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दिल्ली घोषणापत्र 2025

  • 23 Oct 2025
  • 67 min read

स्रोत: पी.आई.बी

चर्चा में क्यों? 

वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के लिये स्थानीय कार्रवाई पर दिल्ली घोषणापत्र, जिसे ARISE सिटीज़ फोरम 2025 में नई दिल्ली में अपनाया गया, COP30, बेलम, ब्राज़ील में प्रस्तुत की जाएगी।

दिल्ली घोषणापत्र 2025 क्या है?

  • परिचय: दिल्ली घोषणापत्र  2025 शहरी जलवायु नेतृत्व और अनुकूलन को मज़बूत करने में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है, विशेषकर ग्लोबल साउथ के शहरों में।
  • दिल्ली घोषणा की प्रमुख प्रतिबद्धताएँ:
    • स्थानीय जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाना: बहु-स्तरीय राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान (NDC) को मज़बूत और संसाधन-समर्थ बनाना ताकि मापनीय जलवायु परिणाम हासिल किये जा सकें।
    • सर्वसमावेशी शहरी अनुकूलन बढ़ाना: शहरी योजना में अनुकूलन, सर्कुलर इकोनॉमी प्रथाएँ और प्राकृतिक-आधारित समाधान को बढ़ावा देना।
    • न्यायपूर्ण संक्रमण को प्रोत्साहित करना: नेट-जीरो उत्सर्जन की ओर बदलाव में समानता और न्याय सुनिश्चित करना।
    • नागरिकों को सशक्त बनाना: जलवायु निर्णय-निर्माण में महिलाओं, युवाओं और समुदायों की भागीदारी बढ़ाना।
    • शासन को सुदृढ़ करना: शहरी जलवायु कार्रवाई के लिये डेटा-आधारित, पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली का निर्माण करना।
    • जलवायु वित्त को एकत्रित करना: शहरों के लिये प्रत्यक्ष और पूर्वानुमेय जलवायु वित्त तक पहुँच सक्षम बनाना।
    • ग्लोबल साउथ नेतृत्व को प्रोत्साहित करना: दक्षिण-दक्षिण सहयोग, नवाचार और ज्ञान साझा करने को बढ़ावा देना।
  • महत्त्व: यह घोषणा स्थानीय स्तर पर कार्रवाई करते हुए वैश्विक जलवायु नीति को प्रभावित करने के लिये शहरी समुदाय की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
    • यह शहरों को सतत्, अनुकूल और न्यायसंगत विकास मार्गों को हासिल करने में केंद्रीय भूमिका निभाने वाला प्रमुख संस्थान बनाती है।

ARISE

  • पूर्ण रूप: Adaptive (अनुकूल),  Resilient (लचीला), Innovative (नवोन्मेषी),  Sustainable (सतत्) और  Equitable (न्यायसंगत)।
  • उद्देश्य: शहरों के अभिकर्त्ताओं, विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं के लिये सतत् शहरी भविष्य पर चर्चा करने वाला एक सहयोगात्मक मंच तैयार करना।
  • नेतृत्व: ICLEI साउथ एशिया (इंटरनेशनल काउंसिल फॉर लोकल एनवायर्नमेंटल इनिशिएटिव्स) – यह 2,500 से अधिक स्थानीय और क्षेत्रीय सरकारों का वैश्विक नेटवर्क है, जो सतत् शहरी विकास के लिये प्रतिबद्ध हैं।

भारत और ग्लोबल साउथ के लिये शहरी जलवायु शासन क्यों महत्त्वपूर्ण है?

  • शहरी जलवायु शासन और शहरीकरण की प्रवृत्तियाँ: शहरी जलवायु शासन का अर्थ है संस्थाओं, नीतियों और सहयोगात्मक ढाँचे का ऐसा नेटवर्क जो शहरों को जलवायु कार्रवाई की योजना बनाने और लागू करने में सक्षम बनाता है।
    • यह सुनिश्चित करता है कि शहरी क्षेत्र, जो वैश्विक CO₂ उत्सर्जन का 70% से अधिक योगदान देते हैं, संकट के स्रोत नहीं बल्कि जलवायु समाधान के केंद्र बनें।
    • संयुक्त राष्ट्र (UN) के अनुसार, विश्व की 50% से अधिक जनसंख्या शहरों में निवास करती है, यह संख्या वर्ष 2050 तक बढ़कर 68% तक पहुँचने का अनुमान है।
    • भारत प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ (10 मिलियन) नए शहरी निवासियों को जोड़ता है, जिससे लू, प्रदूषण और बाढ़ जैसी आपदाओं का खतरा बढ़ता जा रहा है।
      • शहर-स्तरीय नेतृत्व के उदाहरणों में पुणे और सूरत की ताप कार्य योजनाएँ, इंदौर की अपशिष्ट चक्रीयता और कोच्चि के प्रकृति-आधारित बाढ़ समाधान शामिल हैं।
  • असमानुपातिक कमजोरियाँ: शहरी गरीब लोग अनौपचारिक आवास और सेवाओं तक कमज़ोर पहुँच के कारण सबसे अधिक पीड़ित हैं।
    • मौजूदा अपशिष्ट, जल और ऊर्जा प्रणालियाँ पहले से ही अत्यधिक दबाव हैं और जलवायु परिवर्तन इन दबावों को और भी बढ़ा रहा है।
  • नीति और व्यवहार के अंतर को कम करना: राष्ट्रीय नीतियाँ तो मौजूद हैं, लेकिन कार्रवाई ऊपर से नीचे की ओर होती है। दिल्ली घोषणापत्र स्थानीय स्तर पर निर्धारित कार्रवाई का आग्रह करता है।
    • सुदृढ़ शहरी जलवायु शासन लचीलापन, समावेशिता तथा वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को स्थानीय वास्तविकताओं में प्रभावी रूप से लागू करना सुनिश्चित करता है।

शहरी जलवायु शासन में भारत की पहल क्या हैं?

  • राष्ट्रीय सतत् आवास मिशन (NMSH):
  • स्मार्ट सिटी मिशन (SCM):
    • इसका लक्ष्य जलवायु-स्मार्ट बुनियादी ढाँचे, नवीकरणीय ऊर्जा और कुशल संसाधन उपयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए 100 स्मार्ट शहरों का विकास करना है।
    • डेटा-संचालित शासन के लिये एकीकृत कमांड केंद्रों को प्रोत्साहित करता है।
  • जलवायु स्मार्ट शहर आकलन ढाँचा (CSCAF): 
    • CSCAF को पाँच प्रमुख विषयों - ऊर्जा, गतिशीलता, जल, अपशिष्ट और शहरी नियोजन - के आधार पर शहरों का मूल्यांकन करने के लिये विकसित किया गया है।
  • राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (NIUA) की पहल: 
    • शहरी स्थानीय निकायों को जलवायु कार्रवाई को मुख्यधारा में लाने में मदद करने हेतु शहरों के लिये जलवायु केंद्र (C-Cube) का नेतृत्व करते हैं।
  • अमृत ​​2.0 (अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन)
    • अमृत ​​2.0 जल सुरक्षा, हरित स्थान और जलवायु-लचीले बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देता है।
  • राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP)
  • शहरी वानिकी और प्रकृति-आधारित समाधान
    • नगर वन योजना जैसी पहल गर्मी को कम करने और कार्बन अवशोषण को बढ़ाने के लिये शहरी हरित आवरण को बढ़ावा देती है।
  • हरित शहरी गतिशीलता पहल
    • राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना (NEMMP) और फेम योजना के तहत, शहर इलेक्ट्रिक और सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों की ओर बढ़ रहे हैं। 

निष्कर्ष

दिल्ली घोषणापत्र अपनी "फ्रॉम भारत टू बेलेम" की यात्रा में उन शहरों का साझा संदेश प्रस्तुत करती है, जो वैश्विक जलवायु निर्णयों में समान भागीदारी की माँग कर रहे हैं। इस प्रकार, एराइज़ सिटीज़ फोरम 2025, शहरी लचीलेपन के लिये एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो दर्शाता है कि एक सतत्, जलवायु-सुरक्षित भविष्य का मार्ग शहरों से आरंभ होता है।

दृष्टि मेंस प्रश्न: 

प्रश्न. भारत के सतत् विकास और जलवायु लचीलापन लक्ष्यों को प्राप्त करने में शहरी जलवायु शासन के महत्त्व पर चर्चा कीजिये।”

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1.  दिल्ली घोषणा 2025 क्या है?
यह COP30 से पहले समावेशी, लचीले और सतत् शहरी जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिये ग्लोबल साउथ शहरों की एक सामूहिक घोषणा है।

2. एराइज़ सिटीज़ फोरम 2025 का आयोजन किसने किया?
इस फोरम की सह-मेज़बानी ICLEI साउथ एशिया और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (NIUA) द्वारा की गई।

3. शहरी जलवायु शासन क्या है?
यह जलवायु परिवर्तन के प्रति शमन, अनुकूलन और लचीलेपन का प्रबंधन करने वाली शहर-स्तरीय प्रणालियों, नीतियों और सहयोगों को संदर्भित करता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न

प्रिलिम्स:

प्रश्न. बेहतर नगरीय भविष्य की दिशा में कार्यरत संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र पर्यावास (UN-Habitat) की भूमिका के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं? (2017)

1. संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा संयुक्त राष्ट्र पर्यावास को आज्ञापित किया गया है कि वह सामाजिक एवं पर्यावरणीय दृष्टि से धारणीय ऐसे कस्बों और शहरों को संवर्द्धित करे जो सभी को पर्याप्त आश्रय प्रदान करते हों।

2. इसके साझीदार सिर्फ सरकारें या स्थानीय नगर प्राधिकरण ही हैं।

3. संयुक्त राष्ट्र पर्यावास, सुरक्षित पेय जल व आधारभूत स्वच्छता तक पहुँच बढ़ाने और गरीबी कम करने के लिये संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था के समग्र उद्देश्य में योगदान करता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) 1, 2 और 3

(b) केवल 1 और 3

(c) केवल 2 और 3

(d) केवल 1

उत्तर: (b)


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये- (2011)

भारत में महानगर योजना समिति

1. भारतीय संविधान के प्रावधानों के अंतर्गत गठित होती है।

2. उस महानगरीय क्षेत्र के लिये विकास योजना प्रारूप तैयार करती है।

3. उस महानगरीय क्षेत्र में सरकार की प्रायोजित योजनाओं को लागू करने का पूर्ण दायित्व पूरा करती है।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2

(c) केवल 1 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)


मेन्स:

प्रश्न. कई वर्षों से उच्च तीव्रता की वर्षा के कारण शहरों में बाढ़ की बारंबारता बढ़ रही है। शहरी क्षेत्रों में बाढ़ के कारणों पर चर्चा करते हुए इस प्रकार की घटनाओं के दौरान जोखिम कम करने की तैयारियों की क्रियाविधि पर प्रकाश डालिये। (2016)

प्रश्न. क्या कमज़ोर और पिछड़े समुदायों के लिये आवश्यक सामाजिक संसाधनों को सुरक्षित करने के द्वारा, उनकी उन्नति के लिये सरकारी योजनाएँ, शहरी अर्थव्यवस्थाओं में व्यवसायों की स्थापना करने में उनको बहिष्कृत कर देती हैं? (2014)

प्रश्न. भारत में नगरीय जीवन की गुणता की संक्षिप्त पृष्ठभूमि के साथ, 'स्मार्ट नगर कार्यक्रम' के उद्देश्य और रणनीति बताइए। (2016)

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