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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज़ दिवस, 2017

  • 12 Dec 2017
  • 10 min read

चर्चा में क्यों ?

12 दिसंबर संपूर्ण विश्व में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज़ दिवस के रूप में मानाया जा रहा है।  इस अवसर पर भारत में भी कईं कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज़ के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिये विभिन्न पहलों का शुभारंभ किया गया है। इस अवसर पर स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ‘लक्ष्‍य - प्रसव कक्ष गुणवत्ता सुधार पहल’ (Labour Room Quality Improvement Initiative – LaQshya) का शुभारंभ किया गया। 

  • ‘लक्ष्‍य’ नामक इस पहल को परिधीय क्षेत्रों (peripheral areas) में शिशुओं के सामान्य एवं जटिल प्रसव का प्रबंधन करने वाले स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारियों के लिये शुरू की गई एक सुरक्षित प्रसव मोबाइल एप (Safe Delivery Mobile Application) है। 
  • इसके साथ-साथ प्रसूति उच्च निर्भरता इकाइयों (Obstetric High Dependency Units - HDUs) एवं गहन देखभाल इकाइयों (Intensive Care Units - ICUs) के लिये परिचालन दिशा-निर्देश भी जारी किये गए।

प्रमुख बिंदु

  • देश में स्वास्थ्य व्यवस्था के संदर्भ में यह वर्ष इसलिये भी विशेष अहमियत रखता है, क्‍योंकि इस वर्ष राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य नीति 2017 को भी मंजू़री प्रदान की गई है, जिसमें किसी प्रकार की वित्तीय कठिनाई के बगैर ही स्‍वास्‍थ्‍य के उच्‍चतम संभव स्‍तर की प्राप्ति की परिकल्‍पना की गई है। 
  • सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज़ की परिकल्पना को पूर्ण करने के उद्देश्य से ही वर्ष 2014 में मिशन इन्‍द्रधनुष कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था। यह अभी तक की सबसे बड़ी वैश्विक सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य पहलों में से एक है। 
  • अभी तक मिशन इन्‍द्रधनुष कार्यक्रम के चार चरण पूरे हो चुके हैं। इसके अंतर्गत तकरीबन 528 से भी अधिक ज़िलों के 25 मिलियन बच्‍चें लाभान्वित हो चुके हैं। सरकार द्वारा इसके अंतर्गत टीकों की संख्‍या में बढ़ोतरी करने पर भी ध्‍यान केन्द्रित किया जा रहा है। 
  • इसके अतिरिक्त इसके तहत रोटावायरस टीका, न्यूमोकोकल संयुग्म वैक्सीन (Pneumococcal Conjugate Vaccine - PCV) और खसरा-रूबेला (Measles-Rubella - MR) वैक्सीन के साथ-साथ वयस्कों के लिये जेई टीके को भी लॉन्च किया गया है।
  • भारत सरकार द्वारा सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज़ के लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री डायलिसिस कार्यक्रम’ (Pradhan Mantri Dialysis Program) का भी शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम के तहत 1.43 लाख मरीज़ों को 1,069 डायलिसिस इकाइयों के माध्यम से नि:शुल्‍क सेवाएँ उपलब्ध कराई गईं।

भविष्य की योजनाएँ

  • इन सबके अतिरिक्त सरकार की योजना व्‍यापक प्राथमिक देखभाल सुलभ कराने के लिये करीबन 1.5 लाख उप-सेवा केंद्रों को स्‍वास्‍थ्‍य एवं वेलनेस केंद्रों में तब्‍दील करने की है। 
  • वस्तुत: स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्‍वास्थ्य एवं वेलनेस केंद्रों के ज़रिये व्‍यापक प्राथमिक स्वास्‍थ्‍य देखभाल का प्रावधान करने की दिशा में बहुत से प्रयास किये जा रहे है।
  • सार्वभौमिक स्‍वास्‍थ्‍य कवरेज़ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट करते हुए भारत सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2017-18 के लिये स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के बजट में 27.7 प्रतिशत की वृद्धि की है।

“लक्ष्‍य - प्रसव कक्ष गुणवत्ता सुधार पहल”

माँ एवं नवजात शिशुओं की उच्च मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से शिशुओं के जन्‍म के समय प्रसव कक्षों में  देखभाल की बेहतर गुणवत्तापूर्ण व्यवस्था स्थापित करना अत्‍यंत ज़रूरी होता है, ताकि माँ एवं नवजात शिशु दोनों के ही जीवन को कोई खतरा न हो। 
इस तथ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा ‘लक्ष्‍य- प्रसव कक्ष गुणवत्ता सुधार पहल’ का शुभारंभ किया गया है।
‘लक्ष्‍य’ के माध्यम से प्रसव कक्षों और ऑपरेशन थियेटर में गर्भवती माँ की बेहतर देखभाल सुनिश्चित की जा सकती है। 
इसके साथ-साथ यह नवजात शिशुओं के जन्‍म के समय उत्पन्न होने वाली अवांछनीय प्रतिकूल स्थितियों से भी सुरक्षा प्रदान करेगा। 
यह पहल सरकारी मेडिकल कॉलजों के अलावा ज़िला अस्‍पतालों (District Hospitals - DHs), अधिक डिलीवरी लोड वाले उप-ज़िला अस्‍पतालों (Sub- District Hospitals – SDHs) और सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों (Community Health Centres – CHCs) में भी प्रभाव में लाई जाएगी।

प्रसूति उच्च निर्भरता इकाइयों एवं गहन देखभाल इकाइयों के लिये परिचालन दिशा-निर्देश

  • नवजात शिशु के जन्‍म के समय माँ की मृत्‍यु की संभावनाओं को कम करने के लिये सबसे ज़रूरी यह है कि जटिल मामलों के संदर्भ में अत्‍यधिक देखभाल सुनिश्चित की जाए। 
  • इसके लिये भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016 में प्रसूति उच्च निर्भरता इकाइयों एवं गहन देखभाल इकाइयों की स्‍थापना हेतु परिचालन दिशा-निर्देश जारी किये गए। 
  • इन दिशा-निर्देशों के तहत प्रसूति उच्च निर्भरता इकाइयों एवं गहन देखभाल इकाइयों की एक व्‍यापक अवधारणा पेश की गई। 
  • ये दिशा-निर्देश न केवल मौजूदा राष्‍ट्रीय दिशा-निर्देशों के पूरक साबित होंगे, बल्कि इनसे राज्‍यों एवं राज्‍य स्‍तरीय नीति निर्माताओं को मेडिकल कॉलेजों एवं ज़िला अस्‍पतालों में उन गहन देखभाल इकाइयों की स्‍थापना एवं परिचालन करने में भी मदद मिलेगी, जो गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को जन्‍म देने वाली माताओं को समर्पित होंगी।

सुरक्षित प्रसव एप

  • ‘सुरक्षित प्रसव एप’ (Safe Delivery Application) एक मोबाइल हेल्‍थ टूल है, जिसका उपयोग परिधीय क्षेत्रों में शिशुओं के सामान्य एवं जटिल प्रसव का प्रबंधन करने वाले स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारियों के लिये किया जा सकता है। 
  • इस एप में महत्त्वपूर्ण प्रसूति प्रक्रियाओं पर नैदानिक निर्देशात्‍मक फिल्में डाली गई हैं, जिनसे स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारियों को अपने कौशल को व्‍यवहार में लाने में मदद मिलेगी। 
  • इस एप को भारतीय स्थितियों के संदर्भ के अनुरूप तैयार किया गया है। 

निष्कर्ष
वर्तमान में दुनिया भर में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार करने के उद्देश्य से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज़ (Universal Health Coverage - UHC) को प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के संदर्भ में एकल स्वास्थ्य की सबसे ताकतवर अवधारणा है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का समर्थन करने के लिये दिसंबर 2012 में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में वर्णित लक्ष्यों के तहत वर्ष 2030 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज़ को प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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