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प्रौद्योगिकी

नीति आयोग और एबीबी के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने हेतु समझौता

  • 29 May 2018
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

नीति आयोग और एबीबी इं‍डिया द्वारा उन्‍नत विनिर्माण प्रौद्योगिकियों के माध्‍यम से ‘मेक इन इं‍डिया’ के तहत एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किये गए। इसके अंतर्गत रोबोटिक्‍स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति को समावेशित करने पर बल दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • नीति आयोग बिजली, जल सुविधाओं, खाद्य एवं भारी उद्योग जैसे उद्योगों, परिवहन (रेल एवं मेट्रो) एवं बुनियादी ढाँचे जैसे अर्थव्‍यवस्‍था के विभिन्‍न क्षेत्रों में एबीबी के साथ मिल कर कार्य करेगा, जिससे कि इंटरनेट ऑफ थिंग्‍स (आईओटी) एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रौद्योगिकियों को समावेशित करते हुए डिजिटलीकरण के लिये समाधान सुझाए जा सकें।
  • नीति आयोग और एबीबी संयुक्‍त रूप से सरकार के मंत्रालयों के साथ काम करेंगे, उनके लिये मह त्त्‍वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित सूचनाएँ प्राप्‍त करेंगे तथा औद्योगिक ऑटोमेशन एवं डिजिटलीकरण प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए समाधानों पर चर्चा करेंगे।
  • यह करार, जिसमें एबीबी के विश्‍व स्‍तरीय केन्‍द्रों में डिजिटलीकरण की अंत: क्षेत्रवार समझ शामिल है, भारत में प्रमुख क्षेत्रों में प्रगति को प्रेरित करने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।
  • इस समझौते के माध्‍यम से नीति आयोग, एबीबी इंडिया द्वारा आयोजित कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नीति-निर्माताओं एवं सरकारी पदाधिकारियों की भागीदारी सुगम बनाएगा।
  • इस करार के तह, सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारियों के लिये पहली कार्यशाला का आयोजन जून 2018 में बेंगलूरू में एबीबी एबिलिटी इनोवेशन सेन्‍टर में किया जाएगा।
  • इस कार्यशाला के लिये केन्‍द्र, राज्‍य सरकारों एवं स्‍वायत्‍त शासी निकायों से वरिष्‍ठ अधिकारियों का नामांकन किया जाएगा। ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन भविष्‍य में बिजली, शहरी विकास एवं परिवहन जैसे अन्‍य क्षेत्रों में भी किया जाएगा।

नीति आयोग एबीबी के सहयोग से इस वर्ष दिसंबर तक कार्यशालाओं से प्राप्‍त फीडबैक पर आधारित नीति अनुशंसाओं पर एक रिपोर्ट भी प्रकाशित करेगा। कार्यशालाओं एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन एबीबी एबिलिटी इनोवेशन सेन्‍टर में किया जाएगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता।
  • इसके ज़रिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार, यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है अर्थात् यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित किया गया इंटेलिजेंस है। 
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट या फिर मनुष्य की तरह इंटेलिजेंस तरीके से सोचने वाला सॉफ़्टवेयर बनाने का एक तरीका है। 
  • यह, इसके बारे में अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सीखता है, कैसे निर्णय लेता है और कैसे काम करता है?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार

  • पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक (Purely Reactive)
  • सीमित स्मृति (Limited Memory)
  • मस्तिष्क सिद्धांत (Brain Theory)
  • आत्म-चेतन (Self Conscious)

एबीबी के विषय में

  • इसका पूरा नाम ASEA Brown Boveri है। यह एक स्विस-स्वीडिश बहुराष्ट्रीय निगम (Swedish-Swiss multinational corporation) है, यह मुख्य रूप से ऊर्जा और स्वचालन के क्षेत्र में कार्यरत निगम है।
  • इसका मुख्यालय ज़्यूरिख़ (स्विटज़रलैंड) में है।
  • यह विश्व की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग एवं सामूहिक कंपनियों में से एक है। एबीबी विश्व के लगभग 100 देशों में कार्यरत है।
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