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डेली न्यूज़

आंतरिक सुरक्षा

विंटर डीज़ल

  • 06 Jul 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

विंटर डीज़ल, फ्यूल एडिटिव्स

मेन्स के लिये:

विंटर डीज़ल का सामरिक दृष्टि से महत्त्व 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने लद्दाख जैसे ऊँचाई वाले क्षेत्रों में सशस्त्र बलों द्वारा विंटर डीज़ल के उपयोग हेतु ‘गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय(Directorate General of Quality Assurance- DGQA) से अनुमोदन मांगा है। 

प्रमुख बिंदु

  • IOC ने विंटर डीज़ल को वर्ष 2019 में लद्दाख, कारगिल, काज़ा और कीलोंग जैसे ऊँचाई वाले क्षेत्रों में एक तकनीकी समाधान के रूप में पेश किया गया था। उल्लेखनीय है कि इन क्षेत्रों में चरम मौसमी परिस्थितियों के दौरान वाहनों में डीजल के जमने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। 
  • विंटर डीज़ल इस समस्या से निपटने में कारगर साबित होता है क्योंकि -30 डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान पर इसका उपयोग कर पाना संभव है। 

गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय

  • गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (Directorate General of Quality Assurance- DGQA) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। 
  • यह महानिदेशालय सशस्त्र बलों को आपूर्ति किये जाने वाले हथियारों, गोला-बारूद, उपकरणों की पूरी श्रृंखला के लिये गुणवत्ता आश्वासन (Quality Assurance- QA) प्रदान करता है।

विंटर डीज़ल क्या है?

  • विंटर डीज़ल एक विशेष श्रेणी का ईंधन है जो ठंड के मौसम में जमता नहीं है। विंटर डीज़ल की चिपचिपाहट को कम करने के लिये इसमें ‘फ्यूल एडिटिव्स’ (Fuel Additives) का उपयोग किया जाता है। 
    • वाहनों के माइलेज की समस्या, डीज़ल या पेट्रोल इस्तेमाल करने से वाहनों के फ्यूल इंज़ेक्टर्स पर कार्बन का जम जाना इत्यादि के समाधान के तौर पर भी फ्यूल एडिटिव्स (Fuel Additives) का प्रयोग किया जाता है। 
  • इस डीज़ल में सल्फर की मात्रा भी कम रहती है जो इंजनों को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करती है। 
  • विशेषज्ञों के अनुसार, इस डीज़ल की सीटेन रेटिंग भी काफी उच्च है। सीटेन रेटिंग 'डीज़ल की दहन गति' और 'इग्निशन के लिये आवश्यक संपीडन' का सूचक होता है। 
  • कई बार डीज़ल को जमने से रोकने के लिये लोगों द्वारा इसमें केरोसिन मिलाकर इसका इस्तेमाल किया जाता है जो वायु प्रदूषण की समस्या को बढ़ावा देता है। 
  • वर्तमान समय में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) तथा दूसरी तेल विपणन कंपनियाँ जैसे- भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Bharat Petroleum Corporation Limited-BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Hindustan Petroleum Corporation Limited- HPCL) इन क्षेत्रों में सेना के लिये स्पेशल डीज़ल सप्लाई करती हैं।
  • इस डीज़ल में हाई सल्फर पौर पॉइंट (High sulphur Pour Point) होता है जिसके चलते इस डीज़ल का प्रयोग -30 डिग्री सेल्सियस तक किया जा सकता है।

महत्त्व 

  • वर्तमान समय में जब चीन- भारत के बीच लद्दाख क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है ऐसी स्थिति में सेना को विंटर डीज़ल की आपूर्ति सामरिक मोर्चे पर भारतीय सेना की स्थिति को मज़बूती प्रदान करेगी। 
  • यह डीजल लद्दाख एवं अन्य दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में सेना के साथ-साथ आम लोगों के लिये भी उपयोगी साबित होगा। इससे सर्दियों के मौसम में भी पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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