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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों से संबंधित नए नियम

  • 08 Jul 2020
  • 8 min read

प्रीलिम्स के लिये

अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों से संबंधित नियम

मेन्स के लिये

अमेरिकी प्रशासन के हालिया नियम के निहितार्थ और अमेरिका में भारतीय छात्रों से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?
हाल ही में अमेरिका ने घोषणा की है कि आगामी समय में यदि अमेरिका के विश्वविद्यालय पूर्ण रूप से ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को अपनाते हैं तो संभवतः अमेरिका में पढाई कर रहे अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है।

प्रमुख बिंदु

  • US डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (US Department of Homeland Security-DHS) द्वारा घोषित नए नियमों के अनुसार, उन F-1 और M-1 (गैर-शैक्षणिक और व्यावसायिक छात्र) वीज़ा धारकों को अमेरिका में रुकने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं।
  • गौरतलब है कि COVID-19 के कारण अमेरिका के कई विश्वविद्यालय आगामी सेमेस्टर के लिये अपनी सभी कक्षाओं को ऑनलाइन स्थानांतरित करने की योजना बना रहे हैं।

F-1 वीज़ा

  • F-1 वीज़ा एक प्रकार का स्टूडेंट वीज़ा है, जो अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को अमेरिका के किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज, विश्वविद्यालय, उच्च शैक्षणिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय अथवा किसी अन्य शैक्षणिक संस्थान में पूर्णकालिक छात्र के रूप में दाखिला लेने हेतु संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने की अनुमति देता है।
  • F-1 वीज़ा धारकों को पहले शैक्षणिक वर्ष के दौरान कैंपस के बाहर कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाती है, किंतु कुछ शर्तों और प्रतिबंधों के तहत वे कैंपस के अंदर कार्य कर सकते हैं। हालाँकि पहले शैक्षणिक वर्ष के बाद छात्र कैंपस के बाहर भी कार्य कर सकते हैं।

M-1 वीज़ा

  • M-1 भी एक प्रकार का स्टूडेंट वीज़ा है, जो मुख्य तौर पर गैर-शैक्षणिक या पेशेवर अध्ययन के लिये जारी किया जाता है। तकनीकी और पेशेवर कार्यक्रमों के लिये M -1 वीज़ा धारकों को अपने अध्ययन के दौरान कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाती है।

भारतीय छात्रों पर इस निर्णय का प्रभाव

  • आँकड़ों के अनुसार, वर्तमान समय में अमेरिका में तकरीबन 2 लाख भारतीय छात्र हैं, इस लिहाज़ से भारत अमेरिका में विदेशी छात्रों का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है, जबकि चीन पहले स्थान पर है।
  • अमेरिकी प्रशासन के इस निर्णय का स्पष्ट प्रभाव उन भारतीय छात्रों पर देखने को मिलेगा, जिन्होंने अमेरिका के किसी ऐसे विद्यालय अथवा विश्विद्यालय में दाखिला लिया है, जो आगामी सेमेस्टर (सितंबर-दिसंबर) में पूरी तरह से ऑनलाइन शिक्षा अपनाने पर विचार कर रहे हैं।
    • ऐसे छात्रों को अमेरिका द्वारा वापस भारत भेजा जा सकता है।
  • वहीं अमेरिका में महामारी की शुरुआत के बाद महामारी के बाद मज़बूरन भारत लौटे छात्रों को भी वापस अमेरिका जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • ध्यातव्य है कि अमेरिकी प्रशासन का यही नियम आगामी सेमेस्टर में अमेरिका में पढ़ने पर विचार कर रहे नए छात्रों पर भी लागू होता है।

कुछ छात्रों के लिये नियम में अपवाद

  • अमेरिका के इस नियम से उन छात्रों को छूट प्रदान की गई है, जिनके विद्यालय अथवा विश्वविद्यालय ने ‘व्यक्तिगत कक्षाओं’ (In-Person Classes) की घोषणा की है।
    • ऐसे विदेशी छात्रों को अमेरिका में रुकने की अनुमति दे जाएगी और साथ ही उन छात्रों को भी वापस अमेरिका आने की अनुमति दी जाएगी, जो महामारी के कारण वापस अपने देश चले गए थे।
  • हालाँकि विश्वविद्यालय या कॉलेज को अमेरिकी प्रशासन के समक्ष यह प्रमाणित करना होगा कि इस प्रकार का छात्र पूरी तरह से ऑनलाइन कक्षाएँ नहीं ले रहा है।
    • साथ ही विश्वविद्यालय या कॉलेज को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि छात्र अपने डिग्री कार्यक्रम को पूरा करने के लिये आवश्यक न्यूनतम कक्षाएँ ले रहा है।

इस निर्णय के कारण

  • नियमों के अनुसार, अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को अपनी अधिकांश शिक्षा ‘व्यक्तिगत कक्षाओं’ के माध्यम से ही पूरी करनी होती हैं। हालाँकि महामारी और उसके बाद लागू किये गए लॉकडाउन को मद्देनज़र रखते हुए अमेरिकी प्रशासन ने विश्वविद्यालयों को अस्थायी तौर पर ऑनलाइन कक्षाएँ आयोजित कराने की छूट प्रदान की थी।
    • किंतु यह छूट केवल स्प्रिंग और समर सेमेस्टर (Spring and Summer Semesters) के लिये प्रदान की गई थी।
  • इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार, ‘अमेरिका में आगामी सेमेस्टर में कई विश्वविद्यालय और कॉलेज अपनी गतिविधियों को पुनः संचालित करने की योजना बना रहे हैं, जिसके कारण इन संस्थाओं में सामाजिक दूरी और अन्य आवश्यक नियमों का पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य हो गया।

अमेरिकी विश्वविद्यालयों पर इस नियम का प्रभाव

  • उल्लेखनीय है कि अधिकांश अमेरिकी विश्विद्यालयों ने पहले ही अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के दाखिले से संबंधित प्रस्ताव जारी कर दिया है, ऐसे में अमेरिकी प्रशासन का यह निर्णय अमेरिका के भावी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को आगामी सेमेस्टर में प्रवेश लेने हेतु हतोत्साहित करेगा।
  • वहीं इस नियम से पूर्व ही अमेरिका में दाखिला ले चुके छात्र सेमेस्टर छोड़ने पर भी विचार कर सकते हैं, जिससे अमेरिका में पढ़ रहे अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या में कमी होगी।
  • यदि अमेरिका में दाखिला ले चुके छात्र सेमेस्टर छोड़ने के विकल्प का चुनाव करते हैं तो इससे अमेरिकी विश्वविद्यालयों के राजस्व में कमी देखने को मिल सकती है, खासकर उन विश्वविद्यालयों में जिन्होंने आगामी सेमेस्टर के ऑनलाइन होने की घोषणा कर दी है।

स्रोत: द हिंद

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