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आंतरिक सुरक्षा

सीसीटीएनएस हैकथॉन और साइबर चैलेंज

  • 06 Feb 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के दूसरे CCTNS हैकथॉन और साइबर चैलेंज (CCTNS Hackathon & Cyber Challenge), 2020-21 का उद्घाटन समारोह का आयोजन नई दिल्ली में किया गया था।

प्रमुख बिंदु

पृष्ठभूमि:

  • यह हैकथॉन मार्च 2020 में संपन्न हुए हैकथॉन एंड साइबर चैलेंज की निरंतरता में संपन्न हुआ।
  • सीसीटीएनएस हैकथॉन और साइबर चैलेंज, 2020-21 का प्रमुख उद्देश्य पुलिसकर्मियों की विश्लेषणात्मक क्षमता तथा समझ को बढ़ाना है जिससे वे नए खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिये स्मार्ट रणनीति बनाने में सक्षम हो सकें।

2 सीसीटीएनएस हैकथॉन और साइबर चैलेंज के विषय में:

  • पुलिस अधिकारी, विशेष रूप से अत्याधुनिक शिक्षाविद, उद्योग, छात्रों और अन्य को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिये आमंत्रित किया जा रहा है ताकि मौजूदा आईटी एप्लीकेशन्स में सुधार करने तथा सीसीटीएनएस पारितंत्र में सुधार के लिये नए आईटी एप्लीकेशन्स की पहचान करने में मदद मिल सके।
  • इस समारोह के दौरान मोबाइल एप- "लॉकेट नियरेस्ट पुलिस स्टेशन" (Locate Nearest Police Station) भी लॉन्च किया गया था।
    • यह विशेष रूप से किसी भी आपात स्थिति के दौरान महिला यात्रियों, अंतर्राज्यीय यात्रियों, घरेलू और विदेशी पर्यटकों आदि सहित विभिन्न उपयोगकर्त्ताओं को मदद करेगा। इस एप में 112 नंबर डायल करने की सुविधा दी गई है। यह नागरिकों तक पुलिस की पहुँच में सुधार की दिशा में एक अन्य महत्त्वपूर्ण कदम है।
    • यह एनसीआरबी द्वारा प्रदान की जा रही अन्य केंद्रीय नागरिक सेवाओं जैसे- "मिसिंग पर्सन सर्च", "जनरेटेड व्हीकल एनओसी", "घोषित अपराधियों की जानकारी" और राज्य नागरिक पुलिस पोर्टल द्वारा उपलब्ध कराई जा रही विभिन्न अन्य सेवाओं को एकीकृत करेगा।

अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और प्रणाली

पृष्ठभूमि:

  • अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और प्रणाली (CCTNS) की कल्पना कॉमन इंटीग्रेटेड पुलिस एप्लीकेशन (CIPA) के अनुभव से की गई है।

लॉन्च:

  • अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और प्रणाली (Crime & Criminals Tracking Network and Systems-CCTNS) वर्ष 2009 मे राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्लान के तहत स्थापित एक मिशन मोड प्रोजेक्ट है।
  • इसे 6000 उच्च पुलिस कार्यालयों के अलावा पूरे देश में लगभग 14,000 पुलिस स्टेशनों में शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया है।

उद्देश्य:

  • पुलिस स्टेशनों और अन्य पुलिस कार्यालयों की कार्यवाहियों को नागरिक अनुकूल, पारदर्शी, जवाबदेह, कुशल और प्रभावी बनाना।
  • सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से नागरिक केंद्रित सेवाओं के वितरण में सुधार करना।
  • अपराध और अपराधियों की सटीक एवं तीव्रता से जाँच के लिये जाँच अधिकारियों को आधुनिक उपकरण, तकनीक और जानकारियाँ प्रदान करना।

हाल की कुछ पहलें:

  • सीसीटीएनएस डेटाबेस के उपयोग के लिये राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (NATGRID) और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए हैं।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो

  • NCRB की स्थापना केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत वर्ष 1986 में इस उद्देश्य से की गई थी कि भारतीय पुलिस में कानून व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये पुलिस तंत्र को सूचना प्रौद्योगिकी समाधान और आपराधिक गुप्त सूचनाएँ प्रदान करके समर्थ बनाया जा सके।
  • NCRB नीति संबंधी मामलों और अनुसंधान हेतु अपराध, दुर्घटना, आत्महत्या और जेल संबंधी डेटा के प्रामाणिक स्रोत के लिये नोडल एजेंसी है।
  • NCRB ‘भारत में अपराध’, ‘दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और आत्महत्या’, ‘जेल सांख्यिकी’ तथा फिंगर प्रिंट पर 4 वार्षिक प्रकाशन जारी करता है।
  • बाल यौन शोषण से संबंधित मामलों की अंडर-रिपोर्टिंग के चलते वर्ष 2017 से NCRB ने बाल यौन शोषण के आँकड़ों को भी एकत्रित करना प्रारंभ किया है।
  • NCRB को वर्ष 2016 में इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा ‘डिजिटल इंडिया अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया था।
  • भारत में पुलिस बलों का कंप्यूटरीकरण वर्ष 1971 में प्रारंभ हुआ। NCRB ने CCIS (Crime and Criminals Information System) को वर्ष 1995 में, CIPA (Common Integrated Police Application) को वर्ष 2004 में और अंतिम रूप में CCTNS को वर्ष 2009 में प्रारंभ किया।

स्रोत: पी.आई.बी.

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