शुष्क परिस्थितियों में ठंडा महसूस करता है।
    • हवा के तापमान एवं सापेक्ष आर्द्रता तथा ताप सूचकांक के मध्य सीधा संबंध है, जिसका अर्थ है कि हवा का तापमान और सापेक्ष आर्द्रता में वृद्धि (कमी) होती है, हीट इंडेक्स बढ़ता है (घटता है)।

हीटवेव: 

  • हीटवेव असामान्य रूप से उच्च तापमान की अवधि को संदर्भित करता है, भारत में मई-जून के महीनों के दौरान यह एक सामान्य घटना है और कुछ दुर्लभ मामलों में यह जुलाई तक भी बढ़ जाती है।
  • जब किसी स्थान का अधिकतम तापमान मैदानी क्षेत्रों के लिये कम-से-कम 40 डिग्री सेल्सियस एवं पहाड़ी क्षेत्रों के लिये कम-से-कम 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है तब ऐसी स्थिति को हीटवेव माना जाता है ।
  • वर्ष 2016 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority- NDMA) ने लू के प्रभाव को कम करने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख रणनीति तैयार करने हेतु व्यापक दिशा-निर्देश जारी किये।

दिल्ली के वास्तविक तापमान की तुलना में उच्च तापमान हेतु ज़िम्मेदार कारक:

  • नगरीय ऊष्मा द्वीप प्रभाव: दिल्ली एक अत्यधिक शहरीकृत क्षेत्र है, जिसमें बड़ी मात्रा में कंक्रीट, इमारतें और डामर की सतहें हैं। ये सतह ऊष्मा को अवशोषित करती हैं और उसे बनाए रखती हैं, जिससे नगरीय ऊष्मा द्वीप प्रभाव उत्पन्न होता है। यह तापमान को वास्तविक रूप से अधिक गर्म महसूस करा सकता है।
  • वायु प्रदूषण: पंजाब और हरियाणा क्षेत्र में पराली जलाने, वाहन एवं औद्योगिक उत्सर्जन तथा निर्माण गतिविधियों से निकलने वाली धूल के कारण दिल्ली में उच्च स्तर का वायु प्रदूषण होता है।
    • यह प्रदूषण ऊष्मा को रोक सकता है तथा शहर को गर्म रखते हुए एक व्यापक प्रभाव उत्पन्न कर सकता है।
    • साथ ही दिल्ली की उच्च आर्द्रता भी वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ा सकती है।
  • जल निकायों से दूरी: दिल्ली किसी भी बड़े जल निकाय जैसे- समुद्र या झील के पास स्थित नहीं हैइसका अर्थ है कि जल से आने वाली ठंडी हवा का कोई स्रोत नहीं है, जिससे हवा गर्म महसूस हो सकती है। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2