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एंटी रेडिएशन पिल्स

  • 01 Sep 2022
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये:

पोटेशियम आयोडाइड, थायराइड ग्रंथि, डब्ल्यूएचओ।

मेन्स के लिये:

एंटी-रेडिएशन पिल्स।

चर्चा में क्यों?

यूक्रेन के ज़पोरिज्ज़िया बिजली संयंत्र में एक परमाणु आपदा की आशंका के कारण यूरोपीय संघ ने उसके आसपास के निवासियों के बीच वितरित करने के लिये 5.5 मिलियन एंटी-रेडिएशन गोलियों की आपूर्ति करने का फैसला किया है।

रेडिएशन इमरजेंसी:

  • ये अनियोजित या आकस्मिक घटनाएँ हैं जो मनुष्यों और पर्यावरण के लिये रेडियो-परमाणु खतरा पैदा करती हैं।
  • ऐसी स्थितियों में रेडियोधर्मी स्रोत से विकिरण जोखिम शामिल होता है और खतरे को कम करने के लिये तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।
  • ऐसी आपात स्थिति से निपटने में विकिरण रोधी गोलियों का उपयोग भी किया जाता है।

एंटी रेडिएशन पिल्स:

  • पोटेशियम आयोडाइड (KI) की गोलियाँ या विकिरण रोधी गोलियाँ, विकिरण जोखिम के मामलों में कुछ सुरक्षा प्रदान करने के लिये जानी जाती हैं।
  • इनमें गैर-रेडियोधर्मी आयोडीन होता है और यह थायरॉयड ग्रंथि में रेडियोधर्मी आयोडीन को और बाद में सांद्रता को अवरुद्ध करने में मदद कर सकता है।

पिल्स का कार्य:

  • विकिरण रिसाव के बाद, रेडियोधर्मी आयोडीन वायु में फैल जाता है तथा भोजन, जल और मृदा को दूषित करता है।
  • आंतरिक जोखिम या विकिरण तब होता है जब रेडियोधर्मी आयोडीन शरीर में प्रवेश करता है और थायरॉयड ग्रंथि में जमा हो जाता है।
    • थायरॉयड ग्रंथि, शरीर के चयापचय को नियंत्रित करने के क्रम में हार्मोन का उत्पादन करने के लिये आयोडीन का उपयोग करती है, यह ग्रंथि गैर-रेडियोधर्मी और रेडियोधर्मी आयोडीन के मध्य विभेद करने में सक्षम नहीं होती है।
  • पोटैशियम आयोडाइड (KI) की टैबलेट 'थायरॉयड ब्लॉकिंग' के लिये इसी पर निर्भर करती हैं।
  • विकिरण के संपर्क में आने से कुछ घंटे पहले या उसके तुरंत बाद ली गई पोटैशियम आयोडाइड (KI) की टैबलेट यह सुनिश्चित करती हैं कि गैर-रेडियोधर्मी आयोडीन थायराइड ग्रंथि में पूरी तरह से अपना स्थान घेर ले।
  • इससे थायराइड ग्रंथि पूर्णतः भर जाती है और अगले 24 घंटों के लिये किसी भी स्थिर या रेडियोधर्मी आयोडीन को अवशोषित नहीं कर सकती है।
  • लेकिन पोटेशियम आयोडाइड गोलियाँ केवल निवारक औषधि हैं जो विकिरण द्वारा थायरॉयड ग्रंथि को हुई किसी भी क्षति की क्षतिपूर्ति नहीं कर सकती हैं।
  • एक बार जब थायरॉयड ग्रंथि रेडियोधर्मी आयोडीन को अवशोषित कर लेती है तो उस व्यक्ति में थायराइड कैंसर होने का खतरा अधिक होता है।

विधि पूर्णतः सुरक्षित:

  • एंटी-रेडिएशन पिल्स 100% सुरक्षा प्रदान नहीं करती हैं।
  • पोटेशियम आयोडाइड की प्रभावशीलता इस बात पर निर्भर करती है कि शरीर में कितना रेडियोधर्मी आयोडीन है और यह कितनी जल्दी शरीर में अवशोषित हो जाता है।
  • साथ ही पिल्स हर उम्र के लोगों के लिये उपलब्ध नहीं हैं। इसे केवल 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों के लिये अनुशंसित किया गया है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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