लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

वृक्षों के सम्बन्ध में प्रथम वैश्विक आँकड़े जारी

  • 06 Apr 2017
  • 3 min read

गौरतलब है कि लंदन स्थित अंतर्राष्ट्रीय वनस्पति संरक्षण उद्यान द्वारा 5 अप्रैल 2017 को वृक्षों के सम्बन्ध में प्रथम वैश्विक आँकड़े जारी किये गए। इन आँकड़ों के आधार पर यह ज्ञात हुआ कि पृथ्वी पर वृक्षों की कुल 60,065 प्रजातियाँ हैं तथा इनमें से 9,600 प्रजातियाँ विलुप्तिकरण के खतरे से जूझ रही हैं।

प्रमुख बिंदु

  • लंदन स्थित अंतर्राष्ट्रीय वनस्पति संरक्षण उद्यान (Botanic Gardens Conservation International- BGCI) विश्व के 2,500 वनस्पति संरक्षण उद्यानों का प्रतिनिधित्व करता है। 
  • उद्यान ने इस सूची को बनाने में 500 प्रकाशित स्रोतों के आँकड़ों का प्रयोग किया। 
  • ध्यातव्य है कि वृक्षों की 60,065 प्रजातियों में से मात्र 20,000 प्रजातियों को ही संरक्षण का दर्जा प्राप्त है। इन 20,000 प्रजातियों में से भी 9,600 प्रजातियाँ वनोन्मुलन और अत्यधिक दोहन के कारण विलुप्तिकरण के खतरे से जूझ रहीं हैं। विदित हो कि वर्तमान में वृक्षों की लगभग 10,000 प्रजातियाँ विलुप्ति के कगार पर हैं।
  • इस अध्ययन में लगभग 300 प्रजातियों की पहचान गंभीर संकटग्रस्त प्रजाति के रूप में की गई है क्योंकि जंगलों में इन प्रजातियों के केवल 50 वृक्ष ही शेष बचे हैं।
  • इस अध्ययन में पाया गया कि एक देश में वृक्षों की आधे से अधिक (58%) प्रजातियाँ स्थानिक थी। इस अध्ययन में यह सामने आया कि ये सभी मौसमी घटनाओं अथवा मानवीय गतिविधियों के कारण होने वाले वनोन्मूलन जैसे खतरे के प्रति संवेदनशील थीं।

इस सूची को प्रकाशित करने के पीछे बी.जी.सी.आई. का मुख्य उद्देश्य उन लोगों के लिये आवश्यक आँकडे व साधन उपलब्ध कराना था जो वृक्ष की दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों का संरक्षण करने का प्रयास कर रहे हैं। इस अध्ययन का एक मुख्य लक्ष्य वृक्षों की प्रजातियों को भू-संदर्भित करना है जो संरक्षणकर्ताओं को विशिष्ट प्रजातियों के स्थान का पता लगाने में मदद करेगा। इनके स्थान की जानकारी मिलने से ( जैसे-ये वृक्ष कौन से देश में होते हैं) इनका संरक्षण किया जा सकेगा। यह अध्ययन लाभकारी सिद्ध हो सकता है परन्तु इसके लिये वृक्षों की प्रजातियों का मूल्यांकन कर इनकी वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2