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प्रौद्योगिकी

डिजिटल क्रांति की ओर भारत

  • 12 Jun 2018
  • 8 min read

संदर्भ

डिजिटल पहलों, जैसे- इलेक्ट्रॉनिक भुगतान, ई-स्वास्थ्य, डिजिटल साक्षरता और वित्तीय समावेशन की सहायता से भारत में डिजिटल क्रांति लाकर व्यापक बदलाव लाया जा सकता है। भारत एक ऐसा देश है जिसने इस दिशा में कठिन समय और बाधाओं के बावजूद अपना रास्ता कभी धीरे-धीरे तो कभी त्वरित गति से कुशलतापूर्वक तय किया है| 2014 से  डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और 'स्मार्ट सिटीज' जैसे अनेक नीतिगत उपायों की शुरुआत की गई है, जबकि नौकरशाही, लालफीताशाही को हटाने और देश में  अधिक निवेशक-अनुकूल माहौल बनाने के लिये सार्थक प्रयास किये गए हैं।

डिजिटल क्रांति की दिशा में सार्थक प्रयास

  • डिजिटल क्रांति की दिशा में अनेक सार्थक प्रयास किये गए हैं जिनमें से अधिकांश का लक्ष्य सामाजिक-आर्थिक विकास में तेज़ी लाना और विश्वसनीय नेटवर्क, इष्टतम कनेक्टिविटी तथा क्लाउड जैसे डिजिटल हस्तक्षेपों सहित कुशल प्रौद्योगिकियों के इष्टतम उपयोग के माध्यम से परिवर्तन लाना था।
  • भारत का जीडीपी 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर पर वापस लौटने के साथ एक बार फिर दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है।
  • भारत डिजिटल क्रांति का अनुभव कर रहा है जो ई-भुगतान, ई-स्वास्थ्य, डिजिटल साक्षरता, कृषि, वित्तीय समावेशन, भौगोलिक मानचित्रण, ग्रामीण विकास, सामाजिक लाभ कार्यक्रम, भाषा स्थानीयकरण आदि जैसे क्षेत्रों में रूपांतरित परिवर्तनों को प्रेरित कर रहा है।
  • क्लाउड प्लेटफार्मों और अनुप्रयोगों जैसी प्रौद्योगिकियों को अपनाने से हमारी डिजिटल गति में महत्त्वपूर्ण प्रभाव दिखाई दिया है।
  • मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया कार्यक्रमों में क्लाउड और अन्य डिजिटल हस्तक्षेपों को पहले से ही आधुनिक और समावेशी राष्ट्र बनाने में मदद के लिये अपनाया गया है।
  • क्लाउड भारत जैसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिये स्पष्ट रूप से उपयुक्त है क्योंकि यह महँगी प्रौद्योगिकी की बाधाओं को दूर करने, छोटे व्यवसायों, स्टार्ट-अप और गैर-लाभकारी संगठनों को प्रोत्साहित करते समय नई सेवाओं और उत्पादों के लिये अवसर पैदा करने में मदद करता है।
  • इसके अलावा, यह अकादमिक, व्यापारिक दुनिया, गैर-सरकारी संगठनों और भारतीय जनसामान्य के बीच सहयोग और ज्ञान-साझाकरण को सक्षम बनाता है जिससे हमारे किसान, ग्रामीण उद्यमी और कारीगर सबसे अधिक लाभान्वित होंगे।
  • आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स और ब्लॉकचेन जैसी नई और उभरती हुई तकनीकें राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में प्रवेश कर रही हैं।
  • मोबाइल संचार, स्मार्ट फोन और एप्स को अपनाने के साथ, नई तकनीक को गले लगाने के लिये भारत ने अधिक परिपक्व बाज़ारों में छलांग लगा दी है।
  • हमने नकदी रहित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने में भी महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
  • इसके अलावा, भारत बौद्धिक पूंजी का एक सतत् स्रोत रहा है, खासकर प्रौद्योगिकी में, भारतीय अर्थव्यवस्था में भी मेक इन इंडिया के माध्यम से मज़बूती आई है|
  • देश भर में भारतीय इंजीनियर अगली पीढ़ी के सॉफ्टवेयर विकसित कर रहे हैं जो कि दुनिया के कुछ सबसे सफल और अभिनव व्यवसायों और विचारों को बल प्रदान करता है।

चुनौतियों का विस्तार

  • जिस प्रकार भारत एक विशाल देश है और यहाँ व्यापक रूप से भौगोलिक विविधता दिखाई देती है,  यह आश्चर्य की बात नहीं है कि उसी अनुपात में चुनौतियों का विस्तार भी हुआ है।
  • हालाँकि  हमारी अर्थव्यवस्था के लचीलेपन ने इन चुनौतियों को अवसर में बदलने में सफलता पाई है और नागरिकों के सामूहिक संकल्प ने बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया है|
  • मध्यकाल में तुलनात्मक दृष्टि से प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत की अर्थव्यवस्था औसत रही है लेकिन सदियों से हमारा श्रमबल महत्त्वपूर्ण संपत्ति रहा है।
  • जैसे-जैसे हमारी काम करने की उम्र बढ़ती जाएगी, यह बचत और निवेश को बढ़ाएगी और हमारी आर्थिक प्रतिस्पर्द्धा को और मज़बूत करेगी।
  • एक युवा और विविधता से परिपूर्ण श्रमबल भी अधिक नवप्रवर्तनशील (innovative) मस्तिष्क का साधन होता है।
  • इसलिये  भारत को प्रभावी रूप से लोगों को सिखाने और प्रशिक्षित करने, उनकी क्षमता बढ़ाने और अपनी उद्यमशीलता को बढ़ाने के लिये प्रौद्योगिकी का लाभ लेना चाहिये।
  • भारत की विविधता प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं के लिये अवसर पैदा कर रही है  और भारत के कॉर्पोरेट नागरिक के रूप में भारत के युवा छात्रों को शिक्षा में उत्कृष्टता प्रदान करने के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी में निवेश को जारी रखना चाहिये।
  • एक अन्य प्रेरक बल शहरी क्षेत्रों में जन प्रवास है। इसने बुनियादी ढाँचे, विशेष रूप से सड़कों, परिवहन, भवनों और अगली पीढ़ी के लिये डिजिटल बुनियादी ढाँचे की बड़ी मांग निर्मित की है|
  • तेज़ी से विकास करती हुई परस्पर संबद्ध अर्थव्यवस्था में भारत के शहर हॉटस्पॉट बन जाएँगे जो विकास को आगे बढ़ाएँगे और अपने चारों ओर उद्योगों की एक नई पीढ़ी पैदा करेंगे।
  • क्लाउड प्लेटफार्मों और अनुप्रयोगों जैसी प्रौद्योगिकियों को अपनाने से हमारी डिजिटल गति को बढ़ाने में इसका महत्त्वपूर्ण योगदान है।
  • मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया कार्यक्रमों में क्लाउड और अन्य डिजिटल हस्तक्षेपों को पहले से ही आधुनिक और समावेशी राष्ट्र बनाने में मदद के लिये अपनाया गया है।

आगे की राह 

  • सभी विश्व अर्थव्यवस्थाओं का एक महत्त्वपूर्ण इंजन बनने के लिये जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ता जाएगा हम वैश्विक नेतृत्व प्राप्त करने के लिये एक परिवर्तनीय अवसर के कगार पर होंगे।
  • यह हमारे लोगों के लिये वास्तविक परिवर्तन लाने और भारत को एक सच्चे विश्व नेता बनाने के लक्ष्य पर दृढ़ता के साथ मिलजुल कर सहयोगपूर्ण निर्णय लेने का समय है।
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