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पुनर्गठित राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्द्धन परिषद (NMDPC) की पहली बैठक

  • 17 Sep 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्द्धन परिषद (NMDPC), CDSCO, FDI, PLI, चिकित्सा उपकरण पार्क, NABL प्रत्यायन, चिकित्सा उपकरण नियम, 2017, राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति 2022

मेन्स के लिये:

भारत के चिकित्सा उपकरण उद्योग के संबंध में चुनौतियाँ और मुद्दे, भारत के चिकित्सा उपकरण उद्योग को बढ़ावा देने के लिये सरकार की पहल

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पुनर्गठित राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्द्धन परिषद (NMDPC) की पहली बैठक में चिकित्सा प्रौद्योगिकी (Medical Technology-MedTech) उद्योग के महत्त्वपूर्ण मुद्दों को उठाया गया है।

प्रमुख बिंदु

NMDPC की प्रमुख सिफारिशें:

  • लेबलिंग प्रावधानों को सुसंगत बनाना:
    • लाइसेंस प्राप्त चिकित्सा उपकरणों के लिये कानूनी माप विज्ञान (पैकेज की गई वस्तु) नियम, 2011 के तहत चिकित्सा उपकरणों की लेबलिंग के प्रावधानों को चिकित्सा उपकरण नियम, 2017 के सुसंगत बनाने की आवश्यकता है।
  • चिकित्सा उपकरण पार्क में निवेश:
    • चिकित्सा उपकरण उद्योग संघों के प्रतिनिधियों को राज्यों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने के लिये प्रोत्साहित किया गया था, जिन्हें सामान्य बुनियादी सुविधाओं के निर्माण हेतु विभाग द्वारा चिकित्सा उपकरण पार्क स्वीकृत किये गए थे, साथ ही घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये प्रस्तावित पार्कों में निवेश किया गया।
  • नेशनल चिकित्सा प्रौद्योगिकी एक्सपो, 2022 में सक्रिय भागीदारी:
    • भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग की ताकत और क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिये प्रस्तावित नेशनल चिकित्सा प्रौद्योगिकी/मेडटेक एक्सपो, 2022 हेतु उद्योग का समर्थन भी मांगा गया था।
  • अधिक प्रमाणित चिकित्सा उपकरण परीक्षण प्रयोगशालाओं की आवश्यकता:
    • मानक परीक्षण के लिये देश के विभिन्न क्षेत्रों में मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं सहित पर्याप्त सामान्य बुनियादी ढांचा होना चाहिये।
  • पोस्ट-मार्केट निगरानी प्रणाली और चिकित्सा उपकरण रजिस्ट्री:
    • प्रत्यारोपण के प्रदर्शन का आकलन करने के लिये विशेष रूप से प्रत्यारोपण कराने वाले रोगी का पता लगाने हेतु एक मज़बूत आईटी सक्षम फीडबैक संचालित पोस्ट-मार्केट निगरानी प्रणाली तथा चिकित्सा उपकरण रजिस्ट्री होनी चाहिये।
  • नए नियामक के लिये नया कानून:
  • अनुसंधान संबद्ध प्रोत्साहन (RLI) योजना:
    • समिति ने विभाग के लिये पीएलआई स्कीम के अनुरूप आरएलआई स्कीम शुरू करने की सिफारिश की।
  • चिकित्सा उपकरण अधिकारियों की दक्षता बढ़ाना:
    • मंत्रालय को राज्य सरकारों के साथ समन्वय में काम करना चाहिये और स्थानीय चिकित्सा उपकरण अधिकारियों को आवश्यक कौशल प्रदान करना चाहिये।
  • एकल खिड़की समाशोधन मंच (Single window clearing platform):
    • विनिर्माण, निर्यात, आयात तथा लाइसेंस के आवेदन हेतु एक ‘एकल खिड़की समाशोधन मंच’ स्थापित किया जाना चाहिये जो चिकित्सा उपकरणों के नियमन में शामिल इन सभी निकायों को भी एकीकृत करेगा।
      • मंत्रालय को चिकित्सा उपकरणों के नियमन के लिये प्रस्तावित नए पृथक अधिनियम में इस तरह की एक व्यापक "एकल खिड़की समाशोधन/अनुमोदन प्रणाली" को शामिल करना चाहिये।

राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्द्धन परिषद (NMDPC):

  • परिचय:
    • राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्द्धन परिषद (NMDPC) की अध्यक्षता रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्युटिकल विभाग के सचिव द्वारा की जाती है।
      • इसमें हितधारक विभागों सदस्य होते हैं जिनका इस क्षेत्र के विकास पर प्रभाव पड़ता है।
      • इसके अलावा इसमें भारत में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले कई चिकित्सा उपकरण उद्योग संघों का प्रतिनिधित्व है।
  • महत्त्व:
    • एनएमडीपीसी के आगे चलकर चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र से संबंधित सभी मुद्दों के लिये एक जीवंत मंच बनने की उम्मीद है, जो सामाजिक दायित्वों और भारत की आर्थिक आकांक्षाओं के लिये विशाल संभावनाओं वाला एक उभरता हुआ क्षेत्र है।

स्रोत: द हिंदू

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