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भूगोल

कोलबेड मीथेन

  • 26 Nov 2019
  • 3 min read

प्रीलिम्स के लिये

कोलबेड मीथेन क्या है?

मेन्स के लिये

भारत की उर्जा आवश्यकता की पूर्ति में कोलबेड मीथेन की भूमिका

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्र सरकार ने राज्य द्वारा संचालित कोयला खदान से कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited-CIL) को आगामी दो से तीन वर्षों के लिये 2 एमएमएससीबी (Million Metric Standard Cubic Metres-MMSCB) प्रतिदिन कोलबेड मीथेन के उत्पादन का निर्देश दिया है।

मुख्य बिंदु:

  • कोलबेड मीथेन (Coalbed Methane-CBM) एक अपरंपरागत गैस का भंडार है। यह कोयले की चट्टानों में प्रत्यक्ष तौर पर मौजूद रहती है।
  • मीथेन गैस कोयले की परतों के नीचे पाई जाती है। इसे ड्रिल किया जाता है तथा नीचे उपस्थित भूमिगत जल को हटाकर इसे प्राप्त किया जाता है।
  • भारत कोयले के भंडार के मामले में विश्व में पाँचवें स्थान पर है तथा इस दृष्टिकोण से CBM स्वच्छ उर्जा का एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
  • पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (Directorate General of Hydrocarbon-DGH) के अनुसार, भारत में CBM भंडार लगभग 92 ट्रिलियन क्यूबिक फीट या 2,600 बिलियन क्यूबिक मीटर है।
  • देश के 12 राज्यों में कोयला तथा CBM भंडार पाए जाते हैं। जहाँ गोंडवाना निक्षेप (Gondwana Sediments) में यह बहुतायत में मौजूद है।
  • वर्तमान में CBM का उत्पादन झारखंड के रानीगंज, झरिया तथा बोकारो कोलफील्ड में होता है।
  • आगामी समय में सरकार दामोदर-कोयल घाटी तथा सोन घाटी में CBM के उत्पादन का कार्य प्रारंभ कर सकती है।

CBM का महत्त्व:

  • CBM का उपयोग विद्युत उत्पादन में, वाहनों के ईंधन में संपीडित प्राकृतिक गैस (Compressed Natural Gas-CNG) के तौर पर, खाद (Fertiliser) के निर्माण में किया जा सकता है।
  • इसके अलावा इसका प्रयोग औद्योगिक इकाइयों में जैसे- सीमेंट उद्योग, रोलिंग मिलों में, स्टील प्लांट तथा मीथेनॉल के उत्पादन में किया जा सकता है।
  • CBM एक स्वच्छ ईंधन है जो कि तुलनात्मक रूप से अन्य ईंधनों की अपेक्षा कम प्रदूषण उत्पन्न करता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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