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भारतीय राजनीति

केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण

  • 17 Feb 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

CAT का सम्मेलन

मेन्स के लिये:

CAT से संबंधित मुद्दे:

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण’ (Central Administrative Tribunal-CAT) का अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया।

मुख्य बिंदु:

  • इस एक दिवसीय सम्मेलन में CAT की सभी 17 न्यायपीठों के न्यायिक तथा प्रशासनिक सदस्यों ने भाग लिया।
  • CAT बार एसोसिएशन के सदस्यों और प्रख्यात न्यायविदों ने अधिकरण से विभिन्न मुद्दों के साथ ही 2020 में अधिकरण की प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श किया।

चर्चा के प्रमुख मुद्दे:

  • इस सम्मेलन में CAT की संरचनात्मक व संस्थागत समस्याएँ, अन्य कानूनी प्रणालियों पर CAT के कामकाज का प्रभाव, अधिकरण की कार्यप्रणाली जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिये दो तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया।
  • उपर्युक्त मुद्दों के अलावा अधिनिर्णयन गुणवत्ता व निपटान-दर में सुधार के उपायों की पहचान करना, सदस्यों की सेवा शर्तों पर विचार, अधिकरण की न्यायपीठ की अवसंरचना आदि पर चर्चा की गयी

अधिकरण की उपलब्धियाँ:

  • सदस्यों की कमी के बावजूद मामलों के निपटान में CAT की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
  • CAT के अनेक निर्णय, देश में सेवा क्षेत्र के विकास की दिशा में मील के पत्थर साबित हुए हैं।

नवीन पहलों की आवश्यकता: सम्मेलन में निम्नलिखित पहलों की आवश्यकता पर बल दिया गया है जहाँ अविलंब सुधार करना है:

  • CAT को आंतरिक न्यायिक अधिप्रभाव मूल्यांकन (In-house Judicial Impact Assessment) की आवश्यकता है।
  • वर्तमान में अधिकांश कानून अस्पष्टता के दायरे में हैं जहाँ शासन में अधिक पारदर्शिता व सरकार के प्रति प्रतिबद्धता के लिये न्याय-शास्त्र की शिक्षा व प्रशिक्षण दिये जाने की आवश्यक है।
  • अधिकरण के कामकाज में तेज़ी लाने के लिये कृत्रिम-बुद्धिमता के उपयोग की आवश्यकता है।
  • 'अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार' (Maximum Governance, Minimum Government) के प्रति प्रतिबद्धता की ज़रूरत है।
  • ‘प्रदर्शन, सुधार और कायाकल्प’ (Perform, Reform, and Transform) सिद्धांत की प्राप्ति की दिशा में सेवा शर्तों के विभिन्न पहलुओं में सुधार लाने हेतु महत्त्वपूर्ण प्रयास किये जाने की आवश्यकता है।
  • CAT पिछले कुछ वर्षों में शिकायत-मुक्त सेवा वितरण प्रणाली की प्राप्ति की दिशा में सरकार का एक आवश्यक अंग रहा है और इसी दिशा में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम तथा अन्य सेवाओं के मामलें में अनेक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन किये गए हैं।
  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायाधिकरण के सदस्यों की सेवा शर्तों के बारे में बताते हुए इस बात पर भी ज़ोर दिया कि सदस्यों का कार्यकाल पर्याप्त अवधि का होना का होना चाहिये।
  • सेवा संबंधी मामलों में मुकदमेबाजी वर्तमान में काफी बढ़ गई है। CAT में लगभग 50,000 मामले लंबित हैं, अतः मामलों में कमी लाने के लिये निर्णय स्पष्ट, तर्कपूर्ण और संक्षिप्त होने चाहिये तथा न्यायिक आदेशों को सभी तथ्यों, संबंधित कानूनों और पूर्ववर्ती फैसलों को ध्यान में रखकर जारी करना चाहिये।

सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training-DoPT) के समन्वय से इन सुझावों को आगे बढ़ाया जाएगा।

स्रोत: PIB

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