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सामाजिक न्याय

‘सार्वभौमिक सुगम्यता’ संबंधी दिशानिर्देश

  • 11 Jan 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारत में सार्वभौमिक सुगम्यता हेतु नवीन सामंजस्यपूर्ण दिशानिर्देश और मानक 2021, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD), अनुच्छेद 14,  विकलांग व्यक्तियों के अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन, 'सुलभ भारत अभियान', विकलांगता और इसके प्रकार।

मेन्स के लिये:

विकलांग लोगों से संबंधित मुद्दे और इससे जुड़ी पहलें।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने ‘भारत में सार्वभौमिक सुगम्यता हेतु नवीन सामंजस्यपूर्ण दिशानिर्देश और मानक’ (2021) जारी किये हैं।

  • नए नियमों के तहत योजना के डिज़ाइन से अधिक कार्यान्वयन पर ध्यान देने की परिकल्पना की गई है।
  • इसके अलावा ‘सार्वभौमिक सुगम्यता’ संबंधी नए दिशा-निर्देशों के तहत मौजूदा पारितंत्र के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है।
  • इससे पहले वर्ष 2021 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नए सुगम्यता’ मानकों हेतु मसौदा दिशानिर्देश जारी किये थे।

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग

  • भारत का केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD), सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यों हेतु उत्तरदायी केंद्र सरकार का एक प्रमुख प्राधिकरण है।
  • यह आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) के अंतर्गत आता है।
  • यह इमारतों, सड़कों, पुलों, फ्लाईओवर, स्टेडियम, सभागारों, प्रयोगशालाओं, बंकरों, सीमा पर बाड़ लगाने, सीमा सड़कों (पहाड़ी सड़कों) आदि जैसी जटिल संरचनाओं के निर्माण से संबंधित है।
  • इसकी स्थापना लॉर्ड डलहौजी ने वर्ष 1854 में की थी।

प्रमुख बिंदु 

  • नए दिशा-निर्देशों के बारे में:
    • ये दिशा-निर्देश वर्ष 2016 में जारी दिव्यांग व्यक्तियों और बुजुर्ग व्यक्तियों के लिये बाधा मुक्त वातावरण के निर्माण हेतु सामंजस्यपूर्ण दिशा-निर्देशों और अंतरिक्ष मानकों का संशोधन है।
    • पूर्ववर्ती दिशा-निर्देश एक बाधा मुक्त वातावरण निर्मित करने से संबंधित थे लेकिन नए  दिशा-निर्देश सार्वभौमिक पहुंँच पर केंद्रित हैं।
      • सार्वभौमिक पहुंँच की स्थिति उस स्थिति/डिग्री को संदर्भित करती है जिस तक पर्यावरण, उत्पाद और सेवाएंँ विकलांग लोगों के लिये सुलभता के साथ उपलब्ध हो सकें।
      • दिव्यांग लोगों के लिये "निर्मित वातावरण" से भौतिक बाधाओं को दूर करने के प्रयास का वर्णन करने हेतु बाधा मुक्त वातावरण शब्द का उपयोग किया जाता है। 
    • ये दिशा-निर्देश केवल दिव्यांग व्यक्तियों (Persons with Disabilities- PwD) के लिये ही नहीं हैं, बल्कि सरकारी भवनों के निर्माण से लेकर मास्टर-प्लानिंग के तहत शहरों तक, योजना परियोजनाओं में शामिल लोगों के लिये भी हैं।
    • नोडल मंत्रालय: आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (MoHUA)।
  • दिव्यांग लोगों के लिये संवैधानिक और कानूनी ढांँचा:
    • अनुच्छेद 14: राज्य भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर किसी व्यक्ति को कानून के समक्ष समानता या कानूनों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा।
      • इस संदर्भ में दिव्यांग व्यक्तियों को संविधान के समक्ष समान अधिकार प्राप्त होने चाहिये।
    • संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन दिव्यांग व्यक्तियों का अधिकार: भारत संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन, दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार का एक हस्ताक्षरकर्त्ता देश है, जो वर्ष 2007 में लागू हुआ था।
      • कन्वेंशन एक मानव अधिकार के रूप में पहुँच को मान्यता देता है तथा विकलांग व्यक्तियों तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये उपयुक्त उपायों को अपनाने हेतु हस्ताक्षर करता है।
    • सुगम्य भारत अभियान: यह सुगम्य भारत अभियान के रूप में भी जाना जाता है और विकलांग व्यक्तियों को विकास के लिये समान अवसर प्राप्त करने हेतु सार्वभौमिक पहुँच प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
      • अभियान बुनियादी ढाँचे, सूचना और संचार प्रणालियों में महत्त्वपूर्ण बदलाव करके पहुँच को बढ़ाने का प्रयास करता है।
    • विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016: भारत सरकार ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 को अधिनियमित किया, जो विकलांग व्यक्तियों से संबंधित प्रमुख और व्यापक कानून है।
      • अधिनियम विकलांग व्यक्तियों के लिये सेवाओं के संबंध में केंद्र और राज्य सरकारों की ज़िम्मेदारियों को परिभाषित करता है।
      • यह अधिनियम विकलांग व्यक्तियों के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव को दूर करके एक बाधा मुक्त वातावरण बनाने की भी सिफारिश करता है जहाँ वे एक सामान्य व्यक्ति को मिलने वाले विकास लाभों को साझा कर सके।
  • अन्य संबंधित पहलें:

दिव्यांगता (Disability) 

  • परिचय:
    • दिव्यांगता कुछ विशेष रूप से विकलांग लोगों से जुड़ा एक शब्द है यह एक ऐसी स्थिति को जो उसे अपने आस-पास के अन्य लोगों की तरह ही काम करने से रोकती है।
  • दिव्यांगता के प्रकार:
    • बौद्धिक अक्षमता: एक बौद्धिक अक्षमता (आईडी) वाले व्यक्ति में कम बुद्धि या तर्कसंगत क्षमता की कमी देखी जाती है जो कि बुनियादी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के लिये उनके कौशल में कमी के रूप में प्रदर्शित होती है। 
    • स्नायविक और संज्ञानात्मक विकार: लोगों के जीवनकाल में इस प्रकार की विकलांगता  मस्तिष्क की खराब चोट या मल्टीपल स्केलेरोसिस से होती है।
      • मल्टीपल स्केलेरोसिस में शरीर की कोशिकाओं पर उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा हमला किया जाता है, जिससे शरीर और उसके मस्तिष्क के बीच संचार में समस्या पैदा हो जाती है।
    • शारीरिक अक्षमताः यह दिव्यांगता लोगों में पाई जाने वाली सबसे आम प्रकार की अक्षमता है।
      • ये मुद्दे संचार प्रणाली से लेकर तंत्रिका तंत्र और श्वसन तंत्र संबंधी हो सकते हैं।
      • सेरेब्रल पाल्सी एक ऐसी विकलांगता है जो मस्तिष्क क्षति के कारण होती है और इसके परिणामस्वरूप चलने में समस्या होती है। ऐसी दिव्यांगता के लक्षण जन्म से ही देखे जा सकते हैं।
    • मानसिक विकलांगता: किसी व्यक्ति में इस तरह के विकार व्यक्ति में चिंता विकार, अवसाद या विभिन्न प्रकार के फोबिया को जन्म देते हैं।

स्रोत: द हिंदू

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