दृष्टि आईएएस अब इंदौर में भी! अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें |   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


भारतीय अर्थव्यवस्था

तीन बैंकों के विलय को स्‍वीकृति

  • 03 Jan 2019
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?


प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक तथा देना बैंक के विलय (amalgamation) की योजना को अपनी मंज़ूरी दे दी है।

प्रमुख बिंदु

  • विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा हस्‍तांतरिती (transferee) बैंक होगा जबकि विजया बैंक तथा देना बैंक हस्‍तांतरणकर्त्ता बैंक (transferor banks) होंगे।
  • यह भारत में बैंकों का पहला त्रिपक्षीय विलय होगा।
  • विलय के बाद यह बैंक भारत का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक होगा।
  • विलय की यह योजना 1 अप्रैल, 2019 से प्रभावी होगी।
  • योजना शुरू होने पर हस्‍तांतरणकर्त्ता बैंकों के सभी व्‍यवसाय, परिसम्‍पत्तियाँ (assets), अधिकार, स्‍वामित्‍व (titles), दावे, लाइसेंस, स्‍वीकृतियाँ, अन्‍य विशेषा‍धिकार और सभी उधारी (borrowings), देनदारियाँ (liabilities) एवं दायित्‍व (obligations) हस्‍तांतरिती बैंक को हस्‍तांतरित कर दिये जाएंगे।
  • हस्‍तांतरणकर्त्ता बैंक के सभी स्‍थायी और नियमित अधिकारी या कर्मचारी हस्‍तांतरिती बैंक में अधिकारी और कर्मचारी होंगे। हस्‍तांतरिती बैंक द्वारा दिये जाने वाले वेतन (pay) और भत्‍ते (allowance) हस्‍तांतरणकर्त्ता बैंकों के वेतन और भत्‍ते से कम नहीं होंगे।
  • हस्‍तांतरिती बैंक का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि हस्‍तांतरित होने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के हित सुरक्षित हों।
  • हस्‍तांतरिती बैंक हस्‍तांतरणकर्त्ता बैंक के शेयर धारकों को शेयर विनिमय अनुपात (Share Exchange Ratio) के अनुसार शेयर जारी करेगा। हस्‍तांतरिती बैंक तथा हस्‍तांतरणकर्त्ता बैंकों के शेयर धारकों को शेयर विनिमय अनुपात के संबंध में कोई शिकायत है होने पर वे उसे विशेषज्ञ समिति के माध्‍यम से उठाने में सक्षम होंगे।

विलय से होने लाभ

  • इस विलय से एक मज़बूत वैश्विक स्पर्द्धी बैंक बनाने में मदद मिलेगी।
  • आकार और आपसी समन्‍वय की दृष्टि से बैंक को एक-दूसरे के नेटवर्कों, कम लागत की जमा (low-cost deposits) और तीनों बैंकों की सहायक संस्‍थाओं की शक्तियों का लाभ मिलेगा और उपभोक्‍ता आधार, बाज़ार पहुँच, संचालन क्षमता (operational efficiency), उत्‍पाद और सेवा आधार में बढ़ोतरी होगी।

विलय के बाद बैंक की शक्तियाँ

  • विलय के बाद बैंक बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था की ऋण ज़रूरतों को पूरा करने, किसी प्रकार के नुकसान (shocks) को सहन करने और संसाधन बढ़ाने की क्षमता को पूरा करने में बेहतर तरीके से लैस होगा।
  • बैंक के व्‍यवसाय का आकार बढ़ेगा साथ ही व्‍यापकता, मुनाफा, व्‍यापक उत्‍पाद पेशकश, टेक्नोलॉजी अपनाने और श्रेष्‍ठ व्‍यवहारों की दृष्टि से सुधार होगा तथा व्‍यापक पहुँच के माध्‍यम से लागत क्षमता, उन्नत जोखिम प्रबंधन और वित्‍तीय समावेश सुनिश्चित होगा।
  • विलय से वैश्विक बैंकों की तुलना में यह बड़े आकार का बैंक बनेगा जो भारत के साथ ही विश्‍व स्तर पर भी प्रभावी स्पर्द्धा करने में सक्षम होगा।
  • प्रत्‍येक बैंक की व्यक्तिगत स्थिति – जैसे कम लागत वाले CASA (Current Account Saving Account) जमा में देना बैंक की ऊँची पहुँच, विजया बैंक का मुनाफा और पूंजी उपलब्‍धता तथा बैंक ऑफ बड़ौदा की व्‍यापकता, वैश्विक नेटवर्क और पेशकश से बाज़ार पहुँच, संचालन क्षमता तथा व्‍यापक उत्‍पाद और सेवा देने के संदर्भ में लाभ होगा।
  • बैंकों के विलय के बाद प्रतिभा का व्‍यापक पूल सुनिश्चित होगा और बड़ा डेटाबेस उपलब्ध होगा जिसका फायदा तेज़ी से डिजिटलीकृत हो रही बैंकिंग प्रणाली में स्पर्द्धी लाभ लेने के लिये उठाया जा सकता है। व्‍यापक पहुँच के कारण लाभ में वृद्धि होगी। वितरण नेटवर्क बढ़ेगा और सहायक संस्‍थाओं के उत्‍पाद एवं सेवाओं के वितरण लागत में कमी आएगी।
  • जन-साधारण की पहुँच मज़बूत नेटवर्क के माध्‍यम से व्‍यापक बैंकिंग सेवाओं तक होगी और उन्‍हें विभिन्‍न प्रकार के उत्‍पाद सेवाएँ मिलेंगी तथा उनके लिये ऋण प्राप्त करने में सहजता होगी।
  • बड़े पैमाने पर जनता को एक मज़बूत नेटवर्क, उत्पाद और सेवाओं की व्यापक पेशकश का समर्थन करने की क्षमता और क्रेडिट तक आसान पहुँच के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं तक जनता की पहुँच बढ़ाने के संदर्भ में लाभ होगा।

स्रोत : पी.आई.बी

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow