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चिटे लुई नदी

  • 14 Jun 2023
  • 4 min read

मिज़ोरम में चिटे लुई नदी पहाड़ी पूर्वोत्तर राज्य के लोगों के लिये महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्त्व रखती है।

चिटे लुई नदी के संबंध में प्रमुख पहलू: 

  • परिचय:  
    • चिटे लुई नदी लगभग 1,000 मीटर की ऊँचाई पर एक जलोढ़ घाटी में स्थित है। यह नदी उत्तर आइज़ोल में बावंगकॉन रेंज से निकलती है और तुइरियल नदी में मिलने से पहले लगभग 20 किमी. तक बहती है।
  • चिटे लुई नदी के समक्ष मुख्य जोखिम और चुनौतियाँ:
    • शहरीकरण: आइज़ोल शहर के तीव्र विकास के कारण तट और यहाँ तक कि चिटे लुई नदी के तल पर भी अनियोजित निर्माण गतिविधियाँ देखी गई हैं।
      • कई घरों, दुकानों, गैराज, भोजनालयों और अन्य प्रतिष्ठानों की स्थापना नदी क्षेत्र में की गई हैं जिससे इस नदी की चौड़ाई एवं गहराई काफी कम हो गई है।
      • वनों की कटाई और भूमि उपयोग में परिवर्तन के कारण, नदी पर भी मृदा के कटाव तथा प्राकृतिक वनस्पतियों के नुकसान का प्रभाव पड़ता है। 
    • प्रदूषण: शहरी आबादी द्वारा उत्पन्न विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट के लिये नदी एक डंपिंग स्थल बन गई है।
      • प्रदूषण का नदी और उसके उपयोगकर्त्ताओं, जलीय जीवन, जैवविविधता तथा स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है।
  • चिटे लुई की सुरक्षा संबंधी पहल:  
    • ज़ोरम रिसर्च फाउंडेशन: यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जो मिज़ोरम में पारंपरिक जल प्रबंधन के लिये काम करता है।
      • इस संस्थान ने वर्ष 2007 में सर्वेक्षण, जागरूकता अभियान, सफाई अभियान और हिमायत कार्यक्रम चलाकर चिटे लुई नदी को बचाने की पहल शुरू की।
      • इसने प्रयासों का समन्वय करने हेतु स्थानीय नेताओं, कार्यकर्त्ताओं, विशेषज्ञों एवं स्वयंसेवकों से बनी सेव चिटे लुई समन्वय समिति का भी गठन किया।
    • चिटे लुई (जल प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 2018: यह मिज़ोरम सरकार द्वारा वर्ष 2018 में पारित एक कानून है जो जानवरों के शवों, जैव-चिकित्सा अपशिष्ट या किसी भी अपशिष्ट को नदी में फेंकने पर रोक लगाता है।
      • यह अधिनियम राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नदी की गुणवत्ता और मात्रा को प्रभावित करने वाली गतिविधियों की निगरानी एवं नियमन करने का अधिकार भी प्रदान करता है।
    • नदी बहाली परियोजना: यह मिज़ोरम सरकार द्वारा अतिक्रमण हटाने, प्राकृतिक वनस्पति को बहाल करने, चेक बाँधों का निर्माण करने, जल निकासी और सीवरेज सिस्टम में सुधार करने एवं नदी के किनारे मनोरंजक सुविधाओं का निर्माण करने हेतु चिटे लुई नदी को पुनर्जीवित करने के लिये शुरू की गई एक परियोजना है।

नोट:

  • मिज़ोरम की सबसे बड़ी नदी छिमतुईपुई (138.46 किमी लंबी) है। इसका उत्पत्ति स्थल म्याँमार, बर्मा है। नदी भागों में विभाजित है और इसकी चार सहायक नदियाँ हैं।  
  • मिज़ोरम की कुछ महत्त्वपूर्ण और रचनात्मक नदियाँ- त्लांग, तुइरियल और तुइवल हैं जो उत्तरी क्षेत्र से होकर गुज़रती हैं तथा अंततः असम में बराक नदी में मिल जाती हैं। 

स्रोत: डाउन टू अर्थ  

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