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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत के लिये चुनौती बना ‘हरित ऊर्जा’ का लक्ष्य

  • 22 May 2017
  • 5 min read

संदर्भ 
उल्लेखनीय है कि रूफटॉप सोलर (rooftop solar) कार्यक्रम की मंद गति के कारण भारत सरकार वर्ष 2022 तक अपने 175 गीगावाट के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को प्राप्त करने में असमर्थ होगी| मंत्रालय इस अंतराल को भरने के लिये जैव गैस और छोटे पनबिजली प्रोजेक्टों को भी बढ़ावा दे रहा है|

प्रमुख बिंदु

  • सरकार रूफटॉप सोलर संबंधी सभी मुद्दों से परिचित है और रूफटॉप सोलर को बढ़ावा देने के लिये एक नई योजना पर विचार कर रही है| इस संबंध में मंत्रालय में भी वार्ता चल रही है, लेकिन ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि सरकार इसके माध्यम से 175 गीगावाट के लक्ष्य को प्राप्त करने में समर्थ होगी| 
  • सरकार ने वर्ष 2022 तक रूफटॉप सोलर के 40 गीगावाट लक्ष्य को प्राप्त करने की घोषणा की थी, परन्तु इसने दिसम्बर 2016 तक केवल 1.3 गीगावाट के लक्ष्य को ही प्राप्त किया जो इसके संपूर्ण लक्ष्य के  3%  से थोड़ा ही अधिक है|
  • विद्युत मंत्रालय द्वारा गठित की गई स्थाई समिति द्वारा मई 2016 में दी गई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में छोटे जल प्रोजेक्टों में 19.7 गीगावाट क्षमता की ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है, जबकि यह इसका केवल 21% ही उपयोग करता है|

रूफटॉप सोलर से संबंधित समस्या एवं चुनौतियाँ

  • भारत में अधिकांश छतें समतल हैं तथा लोग इनका उपयोग कई प्रकार (जैसे- कपड़ों को सुखाने इत्यादि) से करते हैं| भारत के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहाँ लोग छतों पर ही सोते हैं| अतः वे सोलर पैनल से उस जगह को कवर नहीं करना चाहते हैं|
  • वर्तमान स्थितियों को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि भारत रूफटॉप सोलर के  लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाएगा| 
  • रूफटॉप सोलर के मार्ग में कई चुनौतियाँ हैं| पहली चुनौती यह है कि भारत के पास ऐसे वित्तीय संस्थान नहीं हैं जो इन प्रोजेक्टों की मांग को पूरा कर सकें| जब तक ऐसा नहीं होता है तब तक आवश्यक निवेश करना मुश्किल होगा|
  • दूसरी चुनौती यह है कि रूफटॉप सोलर में निवेश करना जोखिमपूर्ण भी हो सकता है| हालाँकि, वर्तमान में अधिकतर निवेश वाणिज्यिक सोलर प्रोजेक्टों के लिये किया जा रहा है|
  • तीसरी समस्या यह है कि उपयोगकर्ताओं द्वारा किये गए गारंटी युक्त भुगतान के विषय में भी अभी कोई भी स्पष्ट नियमाकीय व्यवस्था नहीं है|
  • यदि इन तीनों मुद्दों का समाधान किया जाता है तो इस क्षेत्र में किये गए निवेश उपयोगी सिद्ध होंगे|

क्या है हरित ऊर्जा?

  • हरित ऊर्जा सूर्य के प्रकाश, वायु, वर्षा, ज्वार, पौधे, शैवाल और भूतापीय ऊष्मा जैसे प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होती है| ये नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन हैं|
  • इनका पर्यावरण पर बहुत ही कम प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है|
  • हरित ऊर्जा में ऐसे स्रोतों का उपयोग होता है जो विश्व में सभी जगह यथा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध होते हैं|

निष्कर्ष
वर्तमान में सरकार की योजना जैव भार से शक्ति प्राप्त करने वाले संयंत्रों और 5 गीगावाट के छोटे पनबिजली प्रोजेक्टों से 10 गीगावाट ऊर्जा प्राप्त करना है| हालाँकि, ऊर्जा विशेषज्ञ यह कहते हैं कि यह क्षमता काल्पनिक है चूँकि इन प्रोजेक्टों को दुर्गम इलाकों में स्थापित किया जा रहा है जिससे इन प्रोजेक्टों की लागत तथा उन शुल्कों में भी बढ़ोतरी होगी जिन पर वे ऊर्जा का वितरण करेंगे|

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