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जैव विविधता और पर्यावरण

वायु प्रदूषण और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)

  • 11 Oct 2019
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण, विश्व स्वास्थ्य संगठन।

मेन्स के लिये:

GRAP के तकनीकी पक्ष और इसकी आवश्यकता।

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) के चेयरमैन ने दिल्ली एनसीआर में 15 अक्तूबर, 2019 से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान को कुछ नए मानकों के साथ लागू करने की घोषणा की है।

प्रमुख बिंदु:

  • पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) के चेयरमैन ने कहा है कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (Graded Response Action Plan-GRAP) के तहत दिल्ली-एनसीआर में 15 अक्तूबर, 2019 से 15 मार्च, 2020 डीज़ल जनरेटर पूरी तरह बंद रहेंगे। इससे किसी को छूट नहीं दी जाएगी।
  • ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू करने की सबसे बड़ी वजह यह है कि सर्दियों में पेट्रोल-डीज़ल से चलने वाले वाहनों से निकलने वाले धुंए के प्रदूषणकारी कण हवा में नीचे बैठ जाते हैं। पानी पर भी इन कणों के जम जाने से एक गैस चैंबर जैसी स्थिति बन जाती है।
  • ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के अन्य सभी उपाय 2016 में तय और 2017 में लागू हुए थे। परन्तु पर्यावरण प्रदूषण के क्षेत्र में कार्य कर रहे कुछ पर्यावरण विज्ञानियों ने दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण की विकरालता देखते हुए नए मानकों को जोड़ने का निर्णय लिया है।

क्या है ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान?

  • ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान को वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी थी तथा यह 2017 में पहली बार लागू हुआ था।
  • यह केवल उस समय आपातकालीन उपाय के रूप में काम करता है जब वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो जाती है।
  • इस प्रकार, इस योजना में औद्योगिक, वाहन और दहन उत्सर्जन से निपटने के लिये विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा वर्ष भर की जाने वाली कार्रवाई शामिल नहीं है।
वायु प्रदूषण की स्थितियों को देखते हुए इसके कुछ मानक तय किये गये हैं -

गंभीर+ या आपातकाल: (पीएम 2.5 ,300 µg/घन मीटर से अधिक या PM10, 500µg/घन मीटर से अधिक: 48+ घंटे के लिये)

  • दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश बंद (आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर)।
  • निर्माण कार्य बंद।
  • निजी वाहनों के लिये विषम/सम योजना का प्रारंभ।
  • स्कूलों को बंद करने सहित कोई अतिरिक्त कदम तय करने के लिये टास्क फोर्स का निर्माण

गंभीर: (PM 2.5, 250 µg/घन मीटर से अधिक या PM10, 430µg/घन मीटर से अधिक।)

  • ईंट भट्टों, हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर को बंद कर दिया जाता है।
  • कोयला से प्रदूषण कम करने के लिये प्राकृतिक गैस से बिजली उत्पादन अधिकतम करने का प्रयास।
  • अलग अलग दरों वाले सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करना।
  • सड़क की लगातार सफाई और पानी का छिड़काव करना।

बहुत खराब: (PM2.5 ,121-250 µg/cubic Meter या PM10, 351-430 µg/घन मीटर)

  • डीज़ल जनरेटर सेट का उपयोग बंद करना।
  • पार्किंग शुल्क 3-4 गुना बढ़ाना।
  • बस और मेट्रो सेवाओं में वृद्धि।
  • अपार्टमेंट के मालिक सर्दियों के दौरान इलेक्ट्रिक हीटर प्रदान करके सर्दियों में जलती हुई आग/अलाव को हतोत्साहित करना।
  • श्वसन और हृदय संबंधी बीमारी वाले लोगों को बाहर न निकलने की सलाह।

औसत से खराब-(PM2.5, 61-120 µg/cubic.Meter या PM10, 101-350µg/घन मीटर)

  • कचरा जलाने पर भारी ज़ुर्माना।
  • ईंट भट्टों और उद्योगों को बंद करना और प्रदूषण नियंत्रण नियमों को लागू करना।
  • भारी यातायात और पानी के छिड़काव के साथ सड़कों पर मशीन द्वारा सफाई।
  • पटाखों पर सख्ती से प्रतिबंध लागू करना।

पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण

Environment Pollution (prevention and control) Authority

पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) सर्वोच्च न्यायालय के आदेश द्वारा अधिसूचित एक संस्था है जोकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण को कम करने के लिये उपाय सुझाने का कार्य करती है। इसकी अधिसूचना पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत 1998 में जारी की गयी थी। यह प्रदूषण के स्तर को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू करने का कार्य भी करती है।

स्रोत- द इंडियन एक्सप्रेस

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